Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

m

m

आम आदमी को बीमारी से छुटकारा दिलाएगी जेनरिक दवाइयां :-: अब हर मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवाइयों का विशेष रैक होगा,

 *BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 


 कोरोना : न भूलें बचाव ही उपचार 😷 


 पहले मास्क लगाएं फिर खबर पढ़ें 🙏 


 क्लिक करें हैडिंग सुनें 👉
🔊 आम आदमी को बीमारी से छुटकारा दिलाएगी जेनरिक दवाइयां :-: अब हर मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवाइयों का विशेष रैक होगा,  

 

 

 

 

 

 📰 🙏 मोहन थानवी 🙏 







आम आदमी को बीमारी से छुटकारा दिलाएगी जेनरिक दवाइयां :-: अब हर मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवाइयों का विशेष रैक होगा,  




 twitter, Podcast, YouTube, साहित्य-सभागार के साथ-साथ Facebook, Pinterest, LinkedIn और Instagram पर भी आपकी खबरें Khabron Me Bikaner 🎤 



 🇮🇳 सच्चाई पढ़ें । सकारात्मक रहें । संभावनाएं तलाशें ।  

 

 

 

  क्लिक करें खबर सुनें 👉

 

 
🔊  आम आदमी को बीमारी से छुटकारा दिलाएगी जेनरिक दवाइयां :-: अब हर मेडिकल स्टोर पर जेनरिक दवाइयों का विशेष रैक होगा,   बीकानेर  कोरोना के प्रकोप व मौसमी बीमारियों के दौर में सरकार जेनेरिक दवाओं पर जोर दे रही है। ताकि आमजन को  दवाओं के खर्च से राहत  मिल सके।

राज्य सरकार ने आदेश निकाला है कि हर दवा काउंटर पर जेनेरिक दवा उपलब्ध होने का बोर्ड चस्पा करना होगा, वहीं मेडिकल स्टोर पर इसकी अलग रैक होगी, जिसमें जेनेरिक दवाइयां होगी। ये दवाइयां अन्य ब्रांडेंड यानि इथिकल दवाओं से सस्ती होती है।

चिकित्सकों को भी जेनेरिक दवाइयां लिखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि बीमारियों के चलते हर कोई दवाओं का पूरा कोर्स नहीं खरीद पाता। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बीमार होने पर इस परेशानी से जूझना पड़ता है।

ऐसे हालात को देखते हुए जेनेरिक दवाओं का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए मेडिकल स्टोर संचालक को भी पाबंद किया जा रहा है कि वे अपनी दुकान के बाहर जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध होने का बोर्ड लगाएंगे, ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। ड्रग नियंत्रण विभाग इसे अभियान के रूप में ले रहा है। पाली जिले के एक हजार के करीब मेडिकल स्टोर संचालकों को इसके लिए कहा गया है

जेनेरिक दवा किसे कहते हैं…

जेनेरिक दवा या इंटरनेशनल नॉन प्रॉपराइटी नेम मेडिसिन भी कहते हैं, जिनकी निर्माण सामग्री ब्रांडेड दवाओं के समान होती है, साथ ही ये दवाइयां विश्व स्वास्थ्य संगठन की ड्रग लिस्ट के मानदंडों के अनुरूप होती हैं। जेनेरिक दवाओं को बाजार में उतारने के लिए ठीक वैसे ही अनुमति और लाइसेंस लेना होता है, जैसा कि ब्रांडेड दवाओं के लिए जरूरी होता है।

ब्रांडेड दवा की तरह जेनेरिक दवाओं को गुणवत्ता मानकों की तमाम प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। किसी एक बीमारी के इलाज के लिए तमाम तरह की रिसर्च और स्टडी के बाद एक रसायन यानि साल्ट तैयार किया जाता है। जिसे आसानी से उपलब्ध करवाने के लिए दवा की शक्ल दे दी जाती है। इस साल्ट को हर कंपनी अलग-अलग नामों से बेचती है।

कोई इसे महंगे दामों में बेचती है तो कोई सस्ते दामों पर। लेकिन इस साल्ट का जेनेरिक नाम साल्ट के कंपोजिशन और बीमारी का ध्यान रखते हुए एक विशेष समिति द्वारा निर्धारित किया जाता है।

जेनेरिक दवा का नाम पूरे विश्व में सिर्फ एक ही होता जैसे-बुखार में काम आने वाली पेरासिटामोल की टेबलेट हर कंपनी अलग-अलग नामों से बनाती है, लेकिन यदि यह जेनेरिक होगी तो इस पर हर देश में सिर्फ पैरासिटामॉल ही लिखा होगा।

हर काउंटर पर जेनेरिक दवा होगी…

यह सहीं है कि सरकार के आदेश पर जेनेरिक दवा की बिक्री पर जोर दिया जा रहा है। हर दवा काउंटर पर यह उपलब्ध होगी, चिकित्सकों को भी जेनेरिक लिखने के लिए कहा गया है। हर दवा काउंटर पर जेनेरिक उपलब्धता का बोर्ड लगाना होगा।

– डॉ.बीएल मीणा,सीएमएचओ, बीकानेर




 ✍️

Abhayindia.com
📒 CP MEDIA 🙏 मोहन थानवी 🙏 





🙏 


< 📰 📑 पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 📖 📓

*BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर 🎤📺* 🌹📻😆 व्हाट्सअप पर आपकी भेजी सूचना न्यूज सेक्शन तक समय पर नहीं मिलती इसलिए हम उसकी खबर नहीं लिख पाते । विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com 

अपनी टिप्पणी /कमेंट लिखें 👇🏽




Post a Comment

0 Comments