Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

6 किश्तों में चुकानी होगी बच्चों की स्कूल फीस Pay in 6 installments Children's school fees

  *BAHUBHASHI**खबरों में बीकानेर*🎤



 🥇 यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर 🙏










यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर 📰 पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 




📖विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com 




🌐 




✍️ यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर   🙏 मोहन थानवी 🙏 




 सच्चाई पढ़ें । सकारात्मक रहें। संभावनाएं तलाशें । 




 ✍️ पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 




📖विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com ✒️





✒️




यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर  




  📒 CP MEDIA 




 ☑️  




  यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर  




 📝   ✍️ 6 किश्तों में चुकानी होगी
बच्चों की स्कूल फीस

जयपुर। स्कूल फीस मामले में
पैरेंट्स को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम
कोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए
स्कूल संचालकों को बड़ी राहत दी है।
आदेश में पैरेंट्स को कोरोनाकाल के
शैक्षणिक सत्र 2020-21 की स्कूलों की
फीस 100त्न चुकानी होगी। ये फीस
शैक्षणिक सत्र 2019-20 में दी गई
फीस के बराबर होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह
अंतरिम आदेश सोमवार को मैनेजिंग
कमेटी सवाई मानसिंह विद्यालय, गांधी
सेवा सदन, सोसायटी ऑफ कैथोलिक
एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस सहित फी-
रैग्युलेशन एक्ट 2016 को चुनौती देने
वाली भारतीय विद्या भवन सोसायटी की
एसएलपी पर संयुक्त सुनवाई करते हुए
दिया। आदेशों के तहत पैरेंट्स को को ये
फीस मार्च से चुकानी होगी, जो 6
किश्तों में होगी। ये किश्त 5 मार्च से शुरू
होगी। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया
कि फीस जमा नहीं कराए जाने के कारण
किसी भी बच्चे का नाम स्कूल से नहीं
कटेगा। साथ ही 10वीं व 12वीं के
बच्चों को भी फीस जमा नहीं कराए जाने
पर परीक्षा में बैठने से वंचित नहीं किया
जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार को
भी कहा है कि वह स्कूलों के राइट टू
एजुकेशन एडमिशन की बकाया राशि
एक महीने में दे। स्कूलों का आरटीई के
पेटे राज्य सरकार पर करीब 210 करोड़
रुपए का बकाया चल रहा है। वहीं,
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के 18
दिसंबर के आदेश पर भी रोक लगा दी,
जिसमें निजी स्कूल संचालकों को राज्य
सरकार के 28 अक्टूबर के आदेश की
सिफारिशों के अनुसार फीस वसूल करने
की छूट देते हुए राज्य सरकार के फीस
तय करने के निर्णय में दखल देने से
इंकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने
मामले में अंतिम फैसला अप्रैल में देना
तय किया है। सरकार ने 28 अक्टूबर को
आदेश जारी कर राजस्थान बोर्ड ऑफ
सैकेण्डरी एजुकेशन से मान्यता प्राप्त
स्कूलों को 60 प्रतिशत और सेंट्रल बोर्ड
ऑफ सैकेण्डरी एजुकेशन से मान्यता
प्राप्त स्कूलों को 70 प्रतिशत फीस
वसूलने के लिए कहा था।✍🏻



युगपक्ष 
  📒 CP MEDIA 




 अपनी टिप्पणी /कमेंट लिखें 👇🏽 




 Khabron Me Bikaner 🎤


Post a Comment

0 Comments