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कर दिखाया आयुक्त ने...  

कर दिखाया आयुक्त ने, 38 अवैध कॉलोनियों के खिलाफ वाद दायर 

 हेम शर्मा

 संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं। यह उनकी प्रशासनिक दक्षता और बात की विश्वसनीयता है। चाहे के ई एम रोड पर एक तरफा यातायात हो या अतिक्रमण अभियान जो कहा है करके दिखाया है। कितना अच्छा हो बीकानेर शहर से गुजरने वाले चारों सड़क मार्गों पर 10 _ 10 किलोमीटर पर सघन पौधरोपण जन आंदोलन बन जाए। संभागीय आयुक्त ने कहा है तो 10 किलोमीटर में पौधे लगेंगे और सघन पेड़ बनेंगे। जनता जुट जाए तो संभागीय आयुक्त के नेतृत्व में यह बड़ा काम आसानी से हो सकेगा। हमारा नागरिक दायित्व भी निभेगा। चौराहों का सौंदर्यकरण, नए चौराहों का विकास जनता होता देख रही है।


अब संभागीय आयुक्त के निर्देश पर जिले की 38 अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध भू-राजस्व अधिनियम 1955 की धारा 175-77 के तहत सहायक कलक्टर, बीकानेर के न्यायालय में वाद दायर किए गए हैं। 

अब तक जिले में 121 अवैध कोलोनियां चिन्हित की गई है। इसमें पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के उप पंजीयक प्रथम की ओर से 78, उप पंजीयक द्वितीय की ओर से 28 और उप पंजीयक तृतीय की ओर से 6 कालोनियां शामिल है। कुल 121 अवैध कॉलोनियां में से जिन 38 के विरूद्ध वाद दायर है उसमें करमीसर की रोही में 19, किसमीदेसर के 10, नापासर के 3, गंगाशहर भीनासर के 2 तथा हिमतासर, रिड़मलसर पुरोहितान, सरह कजानी, नाल छोटी और 16 बीएसएम के एक-एक हैं। 

बाकि अवैध चिन्हित कॉलोनियों के विरूद्ध कार्रवाई प्रक्रिया में है। इसके साथ ही इन कॉलोनियों के दोषी नगर नियोजन, न्यास, निगम, भू प्रबंधन विभाग, राजस्व विभाग, तहसीलदार, पटवारी से लेकर जो भी दोषी हो बकौल आयुक्त कार्रवाई होनी है।

 डा नीरज के पवन संभागीय आयुक्त के साथ साथ उपनिवेशन आयुक्त और आयुक्त सिंचित क्षेत्र विकास भी है। उपनिवेशन तहसील श्रीकोलायत ( गजनेर) की सुध भी उनकी विभागीय जिम्मेदारी है। उपनिवेशन विभाग ने फरवरी 2022 को खातेदारी के आवेदन मांगे। सात माह से सैकड़ों काश्तकार विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। काम में देरी क्यों हो रही है? काम में देरी करना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। उपनिवेशन आयुक्त के आंखों के सामने यह स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री किसानों के प्रति संवेदनशील है। सरकार किसानों को कैंप लगाकर खातेदारी दे रही है। उपनिवेशन विभाग की देरी के पीछे निहतार्थ क्या हैं ? आयुक्त को जांचना चाहिए।









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