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कांग्रेस में कुर्सी की खींचमखींच बनाम लोकतंत्र



कांग्रेस में कुर्सी की खींचमखींच बनाम लोकतंत्र

यहां कांग्रेस में है सच्चा लोकतंत्र

बीकानेर। नेताओं पर भले ही कुर्सी हथियाने के आरोप लगते हो या कुछ नेता ऐसा करते भी हो किंतु कांग्रेस पार्टी ऐसी पार्टी है जिसमें  अंदरूनी संगठन में लोकतंत्र पूरी तरह से प्रभावी है  । लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अपना अधिकार रखने का सभी को समान अधिकार होता है और ऐसा ही कांग्रेस पार्टी में बीकानेर में सर्किट हाउस में भारत बंद को लेकर  रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ बी डी कल्ला  की मौजूदगी में पत्रकारों के सामने वाकिआ हुआ । पार्टी के नेता  बात को इस तरह लेते रहे जैसे ऐसा होना स्वाभाविक रूप हो क्योंकि  पार्टी की अंदरूनी व्यवस्था में अपनी बात कहने के अधिकार की बात हो।   आपसी सौहार्द से हुआ ऐसा ही सकारात्मक विचारों के साथ उदाहरण हम आपके सामने  वीडियो में दिखा रहे हैं ।

कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले हंगामा मचा। पूर्व संसदीय सचिव गोविन्द मेघवाल नाराज थे। क्योंकि जिलाध्यक्ष महेन्द्र गहलोत को मेघवाल की कुर्सी पर बैठाया गया। यही कुर्सी पुराण का वाचन हो गया । मेघवाल तुनक कर बोले  - हमें इतना हल्का मत बनाइए।

मैं कल्ला जी बेनीवाल जी के लिए कुर्सी छोड़ सकता हूँ। महेन्द्र तो जूनियर है इसके लिए नहीं। जवाब में महेंद्र गहलोत ने दलील रखी कि मैं पार्टी का जिलाध्यक्ष हूँ।

- ✍️ मोहन थानवी




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