✴️डॉ तैैस्सितोरी की प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि एवं जयंती कार्यक्रम हुआ
🔆डिंगल भाषा के दो काव्यों का सम्पादन का बेहतरीन काम डाॅ. तैस्सितोरी ने किया - जोशी
*खबरों में बीकानेर*
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डॉ तैैस्सितोरी की प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि एवं जयंती कार्यक्रम हुआ
डिंगल भाषा के दो काव्यों का सम्पादन का बेहतरीन काम डाॅ. तैस्सितोरी ने किया - जोशी
बीकानेर/सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान शोधार्थी डॉ. एल.पी.तैैस्सितोरी की 135 वीं जयंती के अवसर पर म्यूजियम परिसर स्थित एल.पी. तैैस्सितोरी की प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि एवं उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात गीतकार-रचनाकार निर्मल कुमार शर्मा थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा,कवियत्री-आलोचक डाॅ.रेेणुुका व्यास एवं सहायक कमीशनर ब्रिक्री कर डाॅ.रामलाल पडिहार थें ।कार्यक्रम संयोजक साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि कार्यक्रम में शोधार्थी एवं शहर के गणमान्य जनों ने अतिथियों के साथ डॉ.तैस्सितोरी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में अतिथियों सहित विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए।
अध्यक्ष जोशी ने कहा कि वेलि क्रिसन रुक्मणी री" और "छन्द राव जैतसी रो" नामक दो डिंगल भाषा के काव्यों का सम्पादन का बेहतरीन काम डाॅ. तैस्सितोरी ने किया।
कवि संस्कृति कर्मी चंद्रशेखर जोशी,
पत्रकार रमेश महर्षि , कवि जुगल पुरोहित, शिव दाधीच, रंगकर्मी बी.एल.नवीन, युवा कवि संजय जनागल, संस्कृतिकर्मी नागेश्वर जोशी, पत्रकार डॉक्टर नासिर जैदी, वरिष्ठ चित्रकार योगेंद्र पुरोहित, प्रेम नारायण व्यास, कवि शिवशंकर शर्मा, ऋषि अग्रवाल, सहायक कमिश्नर सेल टैक्स महेंद्र मीणा, मुनीन्द्र अग्निहोत्री सहित अनेक लोगों ने प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के अंत में आत्माराम भाटी ने आभार प्रकट किया।
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