खबरों में बीकानेर 🎤 🌐
✍️
बीकानेर। वामपंथी दलों, ट्रेड
यूनियनों श्रमिक संघों, बैंक यूनियन,
किसान व छात्र संगठनों के भारत बंद के
आह्वान का बीकानेर में मिलाजुला असर
देखा गया। जहां बैंकों और बीमा
कार्यालयों में कामकाज ठप रहा वहीं रेलों
व बसों का संचालन सामान्य रहा।
बाजार भी रोजमर्रा की तरह खुले रहे।
विभिन्न केन्द्रीय श्रमिक यूनियनों से जुड़े
लोग रतनबिहारी पार्क में एकत्र हुए वहां
से जुलूस के रूप में जिला कल टर
कार्यालय पहुंचे। वहां हुई सभा को
एटक, सीटू, इंटक, एचएमएसएआई,
किसान छात्र संगठनों के नेताओं, बैंक
कर्मचारी यूनियनों के नेताओं ने संबोधित
करते हुए केन्द्र सरकार की श्रमिक
विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का
विलय बंद करने, रेलवे का निजीकरण
रोकने, छात्रों का दमन बंद करने, श्रमिक
संगठनों को नीति बनाने में शामिल करने
की मांग की। बाद में प्रतिनिधि मंडल ने
जिला कल टर के माध्यम से राष्ट्रपति व
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
बुधवार को देश की केन्द्र एवं
राज्य सरकार की विभिन्न ट्रेड यूनियनों के
द्वारा भारत बन्द का आहवान किया गया।
इस क्रम में बीकानेर में संभाग के सभी
केन्द्र राज्य एवं असंगठित संगठनों के
द्वारा संयुक्त संघर्ष समिती द्वारा भारत बन्द
के आहवान पर एक रैली का आयोजन
किया गया। जिसमें बीकानेर के सभी
श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने
हिस्सा लिया। इस रैली में संयुक्त संघर्ष
समिती के संयोजक कॉमरेड अनिल
व्यास ने अपने उद्बोघन में रैली को
संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से
केन्द्र सरकार रेल का निजीकरण करके
प्राईवेट हाथों मे दे रही है उसे बर्दाश्त नही
किया जायेगा इससे आम जनता एवं
गरीब का रेल में सफर करना और मंहगा
हो जाएगा। हमारे बच्चों को उच्च शिक्षा
ग्रहण करने बाद सरकारी नौकरियों का
जो सपना होता है वो सब खत्म हो
जायेगा, प्राईवेट कंपनी कर्मचारियों से
12-12 घन्टे का कार्य करवाकर कम
वेतन देगी जिससे युवाओं का शोषण
किया जायेगा अत: हम सब मांग करते है
कि केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नितीयों
को तुरन्त प्रभाव से वापस ले।
कॉ.वाई के शर्मा योगी बैंक नेता,
कॉम अविनाश व्यास शिक्षक नेता ने रैली
को उद्बोधन मे कहा कि केन्द्र एवं राज्य
सरकार बैंको का मर्जर और सार्वजनिक
क्षेत्रो का निजीकरण तुरन्त प्रभाव से बन्द
करना होगा अन्यथा ये छोटी सी चिंगारी
आंदोलन का रूप लेगी। रैली में श्रमिक
नेता कॉ.हेमन्त किराडू, कॉम प्रसन्न
कुमार, कॉ.अब्दुल रहमान कोहरी,
कॉ.भवंर सिंह, मुलचन्द खत्री, सूरज
गहलोत, रमेश व्यास, महेन्द्र देवड़ा,
अशोक पुरोहित, बद्री कुमावत, गुलाम
हुसैन, अंजली कुमार, सीताराम
कच्छावा, गिरधारी लाल, अशोक
पुरोहित, रामदेव राठौड़, जयकिशन खत्री
सहित रेलवे से इस सभा में प्रताप सिंह
कॉ.गणेश वशिष्ठ, कॉ ब्रजेश ओझा, कॉ.
राजेन्द्र चन्देला, कॉ. मनोज बिस्सा, कॉ.
भैरूरतन पुरोहित, सोनू कुमार, कॉ.
मोहम्मद सलीम कुरैशी सहित सैकड़ो
कर्मचारियों ने भी भाग लिया।
भारतवर्ष में ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए भारत बंद आयोजन के अंतर्गत भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड बीकानेर के कर्मचारियों ने भी भारत पेट्रोलियम के निजीकरण के खिलाफ आज हड़ताल रखी तथा साथ ही बताया गया कि सरकार जब तक भारत पेट्रोलियम के निजीकरण की कार्यप्रणाली को बंद नहीं करेगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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बीकानेर। वामपंथी दलों, ट्रेड
यूनियनों श्रमिक संघों, बैंक यूनियन,
किसान व छात्र संगठनों के भारत बंद के
आह्वान का बीकानेर में मिलाजुला असर
देखा गया। जहां बैंकों और बीमा
कार्यालयों में कामकाज ठप रहा वहीं रेलों
व बसों का संचालन सामान्य रहा।
बाजार भी रोजमर्रा की तरह खुले रहे।
विभिन्न केन्द्रीय श्रमिक यूनियनों से जुड़े
लोग रतनबिहारी पार्क में एकत्र हुए वहां
से जुलूस के रूप में जिला कल टर
कार्यालय पहुंचे। वहां हुई सभा को
एटक, सीटू, इंटक, एचएमएसएआई,
किसान छात्र संगठनों के नेताओं, बैंक
कर्मचारी यूनियनों के नेताओं ने संबोधित
करते हुए केन्द्र सरकार की श्रमिक
विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों का
विलय बंद करने, रेलवे का निजीकरण
रोकने, छात्रों का दमन बंद करने, श्रमिक
संगठनों को नीति बनाने में शामिल करने
की मांग की। बाद में प्रतिनिधि मंडल ने
जिला कल टर के माध्यम से राष्ट्रपति व
प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
बुधवार को देश की केन्द्र एवं
राज्य सरकार की विभिन्न ट्रेड यूनियनों के
द्वारा भारत बन्द का आहवान किया गया।
इस क्रम में बीकानेर में संभाग के सभी
केन्द्र राज्य एवं असंगठित संगठनों के
द्वारा संयुक्त संघर्ष समिती द्वारा भारत बन्द
के आहवान पर एक रैली का आयोजन
किया गया। जिसमें बीकानेर के सभी
श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने
हिस्सा लिया। इस रैली में संयुक्त संघर्ष
समिती के संयोजक कॉमरेड अनिल
व्यास ने अपने उद्बोघन में रैली को
संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से
केन्द्र सरकार रेल का निजीकरण करके
प्राईवेट हाथों मे दे रही है उसे बर्दाश्त नही
किया जायेगा इससे आम जनता एवं
गरीब का रेल में सफर करना और मंहगा
हो जाएगा। हमारे बच्चों को उच्च शिक्षा
ग्रहण करने बाद सरकारी नौकरियों का
जो सपना होता है वो सब खत्म हो
जायेगा, प्राईवेट कंपनी कर्मचारियों से
12-12 घन्टे का कार्य करवाकर कम
वेतन देगी जिससे युवाओं का शोषण
किया जायेगा अत: हम सब मांग करते है
कि केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नितीयों
को तुरन्त प्रभाव से वापस ले।
कॉ.वाई के शर्मा योगी बैंक नेता,
कॉम अविनाश व्यास शिक्षक नेता ने रैली
को उद्बोधन मे कहा कि केन्द्र एवं राज्य
सरकार बैंको का मर्जर और सार्वजनिक
क्षेत्रो का निजीकरण तुरन्त प्रभाव से बन्द
करना होगा अन्यथा ये छोटी सी चिंगारी
आंदोलन का रूप लेगी। रैली में श्रमिक
नेता कॉ.हेमन्त किराडू, कॉम प्रसन्न
कुमार, कॉ.अब्दुल रहमान कोहरी,
कॉ.भवंर सिंह, मुलचन्द खत्री, सूरज
गहलोत, रमेश व्यास, महेन्द्र देवड़ा,
अशोक पुरोहित, बद्री कुमावत, गुलाम
हुसैन, अंजली कुमार, सीताराम
कच्छावा, गिरधारी लाल, अशोक
पुरोहित, रामदेव राठौड़, जयकिशन खत्री
सहित रेलवे से इस सभा में प्रताप सिंह
कॉ.गणेश वशिष्ठ, कॉ ब्रजेश ओझा, कॉ.
राजेन्द्र चन्देला, कॉ. मनोज बिस्सा, कॉ.
भैरूरतन पुरोहित, सोनू कुमार, कॉ.
मोहम्मद सलीम कुरैशी सहित सैकड़ो
कर्मचारियों ने भी भाग लिया।
भारतवर्ष में ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए भारत बंद आयोजन के अंतर्गत भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड बीकानेर के कर्मचारियों ने भी भारत पेट्रोलियम के निजीकरण के खिलाफ आज हड़ताल रखी तथा साथ ही बताया गया कि सरकार जब तक भारत पेट्रोलियम के निजीकरण की कार्यप्रणाली को बंद नहीं करेगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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