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हनुमानगढ़ में रविवार को : महान गुरमत समागम में श्रद्धा, संस्कृति और आध्यात्मिकता का हुआ अद्भुत संगम रागी जत्थों ने गुरु इतिहास से जोड़ा, उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ गुरुओं के आदर्श अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य : केंद्रीय मंत्री मेघवाल




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10 नवंबर 2025 सोमवार

खबरों में बीकानेर


✒️@Mohan Thanvi

हनुमानगढ़ में रविवार को : महान गुरमत समागम में श्रद्धा, संस्कृति और आध्यात्मिकता का हुआ अद्भुत संगम

रागी जत्थों ने गुरु इतिहास से जोड़ा, उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़

गुरुओं के आदर्श अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य : केंद्रीय मंत्री मेघवाल




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हनुमानगढ़ में रविवार को : महान गुरमत समागम में श्रद्धा, संस्कृति और आध्यात्मिकता का हुआ अद्भुत संगम

रागी जत्थों ने गुरु इतिहास से जोड़ा, उमड़ी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़

गुरुओं के आदर्श अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य : केंद्रीय मंत्री मेघवाल








हनुमानगढ़। भारत के कानून एवं न्याय मंत्री तथा केन्द्रीय संस्कृति एवम् संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सभी को सत्य, प्रेम और मानवता का पाठ पढाया तथा जात-पात, ऊंच-नीच के भेद को नकारते हुए सभी को एक समान माना। मेघवाल ने आमजन से आह्वान किया कि गुरू नानक देव जी के बताए हुए मार्ग को अपनाकर लोगों की सेवा व मानव उत्थान के लिए कार्य करें। कानून मंत्री मेघवाल सूरतगढ़ रोड़ स्थित श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय में गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 556 वें प्रकाशोत्सव को समर्पित महान गुरमत समागम एंव विशाल सिक्ख ऐतिहासिक प्रदर्शनी के उपलक्ष्य में आयोजित समागम में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने ‘इक ओंकार सतनाम अर्थात् एक ईश्वर, एक सत्य’ का पांच सौ वर्ष पहले संदेश दिया था, वह आज भी समाज के लिए अमृत के समान है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने लंगर के माध्यम से समानता और मानवता का सबसे बड़ा उदाहरण पेश किया। उनका मानना था कि ईमानदारी से मेहनत करो और कमाया हुआ धन दूसरो के साथ बांटो क्योंकि मनुष्य की सेवा करना ही सच्चा धर्म है। कार्यक्रम के तीसरे दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु विश्वविद्यालय प्रांगण में पहुंचे। मेघवाल ने कहा कि गुरु नानक जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी तक समस्त गुरुओं ने राष्ट्र को प्रथम रखा और पूरे राष्ट्र और धर्म को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया, इसके लिए उन्होंने देश के लिए कुर्बानियां दी। मेघवाल ने कहा कि खालसा पंथ एक पंथ नहीं बल्कि गुरु ग्रंथ साहिब से निकला प्रकाश पुंज है जो पूरे भारत को ज्ञान व साहस का रोशनी बिखेरता है। सिक्ख धर्म के देश के प्रति त्याग, बलिदान व साहस अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि ये बहुत ऐतिहासिक है। इस प्रकार के समागम से पता चलता है कि हमारे सिक्ख गुरुओं के द्वारा भारत के गुरुओं के द्वारा किस तरह अपने पंथ की तथा देश, धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया गया। अपने जीवन को लगाया तभी वह महान हुए। उन सब का स्मरण आने वाली पीढ़ियां करें उसके लिए इस प्रकार के संत समागम भावी विरासत को सौंपने के लिए सबसे अच्छा माध्यम हैं। मैं श्री खुशाल दास विश्वविद्यालय को धन्यवाद व बधाई देता हूं जिन्होंने इस महान गुरमत समागम का आयोजन किया। ऐसे अवसर पर हम संकल्प लेते हैं कि हम हमारे धर्मगुरु, हमारे सिक्ख पंथ गुरु नानक जी से लेकर दशमेश तक गुरु गोविंद सिंह जी तक उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए सब की शांति, सद्भावना, प्रेम के लिए संदेश व प्रेरणा हम को दी उसका अनुसरण करेंगे। आज उसी को आगे बढ़ाने का काम एक भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में विकसित भारत के संकल्प के रूप में हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं। वह लगातार वीर बाल दिवस की बात हो, करतार सिंह कॉरिडोर की बात हो, गुरु तेज बहादुर प्रकाश पर्व मनाने की बात हो या हेमकुंड गोविंद घाट रोपवे बनाने की बात हो आजाद भारत के इतिहास में आज तक किसी ने नहीं किया जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं। मेघवाल ने कहा कि बीकानेर से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित श्री कोलायत तीर्थस्थल वह स्थान है जहां महर्षि कपिल और गुरु नानक देव जी की मुलाकात हुई थी। इस स्थान के दर्शन करने से भक्तों को 84 लाख योनियों के कष्टों से मुक्ति मिलती है। मेघवाल ने कहा कि कोलायत महोत्सव के दौरान कपिल सरोवर के तट पर एक अनूठा दृश्य देखने को मिलता है, जहां एक ही समय में हिंदू और सिख धर्म में आस्था रखने वाले श्रद्धालु एक साथ आस्था की डुबकी लगाते हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और अतिथियों ने समागम में गुरुवाणी सुनी, दरबार में शीश नवाया और लंगर छका। श्री गुरु गोबिंद सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबू लाल जुनेजा ने कहा कि क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के उपलक्ष्य में इस समागम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने गुरु नानक देव जी की आध्यात्मिकता का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि भारत संतों और महापुरुषों की उस परंपरा का देश है, जिसने संकट के समय भी राष्ट्र की आत्मा को जीवित रखा। जुनेजा ने कहा कि जब विदेशी आक्रांताओं के आगे कई राजा-रजवाड़े झुक गए, तब गुरु नानक देव जी ने बाबर को ‘जाबर’ यानी जल्लाद कहने का साहस दिखाया। यही भारत की संत परंपरा की शक्ति थी। महान गुरमत समागम एंव विशाल सिक्ख ऐतिहासिक प्रदर्शनी से समाज में विशेषकर युवाओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। साथ ही सामाजिक मूल्यों की महत्ता के बारे में अवगत भी करवाएगा।

पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने कहा कि जिस प्रकार तारों की गिनती असंभव है उसी प्रकार यह यह बताना भी असंभव है की गुरु नानक देव जी ने कितने मनुष्यों को तारा है I गुरु नानक देव जी ने हर बन्दे को सबक दिया है I गुरु नानक देव जी के सन्देश को जन जन तक पहुँचाने का कार्य करें तभी ऐसे समागम का उदेश्य सफल होगा क्योंकि सिक्ख धर्म ने हमेशा मानवता, साहस और त्याग की मिसाल पेश की है तथा इस समुदाय के वीरों ने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर किया। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के लोग स्वतंत्रता संग्राम हो या देश की सीमाओं की सुरक्षा, बाढ़ हो या सूखा, हर परिस्थिति में सदैव मदद के लिए तैयार रहते हैं।


इक़बाल सिंह लालपुरा ने कहा की सिख समुदाय ने व्यापार, शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिख समुदाय के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। गुरुद्वारों के रखरखाव, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं सहित सिक्ख समुदाय का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है। गुरु नानक जी की ज्योत 240 वर्षों तक इस धरती पर रही I गुरुनानक के आप सभी देवता हैं I ऐसे समागम के माध्यम से गुरुवाणी घर घर तक पहुंचेगी I ऐसी अपेक्षा करता हूँ I मैं भाग्यशाली हूँ कि यहाँ राजस्थान की धरती पर जहाँ गुरु नानक देव, गुरु गोबिंद सिंह सहित कई गुरु आए और आज मुझे भी यहाँ आने का सौभाग्य मिला है I अपने अन्दर गुरु नानक देव जी को जगाने की आवश्यकता है I

हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिढ़ा ने एसकेडी यूनिवर्सिटी को ऐसा ऐतिहासिक समागम के आयोजन के लिए साधुवाद करता हूँ और आभार व्यक्त करता हूँ की उन्होंने मुझे इस अवसर पर आमंत्रित किया I

रागी जत्थे और कथावाचकों ने गुरु इतिहास से संगत को किया निहाल

सतगुरु नानक प्रगट्या, मिटी धुंध जग चानन होया, ज्यों कर सूरज निकलया तारे छपे अंधेर पलोवा…। गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर यह शब्द विश्वविद्यालय में गूंजायमान हो रहे थे। कथा वाचक अपनी वाणी व रागी ढाडी जत्थे अपने कीर्तन से गुरु की महिमा का जो बखान कर रहे थे उसे गुरु घर में पहुंची संगत आस्था के समंदर में गोते लगा रही थी। रागी जत्थे और कथावाचकों ने गुरु इतिहास से संगत को निहाल किया। इस मौके पर इलाके की संगत ने बड़ी संख्या में हाजरी भरी। महान गुरमत समागम एंव विशाल सिक्ख ऐतिहासिक प्रदर्शनी के समापन अवसर पर रविवार को विशेष दीवान सजाया गया। इस अवसर पर कीर्तन दरबार और महान गुरमत समागम हुआ। पंथ प्रसिद्ध कीर्तन जत्थे भाई सुखविन्द्र सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा चिल्ला साहिब, भाई गुरप्रीत सिंह खालसा, भाई गुरप्रीत सिंह नामदेव ने संगतों को कथा कीर्तन द्वारा निहाल किया। इसके साथ ही एक नवंबर से रखे गए श्री सहज पाठ साहिब जी के भोग पाए गए I गुरू का अटूट लंगर बरता, जिसमें सिक्ख पंथ के अलावा अन्य सभी धर्मों, समाजों के लोगों ने लंगर का प्रसाद चखकर गुरू द्वार पर मत्था टेका। कीर्तन साहिब के दौरान रागी जत्थेदारों और सेवादारों को सरोपा भेंट कर स्वागत किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने शीश नवाया।

नवनिर्मित भवन पंडित दीनदयाल उपाध्याय सदन का हुआ उद्घाटन

भारत के कानून एवं न्याय मंत्री तथा केन्द्रीय संस्कृति एवम् संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रविवार को एक दिवसीय दौरे पर हनुमानगढ़ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सूरतगढ़ रोड स्थित खुशालदास विश्वविद्यालय में नवनिर्मित भव्य भवन पंडित दीनदयाल उपाध्याय सदन का उद्घाटन किया। उनके साथ हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिढ़ा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्षेत्रीय कार्यवाह जसवंत खत्री और पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी भी अतिथि के तौर पर मौजूद रहे।

विशाल गुरमत समागम में इनकी रही मौजूदगी

पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप सहू, बीजेपी एससी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रमोद डेलू, पूर्व सांसद शंकर पन्नू, जनप्रतिनिधि अमित सहू, अनूपगढ़ नगर परिषद सभापति प्रियंका बैलाण, अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेदी लाल मीणा, देवेंद्र पारीक, श्रीमती गुलाब सिंवर, बलबीर बिश्नोई, श्री मति संतोष बावरी, धर्मेन्द्र मोची, सुमित रणवां, बलवीर लूथरा, आशीष पारीक, देवेंद्र अग्रवाल, बलदेव सिंह बराड़, गौरव जैन, बलराज दानेवालिया, शरणपाल सिंह, अश्विनी नारंग, सरपंच जगतार सिंह बराड़, गुरलाल सिद्धू, समाजसेवी अशोक गाबा, सुशील गोदारा, बाबा लालदास, रघुवीर सिंह, राधेश्याम, नीरज कुमार, रतन गणेशगढ़िया, सुरेन्द्र जलंधरा, चीफ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा, मुन्सफ खान, ट्रस्ट उपाध्यक्ष श्रीमती कृष्णा यादव, रिटायर्ड आईजी गिरीश चावला, मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश जुनेजा, वाईस चांसलर प्रो. रामावतार मीणा, रजिस्ट्रार डॉ. श्यामवीर सिंह, सेवादार सुरेन्द्र सिंह छिन्दा, एसकेडी यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन वरुण यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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