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behatar imyunitee ke lie pien oontanee
ka haldeeyukt doodh : #dr.saaval
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🙏 मोहन थानवी 🙏
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इस पार्लर में मिल रहा ₹10 में इम्युनिटी बढ़ाने वाला ऊंटनी का हल्दीयुक्त दूध
बेहतर इम्युनिटी के लिए पिएं ऊँटनी
का हल्दीयुक्त दूध : डॉ.सावल
राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र द्वारा नूतन दुग्ध उत्पाद लॉन्च
बीकानेर । जोड़बीड़
स्थित राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र द्वारा
ऊँटनी का हल्दीयुक्त दूध तैयार किया गया
है ताकि मूल्य संवर्धन की दृष्टि से भी
ऊँटनी के दूध का महत्व और अधिक
बढ़ाया जा सके। ये विचार राष्ट्रीय उष्ट्र
अनुसंधान केन्द्र के निदेशक
डॉ.आर.के.सावल ने ऊँटनी के हल्दीयुक्त
दूध उत्पाद के लॉन्च के अवसर पर आज
व्यक्त किए। डॉ.सांवल ने कहा कि
कोविड-19 से बचाव हेतु इम्युनिटी को
बढ़ाने की मांग, वैश्विक स्तर पर देखी जा
रही है। ऐसे में यह महसूस किया गया कि
ऊँटनी के दूध को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर
पर आमजन को उपलध करवाया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि आयुर्वेद में हल्दी
को एक औषधि के रूप में माना गया है
वहीं ऊँटनी के दूध में विद्यमान महत्वपूर्ण
गुणधर्मों के आधार पर इन दोनों का
सम्मिश्रण, मानव प्रतिरक्षा तंत्र (इम्युनिटी
सिस्टम) को बेहतर बनाने की दिशा में
कारगर सिद्ध हो सकता है, अत: ऊँटनी
के हल्दीयुक्त दूध को एक उत्पाद में तैयार
किए जाने का निर्णय लिया गया। अलग-
अलग मानकों के आधार पर इन दोनों के
सम्मिश्रण की स्वीकार्यता को लगभग 2
माह से अधिक समय हेतु जांचा गया।
तदनुसार केन्द्र द्वारा निर्मित यह नूतन
उत्पाद अब 100 मिलीलीटर पैकिंग में
तैयार करवाया गया है जिसकी कीमत 10
रुपए निर्धारित की गई है। केन्द्र के पार्लर
में पर्यटकों एवं आमजन के लिए यह
दुग्ध-उत्पाद बिक्री हेतु उपलब्ध रहेगा।
केन्द्र निदेशक ने ऊँटनी के दूध
की औषधीय उपयोगिता बताते हुए
वैज्ञानिकों को नए-नए उत्पाद तैयार करने
हेतु भी प्रोत्साहित किया गया इसी क्रम में
केन्द्र द्वारा वर्ष 2008 में देश की प्रथम
प्रायोगिक 'उष्ट्र डेरीÓ स्थापित की गई।
केन्द्र वैज्ञानिकों द्वारा ऊँटनी के दूध से
विभिन्न उत्पाद-कुल्फी, आइसक्रीम,
कॉफी, चाय, सुगन्धित दूध, लस्सी,
चीज, पेड़ा, खीर आदि विकसित किए
गए। इससे ऊँट पालकों की आमदनी में
बढ़ोत्तरी होगी तथा वे उष्ट्र पालन व्यवसाय
से जुड़े रहेंगे साथ ही ऊँट के विकास व
संरक्षण को और अधिक संबल मिल
सकेगा।
युगपक्ष
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