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असुचंड महोत्सव : लिलिपोंड पर इकट्ठे हुए सिंधी समाज के लोग, झूमे नाचे और गाए

सिंधी समाज के युवा झूलेलाल जी के आदर्श अपनाएं : वरिष्ठ भगत रमेश आहूजा

बीकानेर 9 अक्टूबर 2018। संत कंवर राम सिन्धी समाज ट्रस्ट व समाज की सहयोगी संस्थाएं भारतीय सिन्धु सभा, मातृशक्ति सत्संग मंडली की ओर से तीन दिवसीय असुचंड महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को लिलिपोंड पब्लिक पार्क में वरुण अवतार की छवि व महोत्सव के बैनर पोस्टर का विमोचन किया गया ।  वरिष्ठ भगत रमेश आहूजा सहित लक्ष्मण किशनानी, सुरेश केशवानी तथा महिला मंडली की सुमन आहूजा, भारती ग्वालानी, रूकमणी वलीरमानी ने  जेको चवन्दो झूलेलाल तहिंजा थिन्दा बेड़ा पार का उद्घोष करते हुए झूलेलाल जी के आदमकद कटआउट के समक्ष पवित्र बहराना साहिब की जोत प्रज्वलित की। जल देवता का पूजन किया गया। भगवान झूलेलाल जी के संदेशों पर केन्द्रित संगोष्ठी हुई जिसमें वरिष्ठ भगत रमेश आहूजा ने मुख्य वक्ता के रूप में अमरलाल उडेरोलाल आदि नामों से पुकारे जाने वाले भगवान झूलेलाल जी के सर्वहित सेवाभाव व सर्वजन सहाय के संदेश को बताते हुए युवाओं का आह्वान किया कि समाज को एकता के सूत्र में पिरोये रखने एवं फूट डालने वाली बाहरी अराजक ताकतों का सामना करने के लिए अवतार लेने वाले झूलेलाल जी के आदर्श अपनाएं एवं समाज को गौरवान्वित करने के कार्य करें। मनीष भगत, श्याम वाधवानी;  किशन सदारंगानी  भारती ग्वालानी, ज्योति नवानी, रूकमणी नवानी, कांता हेमनानी, कमला सदारंगानी आदि ने आयो लाल झूलेलाल; लाल मुहिंजी पत रखजें भला...   आदि भजन सुनाए। केवां देवी सदारंगानी, चेता देवी, चंद्रावली ने लालसाईं के सदेशों और भजनों को समूह गान में प्रस्तुत किया। सुरेश केशवानी, श्याम वाधवानी ने  सिंधी लोकगीतों में समाज के पर्व त्योहार व जन्म शादी आदि समारोहों की परम्पराएं समाई होने के कारण इनके संरक्षण की बात कही। रमेश आहूजा व किशन सदारंगानी ने आरती करवाई व पल्लव डालकर अरदास मांगी।  मछलियों को सामूहिक रूप से दाना व वरुणदेव को अक्खा डाला गया। किशन सदारंगानी ने बताया कि महोत्सव के तीसरे एवं अंतिम दिवस बुधवार को मुख्य समारोह होगा जिसके तहत दोपहर बारह बजे 151 कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाएगा। शाम को साढ़े छह बजे महाआरती तथा युवाओं द्वारा सिंधी लोकनृत्य छेज की प्रस्तुति दी जाएगी। 

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