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गौरैया  के  घोंसले  पे
होली पर... इश्क में... क्या हाल बना लिया
होली पर... इश्क में... क्या हाल बना लिया
होली पर... इश्क में... क्या हाल बना लिया
एक संपादक का सच...
कब से ताक रहा था
परेशां सूरज
कोहरे में सिमटा रास्ता
जमीं चूमने को 
बेताब थी किरणें 
- शुभ मंगल दिवस साथियों... नमस्कार।
दिल की सल्तनत के ये बेताज बादशाह
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