नौतपा में क्यों ये कार्य करने की मनाही...,
रोहिणी नक्षत्र में नौतपा 25 मई से, कुछ रोचक और विशेष जानकारी
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✍🏻नौतपा में क्यों ये कार्य करने की मनाही...,
रोहिणी नक्षत्र में नौतपा 25 मई से, कुछ रोचक और विशेष जानकारी
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नौतपा में क्यों ये कार्य करने की मनाही...,
रोहिणी नक्षत्र में नौतपा 25 मई से, कुछ रोचक और विशेष जानकारी
25 मई 2023 से नौतपा प्रारंभ होने जा रहा है। प्रत्येक वर्ष रोहिणी नक्षत्र में नौतपा आरंभ होता है। नौतपा का सीधा संबंध ग्रहों के अधिपति सूर्य देव से है। ज्येष्ठ माह के रोहिणी नक्षत्र में नौतपा 25 मई से शुरू हो रहा है और 9 दिनों तक, अर्थात 02 जून तक रहेगा।
वैज्ञानिक दृष्टि से नौतपा में खास सतर्क रहने की आवश्यक है। नौतपा के दौरान सूर्य की तपिश की वजह से भीषण गर्मी पड़ती है।
वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं और वातावरण गर्म हो जाता है, जिससे आंधी और तूफान की स्थिति बन जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह और नक्षत्र की यह स्थिति अमंगल और अशुभता का संकेत देती है।
ज्योतिष शास्त्र में इस दौरान कई कार्य करने की मनाही है। इसलिए इन दिनों में कुछ भी नया कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि नौतपा के दिनों में किसी भी कार्य में सफलता मिलने की संभावना कम हो जाती है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए देश के पूर्वी पश्चिमी और दक्षिणी भाग में दैवीय आपदाएं आने की संभावना है।
नौतपा में क्या न करें
नौतपा के दौरान सूर्य की भीषण गर्मी, धूल भरी आंधी और वर्षा की संभावना आदि को देखते हुए लोगों को शादी, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य न करें। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने के कारण सूर्य की सीधे किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं। इसलिए तेज हवाएं, बवंडर आदि की स्थिति के चलते दूर की यात्रा न करें। सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहते हैं, इस कारण गर्मी के साथ-साथ बारिश होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
नौतपा कैसा होगा इस बार, क्या कहते हैं ज्योतिष एवं पंचांग
बारिश की भविष्यवाणी : नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं। मान्यता है कि यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौपता का गलना माना जाता है। फिर अच्छे मानसून की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।
क्या कहते हैं ज्योतिष : इस बार नौतपा से पहले ही कुछ क्षेत्रों में बारिश हो चुकी है जो कि अच्छा संकेत नहीं है। सूर्य, मंगल, बुध और शनी के समसप्तक योग होने से धरती के एक हिस्से में भारी गर्मी पड़ती है। अब नौतपे से ही आशा है कि यदि यह खूब तपा तो भारी बारिश होगी नहीं तपा तो मानसून बिखरा बिखरा रहेगा। यह भी कहा जा रहा है कि नौतपा के दौरान तेज हवा-आंधी चलने व बारिश होने के भी योग हैं।
हालांकि कुछ ज्योतिषियों का मानाना है कि इस बार गर्मी के साथ ही उमस भी बहुत रहेगी। इस दौरान हवाएं खूब तेज चलेगी। कहीं कहीं मध्यम बारिश की संभावना है तो कहीं बौछारें भी हो सकती है।
नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती जिसके चलते तापमान बढ़ता है। इस अधिक तापमान के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण कई जगहों पर ठंडी, तूफान और बारिश जैसे आसार भी नजर आने लगते हैं। बस इस दौरान हवाएं भले ही चलें लेकिन बारिश नहीं होना चाहिए तो फिर बारिश का सिस्टम अच्छे से बन जाता है। जैसे कहते हैं कि अच्छे से पका हुआ भोजन ही स्वाद देता है बस कुछ इसी तरह का मामला होता है।
C P MEDIA
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