🆔नोखा : विधायक बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री तक पहुंचाया घायल हिरण की मौत का मामला, कहा - दोषियों पर हो कार्यवाही
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✍️ नोखा : विधायक बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री तक पहुंचाया घायल हिरण की मौत का मामला, कहा - दोषियों पर हो कार्यवाही
नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी को पत्र लिखकर फोन पर बात करके रेस्क्यू सेंटर मुकाम, नोखा (बीकानेर) में वन कर्मियों की लापरवाही से घायल हिरण की मौत होने के कारण दोषी वनकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की । विधायक बिश्नोई ने आज डीएफओ बीकानेर से सुबह दूरभाष पर वार्ता की और धरने पर जाकर बात करने को कहा शाम को डीएफओ जब धरना स्थल पर आये तब भी दूरभाष पर वार्ता करके वन कर्मियों की लापरवाही से घायल हिरण की मौत होने के कारण दोषी वनकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की ।
विधायक बिश्नोई ने बताया कि वन्यजीव प्रेमी सुभाषचंद्र पुत्र श्रीरामचंद्र तर्ड निवासी बी 21 जवाहरनगर द्वारा रेस्क्यू सेंटर मुकाम में कुछ दिन पूर्व ईलाज हेतु दो हिरणों को भर्ती करवाया गया। 7 सितम्बर को वापस रेस्क्यू सेंटर में घायल हिरण की जानकारी लेने पहुंचे तो हिरण की हालत ओर ज्यादा खराब थी और हिरण को रेस्क्यू सेंटर में शिकारी कुतों ने घायल किया था जो वनकर्मियों की घोर लापरवाही को दर्शाता है एवं मौके पर वनकर्मियों ने कोई सन्तोषजनक जबाव नहीं दिया।
मुकाम में रेस्क्यू सेंटर का निर्माण बिना किसी सरकारी मदद के समाज से लगभग एक करोड़ रूपये लगवाकर श्री बनवारी जी डेलू एंव टीम मुकाम के ग्रामीण साथियों ने करवाया है और वन विभाग को सुुपुर्द किया । उसी रेस्क्यू संेटर में अगर वनकर्मियों की लापरवाही से इस तरह की घटना घटित होती है जो समझ से परे है और वन विभाग के लापरवाह कार्मिकों की वजह से पवित्र स्थल की बदनामी होती है ।
उपरोक्त प्रकरण को लेकर कल से जीव रक्षा संस्था बीकानेर व अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई महासभा के पदाधिकारियों द्वारा वन विभाग कार्यालय नोखा के आगे अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है । जिसमें इस प्रकरण की उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जांच, लापरवाह वनकर्मियों को रेस्क्यू सेंटर मुकाम से हटाकर उन पर कार्यवाही करने व स्थाई पशु चिकित्सक की नियुक्ति की मांग की जा रही है।
वन्यजीवप्रेमियों की भावना को देखते हुए तत्काल दोषी वनकर्मियों व अधिकारियों को रेस्क्यू सेंटर मुकाम से हटाकर कड़ी कार्यवाही की जाये ताकि इस तरह की घटना दुबारा ना हो एवं उपरोक्त प्रकरण की उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच करवाई जाये एवं रेस्क्यू सेंटर मुकाम में स्थायी पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जायें ।
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