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लंपी स्किन रोग का प्रभावी प्रबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, नहीं आने देंगे कोई कमी


खबरों में बीकानेर











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लंपी स्किन रोग का प्रभावी प्रबंधन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, नहीं आने देंगे कोई कमी
कृषि मंत्री ने की लंपी स्किन रोग की स्थिति की समीक्षा


बीकानेर, 21 अगस्त। कृषि तथा पशुपालन मंत्री एवं जिला प्रभारी लालचंद कटारिया ने रविवार को जिले में गोवंश के लंपी स्किन रोग की स्थिति की समीक्षा की।

सर्किट हाउस में आयोजित बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि रोग ग्रस्त गोवंश के जीवन की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें साधन-संसाधन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन की तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में लंपी स्किन रोग की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने मंत्रियों से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए इसका फीडबैक लिया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग के अधिकारी भी इसकी गंभीरता समझें और टीम भावना के साथ कार्य करें। उन्होंने गौशालाओं में साफ-सफाई, संक्रमित पशुओं के आइसोलेशन सेंटर, दवाइयों की उपलब्धता, मृत पशुओं के निस्तारण, जागरूकता गतिविधियों सहित विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा की तथा कहा कि इसमें उरमूल डेयरी का भी सहयोग लिया जाए।

 उन्होंने कहा कि ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। अधिकारी फील्ड में रहें और प्रत्येक स्थिति पर नजर रखें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अतिशीघ्र 1 हजार 436 एलएसए नियुक्त किए जा रहे हैं। यूटीबी पर 300 एलएसए तथा 200 पशु चिकित्सकों की अस्थाई नियुक्ति भी जल्दी कर दी जाएगी। पशुपालन विभाग के सभी कार्यालय राजकीय अवकाश के दिनों में भी खुले रखने के निर्देश दिए गए हैं।

 उन्होंने कहा कि प्रदेश के गौशाला संचालक और अनेक संस्थाएं इससे निपटने में सरकार के साथ खड़ी हैं, सामूहिक प्रयासों से जल्दी ही इस पर काबू पा लिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने गांव-गांव में जागरूकता की सघन गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए। जिले में फसलों की स्थिति तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा की।


जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने बताया कि राजीविका की पशु सखियों और कृषि विभाग के पर्यवेक्षकों की मदद से जागरूकता की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जनसंपर्क विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता रथ चलाया गया है। ब्लॉक और जिला स्तर पर राउंड द क्लॉक संचालित नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। अधिकारियों द्वारा गौशालाओं और प्रभावित क्षेत्रों का सतत दौरा किया जा रहा है। 


पशुपालन विभाग संयुक्त निदेशक डॉ. वीरेंद्र नेत्रा ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 7 लाख 8 हजार 606 गोवंश का सर्वे कर लिया गया है। जिनमें 53 हजार 917 गोवंश संक्रमित पाए गए। अब तक भामाशाहों के सहयोग से 16 लाख रुपए की दवाईयां क्रय की जा चुकी हैं।

बैठक में श्री डूंगरगढ़ के पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा, नगर निगम आयुक्त गोपाल राम बिरडा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) पंकज शर्मा, उपखंड अधिकारी अशोक बिश्नोई, उपनिदेशक कृषि (विस्तार) कैलाश चौधरी सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।









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