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भारतीय पुरानी हिन्दी फिल्मों का इतिहास अमर रहेगा- सोलंकी
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. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸☑️*********🙏👍🙏 खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ✍️ ... 👇👇👇👇👇👇👇
बीकानेर के नागरिक भण्डार मे पुरानी यादे हुई ताजा,
भारतीय पुरानी हिन्दी फिल्मों का इतिहास अमर रहेगा- सोलंकी
बीकानेर। हिंदी सिनेमा के 100 साल ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का शुभारंभ नोशाद एकेडमी ऑफ हिंदुस्तानी संगीत व अमन कला केंद्र बीकानेर द्वारा राजमाता सुदर्शना कला दीर्घा होटल लाल जी के सामने स्टेशन रोड पर दो दिवसीय ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ ।
सिनेमा के 100 साल ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी मे 1930 की पहली बोलती हिंदी फिल्म आलमआरा से 1950 के फ्लेक्स बेनर व 1951 से 2000 मिशन कश्मीर तक ओरिजनल फिल्मों के पोस्टर प्रदर्शनी मे लगाये गये।
बीकानेर केंद्र अमन कला के अध्यक्ष एम. रफ़ीक कादरी ओर अनवर अजमेरी ने सयुंक्त रूप से बताया कि आज के उद्धघाटन समारोह मे मुख्य अतिथि बी. जे. पी .के वरिष्ठ नेता नंद किशोर सोलंकी थे।
अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक अनिल दुबे व डॉ मीना आसोपा ने की। कार्यक्रम के खास मेहमान कर्मचारी नेता राजकुमार जीनगर रहे।
इस मौके पर प्रदर्शनी मे विशिष्ठ अतिथि के रूप में अनवर अली रंगरेज, एडवोकेट समुद्र सिंह राठौड़, एम. आर .मुगल थे ।
आज की इस प्रदर्शनी में हिन्दी फिल्मों के पोस्टर आन, ज़िन्दगी, मुग़ले आज़म, पतिता ,इंसानियत, राजकुमार, दोस्ती, कुली, आंखे, मिलन ,तीन देवियाँ, हम किसी से कम नही, हमराज ,प्रोफेसर, पूरब और पश्चिम, राजा रानी, मेरा गांव मेरा देश, ताजमहल, शोले, यादगार ,मशाल, मेरे सनम, फूल और पत्थर, वक्त, आप आये बहार आयी, जैसी फिल्मों के ओरिजनल पोस्टर लगाए गए संचालन एम रफ़ीक कादरी ने किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा नेता नंदकिशोर सोलंकी ने कहा कि इस प्रदर्शनी से भारतीय हिंदी फिल्मों के इतिहास की यादें आज फिर से ताजा होगी हैं- ओर साथ ही कहा इस प्रदर्शनी मे राजस्थानी फिल्मों के पोस्टरों को देखते हुए कर्मा बाई फिल्म पोस्टर को देखकर उस फिल्म मे मीरा का रुप कर्मा बाई मे दिखाया गया था, जैसे की अन्यन भक्त रही मीरा भगवान श्रीकृष्ण की वेसे ही कर्मा बाई मीरा के रूप मे दिखाया था। उस फिल्म मे कर्मा बाई को कोई बचपन मे कह देता हैं कि भगवान को भोग लगाने से वे खाना खाते हैं उसी की रट को लेते हुए कर्मा बाई भगवान कृष्ण की प्रति अपनी भक्ति का ऐसा रुप दिखा आया कि भगवान को कर्मा की भक्ति को देखते हुए भगवान को खिचड़ी खाने के लिए आना ही पडा। इस अवसर पर मेहमान खुशी के रुप में आये कर्मचारियों के नेता राजकुमार जीनगर ओर वर्तमान मे भाजपा पार्टी बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार राजकुमार जीनगर ने प्रदर्शनी मे पोस्टरो को देखते हुए कहा कि ये पोस्टरो की फिल्म प्रदर्शनी मुझे अपने बचपन मे ले गई।
साथ ही कहा आज के समय मे बनने वाली फिल्मों में संज्ञीत का महत्व कहा बताना चाहिए ओर अभी कहां बता रहे एवं पुरानी फिल्मों मे गानों के अनुसार किरदार सेट हुआ करते थे। आपसी धर्म भाई-चारा जैसी बांतो का उल्लेख किया जाता था। जबकि ये फिल्में पूरे परिवार के साथ बेठकर उस जमाना मे देखी जाती थी। आज की फिल्मों को परिवार के साथ बेठकर देखना असम्भव लगता हैं। क्योंकि आज की फिल्मो मे अश्लीलता, कॉमेडी मे अश्लीलता, गानों मे अश्लीलता दिखाई जाती हैं। इसी कारण बीकानेर में सात सिनेमा हॉल थे। जो कि अब उस में से मुख्य रूप से एक सिनेमा हॉल बचा हैं।
भारतीय पुरानी हिन्दी फिल्मों का इतिहास अमर रहेगा- सोलंकी
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बीकानेर के नागरिक भण्डार मे पुरानी यादे हुई ताजा,
भारतीय पुरानी हिन्दी फिल्मों का इतिहास अमर रहेगा- सोलंकी
बीकानेर। हिंदी सिनेमा के 100 साल ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का शुभारंभ नोशाद एकेडमी ऑफ हिंदुस्तानी संगीत व अमन कला केंद्र बीकानेर द्वारा राजमाता सुदर्शना कला दीर्घा होटल लाल जी के सामने स्टेशन रोड पर दो दिवसीय ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ ।
सिनेमा के 100 साल ओल्ड फ़िल्म पोस्टर प्रदर्शनी मे 1930 की पहली बोलती हिंदी फिल्म आलमआरा से 1950 के फ्लेक्स बेनर व 1951 से 2000 मिशन कश्मीर तक ओरिजनल फिल्मों के पोस्टर प्रदर्शनी मे लगाये गये।
बीकानेर केंद्र अमन कला के अध्यक्ष एम. रफ़ीक कादरी ओर अनवर अजमेरी ने सयुंक्त रूप से बताया कि आज के उद्धघाटन समारोह मे मुख्य अतिथि बी. जे. पी .के वरिष्ठ नेता नंद किशोर सोलंकी थे।
अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक अनिल दुबे व डॉ मीना आसोपा ने की। कार्यक्रम के खास मेहमान कर्मचारी नेता राजकुमार जीनगर रहे।
इस मौके पर प्रदर्शनी मे विशिष्ठ अतिथि के रूप में अनवर अली रंगरेज, एडवोकेट समुद्र सिंह राठौड़, एम. आर .मुगल थे ।
आज की इस प्रदर्शनी में हिन्दी फिल्मों के पोस्टर आन, ज़िन्दगी, मुग़ले आज़म, पतिता ,इंसानियत, राजकुमार, दोस्ती, कुली, आंखे, मिलन ,तीन देवियाँ, हम किसी से कम नही, हमराज ,प्रोफेसर, पूरब और पश्चिम, राजा रानी, मेरा गांव मेरा देश, ताजमहल, शोले, यादगार ,मशाल, मेरे सनम, फूल और पत्थर, वक्त, आप आये बहार आयी, जैसी फिल्मों के ओरिजनल पोस्टर लगाए गए संचालन एम रफ़ीक कादरी ने किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा नेता नंदकिशोर सोलंकी ने कहा कि इस प्रदर्शनी से भारतीय हिंदी फिल्मों के इतिहास की यादें आज फिर से ताजा होगी हैं- ओर साथ ही कहा इस प्रदर्शनी मे राजस्थानी फिल्मों के पोस्टरों को देखते हुए कर्मा बाई फिल्म पोस्टर को देखकर उस फिल्म मे मीरा का रुप कर्मा बाई मे दिखाया गया था, जैसे की अन्यन भक्त रही मीरा भगवान श्रीकृष्ण की वेसे ही कर्मा बाई मीरा के रूप मे दिखाया था। उस फिल्म मे कर्मा बाई को कोई बचपन मे कह देता हैं कि भगवान को भोग लगाने से वे खाना खाते हैं उसी की रट को लेते हुए कर्मा बाई भगवान कृष्ण की प्रति अपनी भक्ति का ऐसा रुप दिखा आया कि भगवान को कर्मा की भक्ति को देखते हुए भगवान को खिचड़ी खाने के लिए आना ही पडा। इस अवसर पर मेहमान खुशी के रुप में आये कर्मचारियों के नेता राजकुमार जीनगर ओर वर्तमान मे भाजपा पार्टी बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार राजकुमार जीनगर ने प्रदर्शनी मे पोस्टरो को देखते हुए कहा कि ये पोस्टरो की फिल्म प्रदर्शनी मुझे अपने बचपन मे ले गई।
साथ ही कहा आज के समय मे बनने वाली फिल्मों में संज्ञीत का महत्व कहा बताना चाहिए ओर अभी कहां बता रहे एवं पुरानी फिल्मों मे गानों के अनुसार किरदार सेट हुआ करते थे। आपसी धर्म भाई-चारा जैसी बांतो का उल्लेख किया जाता था। जबकि ये फिल्में पूरे परिवार के साथ बेठकर उस जमाना मे देखी जाती थी। आज की फिल्मों को परिवार के साथ बेठकर देखना असम्भव लगता हैं। क्योंकि आज की फिल्मो मे अश्लीलता, कॉमेडी मे अश्लीलता, गानों मे अश्लीलता दिखाई जाती हैं। इसी कारण बीकानेर में सात सिनेमा हॉल थे। जो कि अब उस में से मुख्य रूप से एक सिनेमा हॉल बचा हैं।
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