- कार्यकाल घटे न बढ़े : प्रदेश की ग्राम पंचायतों के चुनाव पर संशय, प्रशासक लगाने का विचार !!
कार्यकाल घटे न बढ़े : प्रदेश की ग्राम पंचायतों के चुनाव पर संशय, प्रशासक लगाने का विचार !!
कारण : वन स्टेट वन इलेक्शन !
बताया जा रहा 73 वे संविधान संशोधन में प्रावधान,
इनका कार्यकाल न बढ़ाया जा सकता न ही घटाया जा सकता
जयपुर। राजस्थान सरकार की वन स्टेट वन इलेक्शन की घोषणा के चलते जनवरी 2025 में 6759 ग्राम पंचायतों में संभावित चुनावों पर संशय की तलवार लटक रही है। इन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है। जानकारों के अनुसार इन ग्राम पंचायतों में सरकार प्रशासक लगाने पर विचार कर रही है। दरअसल सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन फार्मूले के तहत स्थानीय निकाय और पंचायत के चुनाव एक साथ कराना चाहती है। ऐसे में जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है वहां प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं।
चर्चा है कि पंचायत राज संस्थाओं के लिए 73वें संविधान संशोधन में इसका प्रावधान है कि इनका कार्यकाल न घटाया जा सकता है और न ही बढ़ाया जा सकता है। साथ ही प्रशासक भी 6 माह से अधिक समय के लिए नहीं लगाए जा सकते।
प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना होगा जिसमें प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
जिन पंचायत में कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें प्रशासक की बजाय सरपंचों का ही कार्यकाल बढ़ाने की मांग राज्य सरकार से की गई है। पिछले माह सरपंच संघ ने पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर सहित कई अधिकारियों से मध्यप्रदेश फॉर्मूले की तर्ज पर सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी। इसके लिए प्रदेश भर में आग्रह आंदोलन भी चलाया जा रहा है। प्रदेश में 11310 ग्राम पंचायतें हैं। 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025, 704 ग्राम पंचायतों का मार्च 2025 और 3847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल सितंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। पिछली बार इन ग्राम पंचायतों में चार चरणों में चुनाव कराए गए थे। इस बार सरकार के सामने चुनौती है कि इन ग्राम पंचायतों में चुनाव कैसे कराए जाएं। गौरतलब है कि विधानसभा के बजट सत्र में सरकार ने वन स्टेट वन इलेक्शन की घोषणा करते हुए एक कमेटी बनाने की भी घोषणा की थी जो इसका परीक्षण करेगी कि पंचायतों और निकायों के चुनाव एक साथ कैसे कराए जाएं।
ग्राम पंचायतों में 6 माह से अधिक प्रशासक नहीं लगाए जा सकते हैं, कार्यकाल बढ़ाते हैं तो फिर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पास करना होगा।
–रफीक पठान, प्रवक्ता, राजस्थान सरपंच संघ
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