प्रलाप मित्र... अक्सर ख्वाबों में तुम्हें देखने की कोशिश की... कहां थे तुम ... जब नींद मुझे दुनिया से विलग करने का…
सुनहरा महल : कथा अंश अचानक सामने जो देखा, यकीन नहीं हुआ। तसव्वुर में जरूर ऐसे नजारे किए लेकिन सामने... यथार्थ में..…
सुनहरा महल : कथा अंश अचानक सामने जो देखा, यकीन नहीं हुआ। तसव्वुर में जरूर ऐसे नजारे किए लेकिन सामने... यथार्थ में..…
किताब के खुले पन्ने... किताब के खुले पन्ने फड़फड़ाते पन्ने कितनी कथाएं कितने काव्य कितने नाटक अपने में सहे…
बर्फ पिघल गई... धूप ने दीवार को सहलाया ... उसे मिली राहत ... गौरैया के घोंसले पे जमी बर्फ भी प…
असबाब में असबाब, एक चंग एक रबाब आपके सान्निध्य में मन की बातें खुद ब खुद कलम से कागज पर उतरने लगती है। बड़ों ने अपने …
पेड़ फिर शाखाहीन होने लगा है.... देखते हैं चुपचाप हालात .... पेड़ फिर शाखाहीन होने लगा है.... जिसे ठूंठ समझते…
Mohan Thanvi Shri Alam Husain Sindhi फोटोग्राफी आज मीडिया का प्रमुख अंग है। कहते हैं तस्वीर टैक्स्ट न्यूज स…
फिर से बचपन पा जाना... फिर से बचपन पा जाना... होंठों पर टपकी बरसात की बूंदों को अपने में समेट लेना बादल सं…
दीर्घकालिक यात्रा को सूक्ष्म बना देने वाली शक्ति का अस्तित्व अनचाहे, अनहोनी, अकस्मात आदि क्या है! ये भी कर्म से…
मानता नहीं दिल । सच । सच । दिल दिल्ली पुस्तक मेले में है। हम अपने को वहां नहीं ले जा सके । गढ़ने को बहाने चार छह…
इसे माया कहें...! या... मंथन करें...!!! भीतर के द्वन्द्व और उमड़ते विचारों को षब्दाकार देना अज्ञान को दूर करने के…
कुछ बहुत कुछ कहते हैं... बहुत कुछ कुछ नहीं कहते...!!!...कुछ लोग कुछ विशेष कार्य न करके भी कुछ न कुछ खासियत जोड़ कर…
photo - Aalam Husain Sindhi BKN photo - Aalam Husain Sindhi BKN बर्फानी ओढणी सूं बारै आ पूग्या मरुधरा रौ जह…
गढ़ों में गुमटियां ज्यों प्रहरियों की यारों जलसों में गुटबंदी त्यों रहबरों की यारों जख्मे जिगर कह …
*BAHUBHASHI* *खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 ✍️ 🙏 मोहन थानवी 🙏 #Covid-19 #pm_modi #crime #बहु…
तारीख भी क्या कमाल करती है तारीख भी क्या कमाल करती है चेहरे पे चेहरे लगा औरों को मोहरा बनाने वालों को स्याह क…
प्यास प्रेम की हो या सूखे कंठ की ऋतु हो सर्द या बासंतिक चले हवा ऋतु हो परिवर्तन दौर में या हिम सा ठंडा हो प्रांगण…