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आशा सहयोगिनियों को क्लेम फार्म विभाग द्वारा ही मुद्रित कराकर सरल रूप में जारी किये जायेंगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा आशा सहयोगिनी के मध्य कार्य विभाजन होगा सरल

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आशा सहयोगिनियों को क्लेम फार्म विभाग द्वारा ही मुद्रित कराकर सरल रूप में जारी किये जायेंगे

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा आशा सहयोगिनी के मध्य कार्य विभाजन होगा सरल

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 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा आशा सहयोगिनी के मध्य कार्य विभाजन होगा सरल
90 प्रतिशत से अधिक आशा सहयोगिनियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की
ए.एन.एम. प्रशिक्षण हेतु आशा सहयोगिनी का कोटा 10 प्रतिशत किया जायेगा 
वार्ता के बाद अधिकांश आशा सहयोगिनीयों ने हटाया धरना 

जयपुर, 7 जनवरी। आशा सहयोगिनी संगठन से वार्ता के उपरांत अधिकांश आशा सहयोगिनी ने धरना हटा लिया। कुछ जगहों पर छिट-पुट रूप में कार्य बहिष्कार किया गया परन्तु समझौते और समझाइश के बाद अधिकांश मानदेयकर्मियों ने गुरूवार को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उपस्थिति दी और वे धरना, प्रदर्शन, आंदोलन से दूर रही। गुरूवार को आंगनबाड़ियों केंद्रों पर आयोजित होने वाले एमसीएचएन दिवस पर किये गये सघन पर्यवेक्षण में 90 प्रतिशत से अधिक आशा सहयोगनियों ने कार्य बहिष्कार से इंकार करते हुए अपनी सेवाएं प्रदान की। 

निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि पूर्व में हुई परस्पर सहमति के अनुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है आशा सहयोगिनीओं को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त होने वाले इंसेंटिव में तर्कसंगत वद्धि के लिए मुख्यमत्री द्वारा भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया जा चुका है। 
ए.एन.एम. प्रशिक्षण हेतु आशा सहयोगिनी का कोटा 10 प्रतिशत किये जाने हेतु कार्यवाही की जा चुकी है। आशा फैसिलिटेटर के अन्तर्गत आशा सहयोगिनीयों से ही चयन के लिए स्पष्ट प्रक्रिया शीघ्र जारी की जा रही है । आई. सी.डी.एस. एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनका सरल जॉब चार्ट व कार्य विभाजन भी परस्पर सहमति से शीघ्र जारी किया जायेगा। 

उन्होेंने बताया कि आशा सहयोगिनीयों की मांगों के अनुसार आई.सी.डी.एस. एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इनका सरल जॉब चार्ट व कार्य विभाजन तय किया जाएगा, जिसमें आंगनबाड़ी मानदेयकर्मी - आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका तथा आशा सहयोगिनी के मध्य कार्य विभाजन व दायित्व सरल रूप में निर्धारित किया जाएगा, ताकि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उनकी दैनिक उपस्थिति आवश्यक न रहे। आशा फैसिलिटेटर के अन्तर्गत आशा सहयोगिनीयों से ही चयन हेतु स्पष्ट प्रक्रिया शीघ्र जारी की जाएगी। 

उन्होंने बताया कि संपूर्ण भारत में केवल राजस्थान राज्य में ही आशा सहयोगिनियों को उनके इन्सेंटिव के अतिरिक्त पृथक से फिक्स मानदेय राशि दी जा रही है। राज्य सरकार आशा सहयोगिनीयों की मागों के प्रति संवेदनशील है। आशा सहयोगिनी संगठन के वर्तमान आंदोलन के क्रम में संगठन के विभिन्न सदस्यों से अलग-अलग स्तर पर लगभग दस बार वार्ता की गई। इस वार्ता में महिला एवं बाल विकास और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक स्तर से शासन सचिव स्तर तक पृथक-पृथक और संयुक्त रूप से भी वार्ता हुई। 

निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि वर्तमान में इन मानदेयकर्मियों को समेकित बाल विकास सेवाओं की ओर से 2700 रूपये प्रतिमाह की दर से मानदेय दिया जा रहा है, जो पूर्णतया राज्य मद से दिया जाता है। इसके अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत इन्सेन्टिव भी प्रदान किया जाता है। जो उनके कार्य के अनुसार सामान्यतः 3000 रूपये से अधिक हो सकता है। यह राशि एन.एच.एम से दी जाती है, जिसमें केन्द्रांश 60 प्रतिशत तथा राज्यांश 40 प्रतिशत है। 

उन्होेंने बताया कि आशा सहयोगिनी के संयुक्त नाम से मानदेय कर्मियों का कैडर केवल राजस्थान में ही विद्यमान है। आशा के रूप में एनएचएम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा इंसेंटिव आधारित पद सृजित किया गया था। राजस्थान में इनका आईसीडीएस के साथ सहयोगिनी के रूप में समन्वित पद करते हुए अतिरिक्त रूप में मानदेय का प्रावधान किया गया । वर्तमान में इन्हें आईसीडीएस की ओर से 2700 रूपये का मानदेय प्रतिमाह दिया जा रहा है जिसपर लगभग 190 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आता है। इसी प्रकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से भी लगभग इतनी ही राशि अतिरिक्त रूप में दी जाती है। इसके अतिरिक्त कोविड़-19 महामारी के दौरान आशा सहयोगनियों द्वारा किये गये सर्वे एवं एक्टिव सर्विलियंस कार्य के लिए मार्च- 2020 से जून - 2020 तक प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि भी दी गयी है। 

उन्होंने बताया कि ए.एन.एम. प्रशिक्षण हेतु आशा सहयोगिनीयों का काटा विस्तार करने हेतु कार्यवाही भी की जाएगी। आशा सहयोगिनियों की मानदेय वृद्धि सम्बन्धी वे वित्तीय मांगें जो राज्य सरकार से सम्बन्धित है,ं उन पर विचार करने के लिए पत्रावली राज्य सरकार को प्रेषित कर दीगई है। आशा सहयोगिनीयों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त होने वाले इंसेंटिव में तर्कसंगत वृद्धि के लिए भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया जाएगा। आशा सहयोगिनी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से मोबाइल डाटा के लिए प्रावधान किये जाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा। 

उन्होेंने बताया कि ऎसे अनेक प्रशासनिक बिन्दु हैं जो कि संगठनों के मांग पत्र पर नहीं थे, परंतु सदस्यों के साथ दीर्घ वार्ता के उपरांत सामने आये, उन्हें भी दूर करने के लिए कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इनमें आशा सहयोगिनियों को क्लेम फार्म विभाग द्वारा ही मुद्रित कराकर सरल रूप में जारी किये जायेंगे। इसके लिए भी प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। 



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 🙏 मोहन थानवी 🙏 


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