Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

कवि सौरभ कश्यप के काव्य संग्रह 'उजालों से कितनी दूर' का भव्य लोकार्पण सम्पन्न




औरों से हटकर सबसे मिलकर


bahubhashi.blogspot.com
22 दिसंबर 2025 सोमवार

खबरों में बीकानेर


✒️@Mohan Thanvi

कवि सौरभ कश्यप के काव्य संग्रह 'उजालों से कितनी दूर' का भव्य लोकार्पण सम्पन्न 




https://bahubhashi.blogspot.com

कवि सौरभ कश्यप के काव्य संग्रह 'उजालों से कितनी दूर' का भव्य लोकार्पण सम्पन्न 

बीकानेर 21 दिसंबर, 2025 
     बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम द्वारा कवि सौरभ कश्यप के बोधि प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित दूसरे काव्य संग्रह 'उजालों से कितनी दूर' का भव्य लोकार्पण समारोह आज सुबह स्थानीय महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम श्री जुबिली नागरी भण्डार में सम्पन्न हुआ।
      कला संगम के संस्थापक अध्यक्ष शायर क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि 'उजालों से कितनी दूर' काव्य संग्रह के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ समालोचक कवि डॉ. उमाकांत गुप्त ने की। आपने कहा कि कवि ने देखे हुए यथार्थ को नए तरीक़े से सार्थकता, ज़िम्मेदारी और सफलता के साथ अपनी कविताओं में पेश किया है। इससे संग्रह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इस संग्रह पर पुस्तक चर्चा का कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि बोधि प्रकाशन के मायामार्ग ने कहा कि उनकी कविता में सच्चाई की झलक नजर आती है। संग्रह की कविताएं व्यक्ति के बाद सांसारिक कविताएं हैं। वे कविताओं में प्रेम की धारा को मुलायमियत के साथ प्रस्तुत करते हैं। इन कविताओं में प्रेम की विराटता है। 
विशिष्ट अतिथि के तौर पर जोधपुर के साहित्यकार राजेश मोहता ने कहा कि अब कवि को भगवान का काम करना होगा और अपने हिस्से की क्रांति करनी होगी। संग्रह की कविताएं पठनीय है एवं कवि ने अपनी कविताओं से नए बिम्ब एवं नए मुहावरे गड़े हैं।
 लोकार्पण समारोह के विशिष्ट अतिथि नगर के वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि आज लोकार्पित भी करती के कवि सौरभ कश्यप एक संवेदनशील कवि के रूप में सामने आए हैं। उनकी कविताओं में प्रकृति और मानवीय समाज से प्रेम के दर्शन होते हैं। कविताओं में नए प्रयोग सहज मन से मन को छू जाते हैं। आप अपनी कविताओं के ज़रिए आज के जीवन के कटु सत्य को उजागर करते हैं। कविताओं की भाषा भी उत्कृष्ट है। 
         स्वागताध्यक्ष शाइर क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि लोकार्पित करती की कविताएं भावपूर्ण कविताएं हैं जो सोचने पर विवश कर देती है। लोकार्पित पुस्तक के कवि सौरभ कश्यप ने पूर्ण गंभीरता के साथ काव्य सृजन किया है। आने वाले समय में यह संग्रह चर्चा में रहेगा और कह सकते हैं कि कवि साहित्य जगत में अपना एक अलग मक़ाम बनाने में ज़रूर कामयाब होगा।
पुस्तक पर कवयित्री डॉ. कृष्णा आचार्य ने पत्र वाचन प्रस्तुत करते हुए कहा कि सौरभ की कविताएं तीन खण्डों में विभाजित है और संग्रह के प्रत्येक खंड की कविताएं एक दूसरे खंड से उत्कृष्ट है। यह संग्रह संपूर्ण रूप से कवि मन के हृदय के उद्गारों को व्यक्त करने में संपूर्ण रूप से सफल रहा है।
कार्यक्रम में श्रीमती लता कश्यप, सुनीता चावला, राजाराम स्वर्णकार, कांता चाडा, डॉ.महेंद्र चाडा, इरशाद अज़ीज़,त्रिलोक सिंह ठकुरेला, वली मोहम्मद ग़ौरी, गिरिराज पारीक, शकूर बीकाणवी, बुलाकी देवड़ा डॉ.अजय जोशी, मधुरिमा सिंह, डॉ. ज़िया उल हसन क़ादरी असद अली असद डॉक्टर तुलसीराम मोदी,कृष्णा वर्मा, गोपाल व्यास कुंठित, महेंद्र जोशी, हरिकिशन व्यास, मुक्ता तैलंग, विप्लव व्यास,महेश उपाध्याय एवं गंगा विशन बिश्नोई 'ब्रह्मा' सहित अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमोद कुमार शर्मा ने किया। आभार गिरिराज पारीक ने व्यक्त किया।


Post a Comment

0 Comments