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खबरों में बीकानेर 📰
भाजपा और कांग्रेस ने अर्जुन व राहुल को प्रचार के लिए यहां की कमान सौंपी,
मतदान प्रतिशत में कमी का दिख रहा असर...!
*खबरों में बीकानेर*
राजस्थान में राजनीतिक गलियारों में टोह लगाने वाले जानकारों के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में हुई कम मतदान के आंकड़ों ने दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के समीकरण और प्लान प्रभावित कर दिए हैं।
इसीके चलते अंदरखाने मंथन करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत सुधारने के लक्ष्य को लेकर अपने प्रमुख नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी है। दूसरी ओर कांग्रेस भी अपने नेताओं के दौरों को नया रूप देने में जुट गई है।
जानकारों की मानें तो, भाजपा ने स्टार प्रचारक अर्जुनराम मेघवाल को बाड़मेर भेज रहे हैं। मेघवाल यहां प्रचार थमने के दिन 24 अप्रेल तक रहेंगे। इसके बाद वे आंधप्रदेश, वाराणसी, लखनऊ की तरफ रुख करेंगे। राजेन्द्र राठौड़ को चूरू से टोंक-सवाईमाधोपुर सीट की जिम्मेदारी दी गई है।
राठौड़ ने उनियारा में कार्यकर्ताओं की बैठक ली। साथ ही मतदाताओं से भी मुलाकात की। यहां 23 अप्रेल को प्रधानमंत्री की सभा भी होनी है।
इसी तरह सतीश पूनिया को जालोर-सिरोही सीट पर भेजा गया है। मंत्री किरोड़ीलाल मीना को फिलहाल कोटा-बूंदी सीट पर सक्रिय किया गया है। वे बांसवाड़ा, उदयपुर और डूंगरपुर में भी प्रचार के लिए जाएंगे।
इधर, चूरू से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल कस्वां रविवार को मालपुरा में सवाई माधोपुर से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश मीणा के समर्थन में जनसभा करेंगे।
दौसा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे मुरारी लाल मीणा को भी टोंक-सवाई माधोपुर में प्रचार की जिम्मेदारी दी गई है। जयपुर शहर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास का भी चित्तौड़गढ़ और उदयपुर का दौरा बन रहा है।
पार्टी पहले चरण की लोकसभा सीटों के तहत आने वाले एससी- एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्गों से जुड़े विधायकों के दौरे का भी रोडमैप तैयार करने में जुटी है। बताया जा रहा है कि भाजपा ने पहले चरण की सीटों पर कम मतदान प्रतिशत के बाद बूथवार रणनीति तैयार कर रही है।
आपको बता दें कि वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस, दोनों का वोट शेयर बढ़ा था। भाजपा ने 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 58.4 फीसदी वोट शेयर हासिल किए।
वहीं, कांग्रेस ने चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 34.2 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। हालांकि, वोट शेयर के बीच भारी अंतर होने के कारण भाजपा को दूसरी बार फिर 25 सीटों पर जीत मिली।
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