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*उत्तर पश्चिम रेलवे ने बचाये राजस्थान राज्य में 120 करोड़ रू.* North Western Railway saved Rs 120 crore in the state of Rajasthan

*BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 

North Western Railway saved Rs 120 crore in the state of Rajasthan


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 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
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*ओपन एक्सेस - रेलवे के लिए संचालन लागत को कम करने के उपाय*
*उत्तर पश्चिम रेलवे ने बचाये राजस्थान राज्य में 120 करोड़ रू.*
 भारतीय रेलवे विद्युत का एक बड़ा उपभोक्ता है एवं रेलवे बिजली आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अत्यधिक उच्च शुल्क का भुगतान करता था। 2015 के बजटीय भाषण में *माननीय रेलमंत्री जी ने घोषणा की थी कि ‘‘बिजली की खरीद, विद्युत उत्पादन कंपनियों, बिजली एक्सचेंजों और द्विपक्षीय व्यवस्थाओं से किफायती टैरिफ पर बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना प्रस्तावित है। इस पहल से अगले कुछ वर्षों में कम से कम 3,000 करोड़ रुपये राजस्व की बचत होने की संभावना है।”*
           उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ले. शशि किरण ने बताया कि विद्युत अधिनियम, 2003 में ओपन एक्सेस के प्रावधान ने रेलवे जैसे बड़े विद्युत उपभोक्ताओं को स्थानीय बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) के अलावा अन्य आपूर्तिकर्ताओं से बिजली प्राप्त करने के लिए ट्रांसमिशन और वितरण (टी एंड डी) नेटवर्क तक पहुंच प्रदान की। नवंबर 2015 में, सीईआरसी (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन) ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि रेलवे अधिकृत डीम्ड लाइसेंसधारी है और विद्युत अधिनियम, 2003 के अनुसार ओपन एक्सेस के तहत सेंट्रल और स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम को व्हीलिंग चार्ज देकर किसी भी जेनरेटिंग कंपनी से सीधे बिजली खरीद सकता है।  
राजस्थान में रेलवे के लिए ओपन एक्सेस के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे नोडल एजेन्सी है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा राजस्थान में रेलवे को ओपन एक्सेस के माध्यम से बिजली की खरीद करने पर अत्यधिक वित्तीय लाभ मिल रहा है। वर्तमान में, राजस्थान में रेलवे के 24 ट्रैक्शन सबस्टेशन पर ओपन एक्सेस के माध्यम से विद्युत् आपूर्ति ली जा रही हैं। और सभी नए ट्रैक्शन सबस्टेशन को इसमें जोड़ा जा रहा हैं। वर्तमान में बिजली की खरीद जिंदल इंडिया थर्मल पावर लिमिटेड (JITPL), REMCL (रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड) के पवन ऊर्जा संयंत्र और भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड से की जा रही है। इससे पर्याप्त बचत हो रही है। वर्ष 2019-20 में राजस्थान राज्य में उत्तर पश्चिम रेलवे ने कुल 381.06 मिलियन यूनिट बिजली ओपन एक्सेस के माध्यम से खरीदी, जिससे 120.85 करोड़ रू. राजस्व की बचत प्राप्त की है। विगत कई वर्षों से रेलवे प्रति वर्ष 100 करोड़ से अधिक रू. की बचत कर रहा है।
• ओपन एक्सेस से रेलवे के लिए कुछ प्रमुख लाभ निम्नानुसार है -
• विद्युत टैरिफ में महत्वपूर्ण कमी।
• विद्युत खरीद में दक्षता।
• अनुकूल आपूर्ति शेड्यूल।
• एक राज्य में सभी TSS को एकीकृत लोड शेड्यूलिंग के लिए एक इकाई 
• रेलवे के लिए क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज (सीएसएस) की छूट ।
                   
वर्तमान में राजस्थान और उत्तर पश्चिम रेलवे में विस्तृत रूप से विभिन्न भागों में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है और भविष्य में अधिक से अधिक ट्रेनों को डीजल ट्रैक्शन से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्विच किया जाएगा, जिसके परिणाम स्वरूप ओपन एक्सेस के साथ किफायती बिजली खरीद के कारण आगे राजस्व की बचत और भी बढेगी। 
ओपन एक्सेस से बिजली बिल को कम करने में सफलता के साथ-साथ रेलवे के परिचालन लागत को भी कम किया जा सकेगा। देश की परिवहन आवश्यकताओं को किफायती तरीके से पूरा कर आयातित ईंधन पर भारत की निर्भरता भी कम की जा सकेगी।




 📒 CP MEDIA 





 🙏 मोहन थानवी 🙏 


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