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खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ₹13,500 का टीका भी निःशुल्क, टीकाकरण भर रहा जिन्दगी में इन्द्रधनुषी रंग

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बीकानेर : 3 मार्च, 2020

साढ़े 13 हजार का टीका भी निःशुल्क, टीकाकरण भर रहा जिन्दगी में इन्द्रधनुषी रंग

 
सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान को लेकर मीडिया कार्यशाला आयोजित

बीकानेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। नियमित टीकाकरण से किसी कारण छूट रहे बच्चों व माताओं को प्रतिरक्षित करने 11 जानलेवा बीमरियों से बचाने वाले टीके लगाए जा रहे हैं। शत-प्रतिशत टीकाकरण करने के उद्देश्य से संचालित अभियान के तहत मार्च के प्रथम सप्ताह में चतुर्थ व अंतिम चरण जारी है। इस सन्दर्भ में मंगलवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में मीडिया आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे सहायक निदेशक जनसंपर्क विकास हर्ष सहित प्रतिष्ठित प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व ऑनलाइन मीडिया प्रतिनिधि शामिल हुए। 


हर्ष ने टीकाकरण के फायदे जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान समस्त मीडियाकर्मियों से किया ताकि देश का भविष्य निरोगी हो सके। आरसीएचओ डॉ रमेश गुप्ता ने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लगाए जाने वाले समस्त टीकों, उनके लाभ व समयसारणी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले प्रचलित टीटी यानिकी टिटनेस टोक्सोइड के टीके की जगह अब टीडी ने ले ली है ताकि डिप्थीरिया से भी बचाव हो सके। गर्भवती होते ही महिला को टीडी के टीके से प्रतिरक्षित किया जाना जरूरी है। इसी प्रकार बच्चे के जन्म से ही हेपेटाईटिस बी, बीसीजी व पोलियो जैसे टीके शुरू करने होते हैं। विभिन्न टीके समय पर लगने पर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती जाती है। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर को 48 से 38 तक ले आए हैं लेकिन अभी और कम करना है। उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ अनुरोध तिवारी ने जानकारी दी कि टीकाकरण के साथ-साथ सम्बंधित बीमारियों को लेकर गहन सर्विलेंस भी जारी है पोलियो का उन्मूलन होने के बावजूद संदिग्ध एएफपी केस की पूर्ण जांच करवाई जाती है। इसी प्रकार डिप्थीरिया व मीजल्स के लिए भी फील्ड में लगातार निगरानी की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न क्षेत्रों में समय-समय पर विशेष टीकाकरण अभियान चलाए जाते हैं।
जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि‘खुशियों के रंग, टीकाकरण के संग‘ तथा 5 साल 7 बार के मूल मन्त्र पर सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यूएनडीपी के सहयोग से संचालित इ-विन कार्यक्रम के माध्यम से कोल्ड चैन का बेहतरीन प्रबंधन किया जाता है जिससे टीकों के खराब होने की गुंजाइश नहीं रहती। 

साढ़े 13 हजार का टीका भी निःशुल्क
डॉ रमेश गुप्ता ने जानकारी दी कि निमोनिया बाल मृत्यु का बड़ा कारण है और इससे बचाने वाला पीसीवी (न्यूमोकोकल) टीका नियमित टीकाकरण में लगाना शुरू कर दिया है। लगभग साढ़े 13 हजार रूपए कीमत की एक वायल वाला ये टीका भी सरकार द्वारा निःशुल्क कर दिया गया है। इसी प्रकार महंगे रोटा वायरस व मीजल्स-रुबैला जैसे वीआईपी टीके भी बिलकुल निःशुल्क लगाए जा रहे हैं। जरुरत है कि आमजन इनकी अहमियत समझे।   






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