सधे हाथों से कुम्हार बना रहे दीये दीपावली पर झिलमिल के स्रोत हैं दीपक






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*खबरों में बीकानेर*




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सधे हाथों से कुम्हार बना रहे दीये दीपावली पर झिलमिल के स्रोत हैं दीपक

- मोहन थानवी 

भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले माटी के दीयों को इन दिनों कुम्हार सधे हाथों से आकार देने में जुटे हुए हैं। कुछ ही दिनों में दीपावली की खरीदारी शुरू हो जाएगी तब बाजार में यह दीपक बिकेंगे । हालांकि  बिजली से की जाने वाली रोशनी की सजावट और मोमबत्ती (जिसे आजकल कैंडल के नाम से ख्याति मिली हुई है) का प्रचलन भी बढनता जा रहा है होने लगा है जो कि हमारी भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में ठीक नहीं माना जा सकता दीयों की जगह दीये ही प्रज्वलित किए जाने चाहिए ।

 दीपक बनाए तो जा रहे हैं माटी से लेकिन इनकी महत्ता सोने से भी अधिक होती है। भारतीय संस्कृति में हर पर्व त्यौहार पर दिए प्रज्वलित किए जाते हैं । दीपावली तो है ही दीपकों की झिलमिल का त्यौहार। 

यूं सांस्कृतिक महत्व रखने वाले दीयों को लेकर कई फिल्मी गीत भी हिट हुए हैं । ऐसे गीतों से जरा हटकर भावनात्मक गीत भी प्रसिद्ध हुए हैं जिनमें एक है दीये जलते हैं फूल खिलते हैं बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं।

रोशनी से जगमगाते दिए दीपावली की शान है। दीपावली पर लोग घर, प्रतिष्ठान और मंदिरों में दीप प्रज्वलित करेंगे। इसके चलते गांवों-शहरों में कुम्हार दीपक तैयार करने में जुट गए हैं। ये तैयार दीये दशहरे के बाद बाजारों में बिक्री के लिए सजाए जाएंगे। पांच दिवसीय दीपावली पर्व धनतेरस से प्रारंभ होगा। इसी दिन से लोग घरों प्रतिष्ठानों मंदिरों में दीप प्रज्वलित करेंगे। 

विभिन्न इलाकों में कुम्हार मिट्टी के छोटे और बड़े दीये तैयार कर रहे हैं। रोजाना हजारों दीये तैयार किए जा रहे। एक कुम्हार ने बताया कि वह रोजाना 1 से 3 हजार तक मिट्टी के दीपक तैयार कर लेता हैं। 

बहुत से कुम्हार आर्डर पर दीये बनाने में जुटे हुए हैं। ऑर्डर को जल्द पूरा करने के लिए दिन-रात कामकाज हो रहा है।

 मिट्टी के पारंपरिक आकार वाले दीये तो बनाए ही जा रहे हैं साथ ही अलग- अलग वैरायटी के दीये भी तैयार किया जा रहे हैं। इनमें फूल पत्तियों के डिजाइन और अन्य डिजाइन के दीपक शामिल है।

यूं सांस्कृतिक महत्व रखने वाले दीयों को लेकर कई फिल्मी गीत भी हिट हुए हैं । ऐसे गीतों से जरा हटकर भावनात्मक गीत भी प्रसिद्ध हुए हैं जिनमें एक है दीये जलते हैं फूल खिलते हैं बड़ी मुश्किल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं।

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