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खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 रंग मुस्काये : भानू भारती के रंगकर्म को सम्मानित कर हुआ बीकानेर थिएटर फेस्टिवल - 2020 का यादगार आगाज

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सुप्रसिद्ध रंग शख्सियत भानू भारती को समर्पित बीकानेर थिएटर फेस्टिवल - 2020 का शानदार आगाज 

प्रसिद्ध अभिनेता यशपाल शर्मा ने किया उद्घाटन 

बीकानेर। अनुराग कला केंद्र, विरासत संवर्धन संस्थान, उत्तर पश्चिम रेलवे साहित्य संस्कृति एवं ललित कला संस्थान, बीकानेर मंडल, होटल मिलेनियम एवं आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के संयुक्त तत्वावधान में बीकानेर में 4 से 8 मार्च तक आयोज्य बीकानेर थिएटर फेस्टिवल 2020 का उद्घाटन बुधवार को गंगाशहर स्थित होटल मिलेनियम में प्रसिद्ध सिने अभिनेता यशपाल शर्मा ने किया।  अध्यक्षता समाजसेवी टी एम लालानी ने की। इस अवसर पर शाल, सम्मान पत्र, ममेंटो, दुपट्टा, श्रीफल इत्यादि भेंट कर बीकानेर थिएटर फेस्टिवल को भानू भारती के रंग कर्म को समर्पित किया गया। लक्ष्मीनारायण सोनी, एस डी चौहान, इकबाल हुसैन, प्रदीप भटनागर एवं मालचंद तिवाड़ी जैसे वरिष्ठ एवं दिग्गज नाट्यकर्मियों द्वारा भानू भारती को उक्त सम्मान प्रदत किए गए। हरीश बी शर्मा ने सम्मान पत्र का वाचन किया। इस सम्मान के प्रत्युत्तर में संबोधित करते हुए भानू भारती ने कहा कि वे इस सम्मान से अभिभूत हैं और जितनी प्रसन्नता मां की कोख से जन्म लेने पर होती है उतनी ही खुशी आज इस सम्मान को प्राप्त करने से हो रही है। इस अवसर पर अपने संबोधन में फिल्म शख्सियत यशपाल शर्मा ने कहा कि थियेटर उनके जीवन का अभिन्न अंग है और आज वे जिस मुकाम पर हैं, सिर्फ थिएटर की बदौलत ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि कभी भी कलाकार को थिएटर से अलग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे फिल्म जगत में अत्यधिक व्यस्त हैं फिर भी अभी ग्यारह नाटकों में रोल कर रहे हैं। शर्मा ने फेस्टिवल को भानू भारती को समर्पित करने के निर्णय की खुले मन से प्रशंसा करते हुए कहा कि नाटक तुगलक नहीं करना चाहते थे, लेकिन भानू भारती के कहने पर ही इस नाटक को किया और ये उनके अभिनय के लिए बहुत सार्थक रहा। डॉ. नंदकिशोर आचार्य ने भानू भारती के व्यक्तित्व व रंगकर्म के संबंध में जानकारी दी तथा उन्हें एक आदर्श रंगधर्मी की संज्ञा दी। एन एस डी के चेयरमैन डॉ अर्जुन देव चारण ने कहा कि बीकानेर थिएटर फेस्टिवल आज एक स्तरीय रंग पर्व का पर्याय बन गया है। 
वरिष्ठ साहित्यकार - पत्रकार मधु आचार्य ने बीकानेर थिएटर फेस्टिवल की तारीफ करते हुए कहा कि यह कहने में कोई संशय नहीं है कि भारतीय रंगमंच का इतिहास अब बीकानेर रंगमंच के बिना अधूरा है। देश के हर रंगकर्मी की नजर बीकानेर थिएटर फेस्टिवल पर है। इस फेस्टिवल में देश के विभिन्न क्षेत्रों के पांच सौ रंगकर्मी सम्मिलित होते हैं, यह अपने आप में एक बहुत ही विशिष्ट पहचान है। 
टी एम लालानी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बिना जूनून कोई भी काम मिसाल नहीं बनते हैं और ये सुधेश व्यास व उनकी टीम का जूनून व डिवोशन ही है जो, आज बीकानेर थिएटर फेस्टिवल पूरे देश में परचम फहरा रहा है। बीकानेर के रंगकर्मियों ने सतत साधना के स्तर पर नाटक विधा का का ध्वज वंदन जिस तत्परता से किया है, वह स्तुत्य है। इस अवसर पर स्वागत संबोधन में अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजसेवी हंसराज डागा ने कहा कि बीकानेर थिएटर फेस्टिवल नाटकों का लघु कुंभ पर्व जैसा है, जिससे रंग जगत समृद्ध हो रहा है। फेस्टिवल के संयोजक सुधेश व्यास ने पांच दिन के इस आयोजन के सभी आयामों की जानकारी दी। 
आभार प्रदर्शन होटल मिलेनियम के डायरेक्टर - समाजसेवी रामदेव अग्रवाल ने किया। उद्घाटन सत्र का संचालन वरिष्ठ लेखक पत्रकार हरीश बी शर्मा ने किया। 
इस मौके पर रवींद्र त्रिपाठी एवं डी एस बजेली का सम्मान भी किया गया। 
फेस्टिवल के समन्वयक विजयसिंह राठौड़ ने बताया कि उद्घाटन के बाद नाटक तुगलक की स्क्रीनिंग हुई। इस नाटक के संबंध में जानकारी देते हुए यशपाल शर्मा ने बताया कि यह एक एतिहासिक नाटक है और फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में भी इसका मंचन हो चुका है। 

फेस्टिवल के मीडिया कॉआर्डिनेटर गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रंग शख्सियत भानू भारती, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नंद किशोर आचार्य व डॉ. अर्जुन देव चारण, केंद्रीय साहित्य अकादमी के राजस्थानी भाषा के परामर्शक मंडल के संयोजक मधु आचार्य 'आशावादी' व प्रसिद्ध उद्योगपति - समाजसेवी रामदेव अग्रवाल कार्यक्रम में अतिथियों के रूप में मौजूद थे।


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उद्घाटन सत्र के बने ये साक्षी 

उद्घाटन सत्र में कामेश सहल, बुलाकी शर्मा, अनिल गुप्ता, सुनील गज्जाणी, दयानंद शर्मा, नागेंद्र नारायण किराडू, रफीक पठान, विपिन पुरोहित, विजय नायक, अमित असित गोस्वामी, गोपाल जोशी, आशीष गर्ग, योगेंद्र पुरोहित, रवि माथुर, राजेंद्र जोशी इत्यादि सहित शहर के अनेक कलाप्रेमियों ने शिरकत की। 

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इन नाटकों का हुआ प्रभावी मंचन 

फेस्टिवल क्यूरेटर सुनील जोशी ने बताया कि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा प्रायोजित नाटक तोमार डाके का मंचन दोपहर 2:30 बजे रेलवे अॉडिटोरियम में हुआ। सुवोजित बंधोपाध्याय द्वारा लिखित व निर्देशित इस नाटक में थिएटर शाइन, कोलकाता के इप्शिता, सुभोमय, तानिया, मंजीरा, शांतनु पांडा, सौरभ, संतु इत्यादि ने पात्रानुकुल भूमिकाएं निभाईं। टाऊन हाल में सायं 4 :30 बजे रितुपर्णा बिस्वास द्वारा लिखित नाटक एलादिदि का मंचन सुभेंदु भंडारी के निर्देशन में हुआ। इस नाटक में परिचय संस्था, कोलकाता के रितुपर्णा बिस्वास ने अभिनय किया। लेखक निर्देशक डॉ हिमांशु द्विवेदी के निर्देशन में ग्वालियर की संस्था डि अॉफ ड्रामा एंड थिएटर के हिमांशु द्विवेदी, बालकृष्ण मिश्रा, स्वराज रावत, निशांत आर्य, प्रगति परिहार, रिशु गंगवार, सुमित आशीवाल, नरेंद्र सिंह, लक्ष्य अरोड़ा, मानवेंद्र सिंह इत्यादि ने प्रभावी भूमिकाएं अदा की। टी एम अॉडिटोरियम में हेलेन व बापू का मंचन रात्रि सत्र में हुआ। 
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नुक्कड़ नाटक ओ बैठ कागा का हुआ मंचन 

फेस्टिवल के व्यवस्था प्रभारी के के रंगा, विकास शर्मा व अमित सोनी ने बताया कि अमित तिवारी के निर्देशन में अनूभुति, दिल्ली की छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक " ओ बैठ कागा" का मंचन रविंद्र रंगमंच परिसर एवं आर एन बी ग्लोबल यूनिवर्सिटी केंपस में किया गया। 






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