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दुष्प्रभाव रहित है आयुर्वेद उपचार, क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा भी कारगर
बीकानेर, 14 सितंबर। आयुर्वेद विभाग की विशिष्ठ संगठन योजना के तहत देशनोक के श्री करणी मंडल सेवा सदन में बुधवार को नि:शुल्क आयुर्वेद शल्य चिकित्सा शिविर प्रारंभ हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरपालिका देशनोक के अध्यक्ष ओमप्रकाश मूंधड़ा, विशिष्ठ अतिथि करणी मन्दिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष श्री बादल सिंह, रामप्रताप हनुमानदास मूंधड़ा चेरिटेबल ट्रस्ट के सचिव अशोक मूंधड़ा, करणी मन्दिर के पूर्व अध्यक्ष गिरीराज सिंह बारहठ और माधोदान ने भगवान धनवंतरि व माँ करणी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शिविर का उद्घाटन किया।
आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. बलबीर शरण शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद दुष्प्रभाव रहित है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति होने से लोगों में आयुर्वेद के प्रति गहरा विश्वास है।
अध्यक्षता करते हुए विभाग के उपनिदेशक डा. नरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद शल्य चिकित्सा में अर्श व भगंदर रोग में क्षारसूत्र कारगर उपचार है। शिविर में खासतौर पर अर्श भगंदर आदि का उपचार होगा।
शिविर प्रभारी डॉ.रिड़मल सिंह राठौड़ व सह प्रभारी डा. राजेन्द्र सोनी, डॉ. जितेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि दस दिवसीय शिविर में अर्श, भगंदर, नाड़ीवर्ण, अश्मरी, वातव्याधि, गृधसी, संधिवात, आमवात, जीर्ण ज्वर, श्वांस, शिरोरोग, स्त्रीरोग, रक्तप्रदर, श्वेतप्रदर एवं जीर्ण रोगों का उपचार किया जाएगा। भर्ती रोगियों को दवाओं के साथ भोजन व आवास व्यवस्था नि:शुल्क मुहैया कराई जाएगी। शिविर के दौरान 15 व 16 सितंबर को ईएनटी व अग्निकर्म चिकित्सा के लिए विशेषज्ञों द्वारा सेवा दी जाएगी।
शिविर समन्वयक डॉ. अनिल खंडेलवाल, डॉ. ओमप्रकाश कुमावत और जयदेव सिंह चारण ने बताया कि नि:शुल्क शिविर में 102 मरीजों का पंजीयन कर परामर्श व जाँच की गई। इसमें से 30 मरीजों को शल्य चिकित्सा के लिए भर्ती किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सागरमल शर्मा ने किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने भी शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने शिविर की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान आयुर्वेद विभाग द्वारा डॉ. पंवार का अभिनंदन किया गया।
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