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स्वर्गीय रामरतन कोचर स्मृति सम्मान समारोह तथा कवि सम्मेलन मुशायरा संपन्न



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रामरतन कोचर भारतीय संस्कृति के पुरोधा :-मुस्तफ़ा
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बीकानेर 15 मार्च 2023
स्वर्गीय रामरतन कोचर स्मृति सम्मान समारोह तथा कवि सम्मेलन मुशायरा संपन्न
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'आज के हालात में साहित्य की वजह से ही आदमियत ज़िंदा है। स्वर्गीय रामरतन कोचर की स्मृति में आयोजित अनुपम एवं अनूठा कार्यक्रम क़ौमी एकता की मिसाल को मजबूती देने का काम कर रहा है। इसके लिए लोक जागृति संस्थान को साधुवाद।'यह विचार पेश किए हिंदी एवं राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने। वे लोक जागृति संस्थान बीकानेर की तरफ से समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व विधायक स्वर्गीय रामरतन कोचर की 41वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष में आयोजित सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्गार प्रस्तुत कर रहे थे।


      सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी इतिहास विभाग की प्रोफ़ेसर कवियत्री कथाकार डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना एक सराहनीय प्रयास है। स्वर्गीय रामरतन कोचर अहिंसा के सच्चे पुजारी और गांधी जी के विचारों से प्रेरित थे।


      समारोह के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ उर्दू शायर ज़ाकिर अदीब ने कहा कि लोक जागृति संस्थान पिछले कई वर्षों से लगातार स्वतंत्रता सेनानियों की याद में प्रोग्राम करती आ रही है इसके लिए संस्था को हार्दिक साधुवाद पेश करता हूं।


    संस्थान के अध्यक्ष समाजसेवी एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने कहा कि स्वर्गीय रामरतन कोचर ने बीकानेर में सद्भाव को पोषित करने का महत्वपूर्ण काम किया है, वह भारतीय संस्कृति के पुरोधा हैं।


   संस्थान सचिव एडवोकेट इसरार हसन कादरी ने कहा कि संस्थान स्वर्गीय रामरतन कोचर की पुण्यतिथि के उपलक्ष में हर साल नगर के हिंदी उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों के सम्मान की परंपरा का निर्वहन करके अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभा रही है।


  वरिष्ठ कवि कथाकार सरदार अली पड़िहार ने अपनी कविताओं से स्वर्गीय रामरतन कोचर को श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।


स्वाग स्वागत अध्यक्ष के तौर पर अपनी बात रखते हुए वरिष्ठ कवि कथाकार एवं संस्कृति कर्मी राजेंद्र जोशी ने कहा कि संस्थान द्वारा आज आयोजित कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, संस्थान ने स्वतंत्रता सेनानी को याद करने का अनुकरणीय काम किया है।


   कार्यक्रम समन्वयक नौजवान शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने कहा कि रामरतन कोचर सच्चे अर्थों में मानवता एवं भाईचारे की भावना से ओतप्रोत एक ऐसी शख़्सियत थे जिन पर हम नाज़ कर सकते हैं।


  संस्थान के अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने बताया कि इस मौक़े पर नगर की आठ शख़्सियतों का सम्मान किया गया। राजस्थानी साहित्य के क्षेत्र में शंकर सिंह राजपुरोहित एवं संजय पुरोहित, हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विजय सिंह नाहटा एवं डॉ. चंचला पाठक, उर्दू साहित्य के क्षेत्र में असद अली असद और सागर सिद्दीक़ी, समाज सेवा के क्षेत्र में नेमचंद गहलोत एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर संजय जनागल को स्वर्गीय रामरतन कोचर स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। 

सम्मान के क्रम में अतिथियों एवं संस्था पदाधिकारियों द्वारा सभी सम्मानित शख़्सियतों को माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र पेश किया गया। सभी सम्मान पत्रों का वाचन क़ासिम बीकानेरी ने किया।


   संस्थान के एडवोकेट इसरार हसन कादरी ने बताया कि इस अवसर पर कवि सम्मेलन मुशायरा रखा गया जिसमें नगर के हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के कवियों शायरों और कवयित्रियों ने अपनी एक से बढ़कर एक कविताओं के माध्यम से स्वर्गीय रामरतन कोचर को ख़िराजे अक़ीदत पेश की। 

जिनमें मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी, ग़ुलाम मोहिउद्दीन माहिर, शंकर सिंह राजपुरोहित, क़ासिम बीकानेरी विजय नाहटा, वली मोहम्मद ग़ौरी, डॉ. ज़ियाउल हसन क़ादरी, डॉ. चंचला पाठक, असद अली असद, किशन नाथ खरपतवार ,जुगल किशोर पुरोहित, अमित गोस्वामी, संजय पुरोहित,मुफ्ती अशफ़ाक़ उल्लाह ग़ौरी उफ़क़, अब्दुल जब्बार जज़्बी, अमिता मिश्रा, राजाराम स्वर्णकार, इंद्रा व्यास, मोइनुद्दीन मुईन, शिव दाधीच, गुलफ़ाम हुसैन आही, कैलाश टाक, बाबूलाल बमचकरी, नेमचंद गहलोत एवं इमदाद उल्लाह बासित ने अपना उम्दा कलाम पेश किया और श्रोताओं से भरपूर दाद पाई।


कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा स्वर्गीय राम रतन के कोचर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।


 कार्यक्रम में अनेक प्रबुद्ध जन मौजूद थे। जिनमें पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद, नदीम अहमद नदीम,अनवर अजमेरी, पारस कोचर , एडवोकेट महेंद्र कुमार जैन,कमल सैन,मोहम्मद आरिफ़, राजेंद्र कुमार कोचर, कमल किशोर पारीक, शिव प्रकाश वर्मा, एडवोकेट भगवती प्रसाद पारीक,रंगा राजस्थानी, एडवोकेट शमशाद अली,डॉ. मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान, शायर बुनियाद ज़हीन, क़ादरी, बाबू सुराणा, विमल चंद कोचर,शाहीन फ़ातिमा, संजय कुमार,अशोक सुखानी,राजेंद्र सेठिया,मोहम्मद शरीफ कलाश्री, मोहम्मद सलीम, मोइनुद्दीन जामी,हरिकिशन व्यास, एम. रफ़ीक़ क़ादरी, ओमप्रकाश सारस्वत धर्मचंद छाजेड़, इमरोज नदीम,सुभाष, राकेश, एडवोकेट अकरम, असलम अली, सोनू पठान, नज़रुल इस्लाम, दानिश मुनव्वर, प्रेम जोशी उपस्थित थे।


      संस्थान द्वारा अतिथियों एवं संचालक को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन क़ासिम बीकानेरी ने किया जबकि आभार सुमित वल्लभ कोचर ने ज्ञापित किया।



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