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खबरों में बीकानेर 🎤🌐 धूमधाम से हुआ आचार्य विजय जयानंद सूरिश्वरजी के नगर प्रवेश उपासरे का लोकार्पण व संक्रांति महोत्सव शनिवार को

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खबरों में बीकानेर 🎤🌐 धूमधाम से हुआ आचार्य विजय जयानंद सूरिश्वरजी के नगर प्रवेश उपासरे का लोकार्पण व संक्रांति महोत्सव शनिवार को 
बीकानेर,13 मार्च। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी  और  बीकानेर मूल के गणिवर्य जयकीर्ति म.सा. ने पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन वैदों के महावीरजी मंदिर सहित अनेक जैन मंदिरों में दर्शन,स्तुति-वंदना करते हुए शोभायात्रा के साथ नगर प्रवेश किया। नगर प्रवेश रास्ते में जगह-जगह जयकारों, चावल से स्वास्तिक की गंवली से जैन श्वेताम्बर तपागच्छ के साथ खरतरगच्छ, पाश्र्वचन्द्रगच्छ के अनुयायियों ने भी आचार्यश्री व गणिवर्य का अभिनंदन किया ।
शोभायात्रा में सजे संवेरे घोड़े, उंट, बैंड पार्टी, ढोल वादकों की टोली भक्तिगीतों की धुनें बजा रहीं थीं। विभिन्न भजन मंडलियों के सदस्य व युवा नृृत्य कर रहे थे। शोभायात्रा में भगवान पाश्र्वनाथ, जैनाचार्य वल्लभ सूरी सहित बनेक आचार्यों की आदमकद तेल चित्र, तपागच्छ संघ की महिलाएं एक सी कसुम्बल पंचरंगी जैन ध्वज के बोर्डर की साड़ी पहने हुए थीं वहीं कई महिलाएं पीला व चुनड़ी की साड़ी पहने हुए सिर पर कलश लिए मंगलगीत गाते हुए चल रहीं थीं। श्रावक भगवान महावीर, जैन धर्म तथा जैनाचार्यों के जैकारा लगाते हुए चल रहे थे। आचार्यश्री व गणिवर्यश्री का आसानियों के चैक में जैन श्वेताम्बर पाश्र्वचन्द्रगच्छ की वरिष्ठ साध्वी पदमप्रभा, सुर्वताश्री व मरुत प्रभा ने वंदन किया। शोभायात्रा के मार्ग पर अनेक स्थानों पर स्वागतद्वार व जैनाचार्यों के चित्र व संदेशों से युक्त बैनर लगाएं  बल्लभ चैक  गोगोगट के बाहर से रवाना हुई आचार्यश्री के नगर प्रवेश की शोभायात्रा जैन बहुल्य मोहल्लों से होते हुए रांगड़ी चैक की तपागच्छीय पौषधशाला में धर्मसभा में बदल गई । धर्मसभा में आचार्यश्री जयानंद सूरिश्वरजी ने प्रवचन में कहा कि देव, गुरु व धर्म के प्रति पूर्ण समर्पित रहे। उन्होंने एक भजन ’जीवन संवर जाएं’’ के माध्यम से भी भावाभिव्यक्ति दी। बीकानेर मूल के गणिवर्य जयकीर्ति विजय ने कहा कि शनिवार को लोकर्पित होने वाले उपासरे में उन्होंने धार्मिक शिक्षा लेकर पांच महाव्रत धारण किया है। उपासरे में धार्मिक शिक्षा नियमित जारी रखने से आने वाली पीढ़ी धार्मिक संस्कारों से संस्कारित होगी। वरिष्ठ श्रावक शांति लाल सेठिया, चन्द्र कुमार कोचर, नीलम सिपानी और शांति लाल कोचर आदि श्रावकों ने नूतन उपासरे में धार्मिक शिक्षा की व्यवस्था का संकल्प दोहरया। तपागच्छ महिला मंडल, कंचन देवी कोचर व रौनक कोचर ने भक्ति गीत पेश किया।
गौड़ी पाश्र्वनाथ जैन मंदिर में नौकारसी व शोभायात्रा का सम्पूर्ण लाभ लेने वाले सुश्रावक भंवर लाल, सुन्दरलाल, शांति लाल व देवेन्द्र कुमार कोचर परिवार ने तपागच्छीय पौषधशाला में सभी श्रावक-श्राविकाओं का श्रीफल प्रदान कर प्रभावना के माध्यम से अभिनंदन किया।  
  जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ के वरिष्ठ श्रावक शांति लाल कोचर ने बताया कि
भोले बाबा और स्वर्ण संत के रूप में विख्यात आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी म.सा. 14 मार्च (शनिवार) को रांगड़ी चैक की तपागच्छीय पौषधशाला से सुबह साढ़े आठ बजे रवाना होकर कोचरों के चैक में पंच मंदिर के पास तपागच्छीय अधिष्ठायक चमत्कारी देव श्रीमणिभद्र वीर मंदिर के द्वार उद््घाटन व नूतन कोचर पुरुष उपासरे का लोकार्पण करेंगे।
आचार्यश्री विजय जयानंद सूरिश्वरजी म.सा. 14 मार्च को उपासरे के द्वार के लोकार्पण के बाद सकलश्री संघ के साथ गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर में पहुंचंेगे। वहां सुबह दस बजे महामंगलकारी संक्रांति प्रवचन करेंगे। प्रवचन के बाद गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर परिसर में ही स्वामीवत्सल का आयोजन होगा, जिसके लाभार्थी सुश्रावक माणक चंद-शांति लाल सेठिया, गुलाबचंद-चन्द्र कुमार कोचर और सुश्रावक भंवर लाल, सुन्दरलाल, शांति लाल व देवेन्द्र कुमार कोचर परिवार होंगे। आचार्यश्री का 66 वां जन्म दिन 18 मार्च को जप,तप, धर्म,ध्यान और दान-पुण्य के साथ मनाया जाएगा।







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