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उछब सियाळो : कविमन के बोल तीन भाषाओं में मुखर हुए

उछब सियाळो : कविमन के बोल तीन भाषाओं में मुखर हुए


बीकानेर। शब्द, संवेदना, भाव,
विचार और भाषा की जुगलबंदी के साथ
संगीत, रंगकर्म और विभिन्न कलाओं से
जुड़े नगर की तीन पीढिय़ों के तीनों
भाषाओं के सृजनधर्मियों, कलाधर्मियों के
माध्यम से उछब सियाळो दो दिवसीय
समारोह के दूसरे दिन... 👇

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घर की नारी दो प्रकार की बात एक की..., केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के सान्निध्य में उछब सियाळो - *1...👇


.... रविवार को प्रथम सत्र
में हिंदी उर्दू और राजस्थानी की नई
कविता के साथ नगर के कवि शायरों ने
विविध रंग और कविता की कई
तरह की बानगी पेश कर वातावरण को
कवितामय बना दिया।
काव्य की त्रिवेणी में अतिथि रहे
भवानी शंकर व्यास 'विनोद' ,... 👇

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यह भी देखें 👇
खबरों में बीकानेर 🎤 कलयुग कथा सुनी-सराही केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने... उछब सियाळो - 2*
https://youtu.be/Ln45iBGRSQ8 via @YouTube
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खबरों में बीकानेर �� �� ✍️
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रवि
पुरोहित एवं विद्यासागर आचार्य।
कवि राजाराम स्वर्णकार ने राजस्थानी
भाषा की पीड़ा की कविता अन्यावां सूं भचमेड़ा कर
आगे आवे पेश की तो गिरधरदान कवि
ने डिंगल का मिठास घोला और
राजस्थानी की कविता तू तो गयो प्रदेश
डिकरा सुना कर वाहवाही लूटी। इसी
क्रम में उर्दू  शायर क़ासिम
बीकानेरी ने अपनी ताज़ा गज़़ल के
माध्यम से शायरी के नये रंग भरे-
लोग ख़ुद को ख़ुदा समझते
है, ख़ुद को सबसे बड़ा समझते हैं... को
काफी सराहा गया।  शाइर सागऱ
सिद्दिक़ी, डॉ. मोहम्मद हुसैन की ग़ज़लों
को ख़ूब ... 👇

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. ✍️ *फोटो लॉन* ������☑️*********������
खबरों में बीकानेर �� �� ✍️
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.... दाद मिली । वहीं कवयित्री
कृष्णा आचार्य ने सस्वर गीत पेश किया ।
वरिष्ठ कवि कमल रंगा ने मां को
समर्पित संवेदनात्मक कविता के साथ-
साथ जनरेशन गैप छोरी आदि कविताओं
के माध्यम से आज के हालातों और
अन्य स्थितियों से श्रोताओं को रूबरू
कराया । हास्य के कवि बाबूलाल
छंगानी ने अपनी हादसे की रचनाओं के
माध्यम से लोगों को गुदगुदाया। मुख्य
अतिथि रवि पुरोहित ने अपनी राजस्थानी
की कर्ण और कुंती की मानवीय संवेदना
और पीड़ा को रेखांकित करती हुई  सशक्त कविता पेश की।
दूसरे सत्र में कविता कर्म एक
गंभीर चुनौती विषय पर व्याख्यान में रवि पुरोहित ने
कई उदाहरण देते हुए कविता की गंभीर
चुनौतियों की ओर इशारा किया।
समारोह के अध्यक्ष आलोचक कवि
भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि
उछब सियाळो एक नवाचार तो है ही
साथ ही इसके माध्यम से साहित्य की
विभिन्न विधाओं और आज प्रारंभ किया
गया कवि बनाम कविता अपने आप में
महत्वपूर्ण है।
तीसरा सत्र खुले खाळे में कवि
शायर और साहित्यकारों के अलावा
विभिन्न कलाओं से जुड़े हुए लोग और
साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों
ने जग बीती आप बीती और अपने
जीवन से जुड़ी रोचक
घटनाएं रोचक प्रस्तुत कीं।
















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