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जीवन में कुछ करना है तो मन के मारे मत बैठो मजबूत मन से ही सब संभव- आचार्य विजयराज


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जीवन में कुछ करना है तो मन के मारे मत बैठो
मजबूत मन से ही सब संभव- आचार्य  विजयराज जी म.सा.
अपना आत्मविश्वास बनाए रखो- आचार्य श्री विजयराज जी म.सा.
बीकानेर। तीन तरह का मन होता है। एक मजबूत मन, दूसरा मजबूर मन और तीसरा मजदूर मन होता है। लेकिन, जीवन में सफलता किसे प्राप्त होती है...?, जिसका मन मजबूत होता है। अगर हम हमेशा जीवन में आगे बढऩा चाहते हैं, हमें अपना मन मजबूत बनाना चाहिए। जीवन का लक्ष्य भी वही पाते हैं, जिनका मन मजबूत होता है। यह सद्विचार श्री शान्त क्रान्ति जैन श्रावक संघ के 1008 आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. ने रविवार को पवनपुरी स्थित झंवरलाल सेठिया (मन्नू बाबू), सुनील सेठिया और सुदीप सेठिया (पिंकु) के निवास पर विहार के दौरान व्यक्त किए। महाराज साहब ने मन कैसा होना चाहिए विषय पर व्याख्यान देते हुए श्रावक -श्राविकाओं को मन के बारे में जानकारी दी।
आचार्य श्री ने कहा कि मजबूत मन से सबकुछ होता है। मन में कमजोरी, कच्चापन आ जाता है। यह कुछ परिस्थितियों के कारण होता है और कुछ कर्मों के कारण मन कमजोर हो जाता है। आज कमजोर मन वाले ज्यादा हैं। साधु-संतो का मन मजबूत होता है तो हम कैसी भी स्थिति हो, परिस्थिति हो संयम के मार्ग को नहीं छोड़ते, पक्के मन वालों की यह सोच होती है कि यह दुख -तकलीफ जीवन का हिस्सा है। महाराज साहब ने कहा कि मैं आपकी बात नहीं करता लेकिन मेरा मन कच्चा होता तो क्या मैं साधुपन ले पाता। याद रखो- मन मजबूत होता है आत्मविश्वास से, इसलिए अपना आत्मविश्वास बनाए रखो।
तीन पर भरोसा करना चाहिए
आचार्य श्री विजयराज जी ने फरमाया कि तीन पर सदा भरोसा करना चाहिए। पहला आत्मा की शक्ति पर, जिसे भरोसा हो उसका मन मजबूत होता है। दूसरा परमात्मा की भक्ति पर , परमात्मा की भक्ति संसार में भरोसे लायक है। हालांकि परमात्मा दिखते नहीं है, लेकिन, यह श्रद्धा, अनुभव और आस्था का विषय है। तीसरा गुरुजनों की अभिव्यक्ति पर भरोसा करना चाहिए। गुरु की अभिव्यक्ति को जो मानता है, उसका मन मजबूत हो जाता है।
संत मुनि और महासतीयों ने विहार किया
श्री शान्त क्रान्ति जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष विजयकुमार लोढ़ा ने बताया कि आचार्य श्री विजयराज जी महाराज साहब के आज्ञानुवर्ति महासतीयों पद़मश्री जी आदि ठाणा-3 ने नवकार भवन गंगाशहर से विहार कर उदयरामसर मंदिर पहुंचे। अनुपम मुनि जी एवं वैराग्य प्रिय जी ने रविवार सुबह उदयरामसर से विहार कर पलाना प्रस्थान किया। अध्यक्ष विजयकुमार लोढ़ा ने बताया कि आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. रविवार सुबह सादुलगंज से विहार कर पवनपुरी स्थित झंवरलाल सेठिया (मन्नू बाबू), सुनील सेठिया और सुदीप सेठिया (पिंकु) के निवास पधारे, जहां सुबह प्रवचन के बाद दोपहर की महामंगलिक दी। तत्पश्चात गौतम प्रसादी का आयोजन हुआ। आचार्य श्री सोमवार सुबह पवनपुरी से विहार कर गंगाशहर स्थित घेवरचंद बोथरा की कोटड़ी पधारेंगे।


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