कार्य फल तय है, जय हो
अनचाहे किया जाने वाला कोई काम पूर्णता को प्राप्त नहीं हो सकता। कोई न कोई कसर रह ही जाती है। हां, शनै शनै कार्य का आन…
अनचाहे किया जाने वाला कोई काम पूर्णता को प्राप्त नहीं हो सकता। कोई न कोई कसर रह ही जाती है। हां, शनै शनै कार्य का आन…
भीड़ में तनहा यात्रिक खो गया है आदमी भीड़ में तनहा हो गया है आदमी यात्रिक है मगर सोया हुआ है आदमी यात्रा के…
किस्सा-ए-प्रस्तर उद्धारक ‘लंबी कविता’ अक्सर तुम्हारा चेहरा आईने में देखता हूं मक्कारी से भरा कुटिल मुस्कान वाला शख…
अट्टू-पट्टू की उधारी (हास्य -- सिन्धी से अनुवादित) --- (अरबी सिन्धी मे ये श्रंखला हिन्दू डेली अजमेर से २०१० म…
उड़ान.. . आकाश असीम और खुला है फैला पंख और भर उड़ान गा नवगीत और स्थापित कर नव आयाम
स्वागत !!! ( Old Poem ) नववर्ष का स्वागत करने को अब दिल नहीं करता क्योंकि कुछ लोग ऊपर से नजर आते हैं गांधी, कु…
फिर सो ना जाना कह रही है सितारों से झाँकती वो आंखें हर घर हर बेटी बन देखती रहूंगी जाग्रत रहना फिर सो ना जाना…