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सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों का संकलन पद्मश्री कवि अशोक चक्रधर ने किया लोकार्पण राजस्थान से प्रभात गोस्वामी, संजय पुरोहित सहित18 व्यंग्यकार शामिल

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🔊  सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों का संकलन  
पद्मश्री कवि अशोक चक्रधर ने किया लोकार्पण
राजस्थान से प्रभात गोस्वामी, संजय पुरोहित सहित18 व्यंग्यकार शामिल - - जयपुर . देश के लब्ध प्रतिष्ठ कवि अशोक चक्रधर ने कहा कि व्यंग्य बहुत प्रभावशाली विधा है . यह विधा अन्य विधाओं में भी संक्रमण करती है . व्यंग्य करुणा से उपजता है . उन्होंने आज़ादी के बाद से व्यंग्य के विकास को रेखांकित करते हुए इसके विविध पक्षों पर विस्तार से चर्चा की .   
चक्रधर दिल्ली स्थित अपने आवास पर 21वीं सदी के 131 श्रेष्ठ व्यंग्यकारों की व्यंग्य रचनाओं का वृहद् संकलन का वर्चुअल लोकार्पण करने के बाद विचार प्रकट कर रहे थे . कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करते हुए इस समारोह में उपस्थिति सिमित ही रखी गई. इस अवसर पर देश-विदेश से व्यंग्यकार ज़ूम मीटिंग एप के ज़रिये इस कार्यक्रम से लाइव जुड़े हुए थे .
 चक्रधर ने सभी 131 व्यंग्यकारों को बधाई दी .प्रलेक प्रकाशन समूह , मुंबई द्वारा यह महत्त्वपूर्ण प्रकाशन किया गया है .इस वृहद् संग्रह में राजस्थान के 18 व्यंग्यकारों की व्यंग्य रचनाओं को शामिल किया गया है . देश-विदेश के सक्रिय और श्रेष्ठ व्यंग्यकारों के इस संग्रह का संपादन देश के सुपरिचित व्यंग्यकार डॉ लालित्य ललित तथा व्यंग्य आलोचक डॉ राजेश कुमार ने किया है . संकलन का लोकार्पण 2, अक्टूबर गाँधी जयंती के अवसर पर दिल्ली में किया गया.
समारोह में व्यंग्य संकलन के संपादक प्रख्यात व्यंग्यकार , समाआलोचक प्रो राजेश कुमार ने कहा कि इस संकलन के लोकार्पण के लिए गाँधी जयंती से बेहतर कोई भी दूसरा अवसर हो ही नहीं सकता था . उन्होंने कहा कि यह संकलन हिंदी साहित्य के क्षेत्र की एक बड़ी उपलब्धि होगी . हर साहित्यकार किसी न किसी रूप में व्यंग्य का या तो विधा के स्तर पर या उपकरण के तौर पर अपने ही साहित्य में उपयोग करता है. समाज में परिवर्तन और उत्थान की दिशा में व्यंग्य की क्षमता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को जब भी उसकी ज़रूरत होती है तब व्यंग्यकार हमेशा उसके साथ खड़ा रहता है . उन्होंने कहा कि साहित्य का कार्य सभी को जोड़ना होता है.
संकलन के दूसरे संपादक सुप्रसिद्ध कवि, व्यंग्यकार डॉ लालित्य ललित ने कहा कि उन्हें व्यंग्य विधा में अपार संभावनाएं दिखाई देतीं हैं . वह न केवल अपनी अपितु अन्य व्यंग्यकारों की रचनाओं के माध्यम से पाठकों को साहित्य सुख देने में विश्वास रखते हैं . उन्होंने बताया कि इससे पहले वह दो बड़े व्यंग्य संग्रह तैयार कर चुके हैं लेकिन यह संग्रह विशेषरूप से चुनौतीपूण और आनंददायक है. इस वृहद् संग्रह के माध्यम से उन्होंने साहित्य की गुणवत्ता और साहित्य की क्षमता के बहुत से नए आयाम महसूस किये . उन्होंने कहा कि अच्छे साहित्य को पाठकों के लिए प्रस्तुत करना आवश्यक और महत्त्वपूर्ण सेवा है . और ऐसा करते हुए उन्होंने बहुत संतुष्टि और आनंद का अनुभव किया है .उन्होंने यह भी कहा कि साहित्यकारों को साथ लेन के लिए ऐसे प्रयास आगे भी जारी रहेंगे और इस तरह से हम पाठकों और साहित्य की सेवा में खुद को समर्पित रखेंगे .
प्रलेक प्रकाशन समूह के निदेशक, जितेंद्र पात्रो ने बताया कि पूर्व में यह योजना 101 व्यंग्यकारों को शामिल करने की थी जिसे बढाकर अब 131 कर दिया गया है. महज एक महीने के अंतराल में देश और दुनिया से लगभग 200 व्यंग्यकारों की रचनाओं में से 131 का चयन किया गया जो सहज कार्य नहीं था . सभी रचनाएँ अपनी-अपनी शक्ति से श्रेष्ठ थीं. संभवतः यह पहला अवसर है जब देश-विदेश से इतनी बड़ी संख्या में व्यंग्यकारों को एक मंच पर अपनी सृजनात्मक क्षमता दिखाने का अवसर मिला है .
उन्होंने बताया कि राजस्थान के व्यंग्यकारों ने पूरी सक्रियता के साथ इस संग्रह के लिए व्यंग्य भेजे जिनमें से 18 व्यंग्यकारों की रचनाओं को शामिल किया गया है . राज्य के पूरन सरमा , फ़ारूक अफरीदी , अजय अनुरागी, प्रभात गोस्वामी , सुधीर केवलिया , नीरज दैया, संजय पुरोहित ,आत्माराम भाटी, रामविलास जांगीड ,बुलाकी शर्मा ,प्रभाशंकर उपाध्याय ,अनुराग वाजपेयी,अजय जोशी,प्रमोद कुमार चमौली , गोविन्द शर्मा ,इन्द्रजीत कौशिक ,सुनीता शानू और परवेश जैन की व्यंग्य रचनाओं को इस मेगा संकलन में प्रकाशित हुईं हैं . संकलन में देश के साथ विदेशों के भी व्यंग्यकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा व न्यूजीलैंड के व्यंग्यकार भी शामिल है।
देश के प्रदेशों के चयनित व्यंग्यकारों का लेखा-जोखा बताते हुए श्री जितेंद्र पात्रो ने बताया कि इस संचयन में राजस्थान से 18, मध्य प्रदेश से 36, उत्तर प्रदेश से 22, राजधानी दिल्ली से 12, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से 10 प्रत्येक, उत्तराखंड से 4, हिमाचल प्रदेश और बिहार से 3 प्रत्येक, पंजाब और झारखंड से 2-2, तथा पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चंडीगढ़, जम्मू, तमिलनाडु, और तेलंगाना से एक-एक व्यंग्यकार को शामिल किया गया है . इसके साथ ही कनाडा से 3, तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से एक-एक व्यंग्यकार को संकलन में स्थान मिला है. कार्यक्रम का संचालन युवा व्यंग्यकार चंद्रकांता ने किया .
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