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कोचर मंडल हीरक जयंती महोत्सव : सर्द थी रात मगर कवि-श्रोताओं की गर्मजोशी ने सोने न दिया शहर

कोचर मंडल हीरक जयंती महोत्सव : सर्द थी रात मगर कवि-श्रोताओं की गर्मजोशी ने सोने न दिया शहर

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सर्द थी रात मगर कवि-श्रोताओं की गर्मजोशी ने सोने न दिया शहर

कोचर मण्डल का हीरक जयंती समारोह:::::::
 हंसाया, गुदगुदाया, दिलों में उफान लाया, देर रात तक चला कवि सम्मेलन लोगों को खूब भाया::::::
जिंदगी क्या है खुद ही समझ जाओगे, बारिशों में पतंगे उड़ाया करो- डॉ. राहत इन्दौरी
मृत्यु का भय नहीं लगता जब हाथ तिरंगा होता है- फौजदार
बीकानेर। कोचर मण्डल के 75 वर्ष पूर्ण करने पर मण्डल द्वारा मनाये जा रहे हीरक जयंती समारोह के दूसरे दिन कोचरों के चौक में विशाल मंच के माध्यम से देश भर के नामचीन कवियों ने वीर रस, श्रृंगार रस, हास्य और व्यंग्य से भरपूर, देश में व्याप्त महत्वपूर्ण समस्याओं पर जब कटाक्ष भरे शब्द बाण छोड़े तब हर किसी को वर्तमान हालात पर चिंतन करने को मजबूर कर दिया। मण्डल के सुरेन्द्र कोचर व जितेन्द्र कोचर ने बताया कि मंच पर मौजूद मशहूर शायर राहत इन्दौरी, सत्यनारायण सत्तन, प्रताप फौजदार, योगेन्द्र शर्मा, दिनेश रघुवंशी, सुदीप भोला, मुन्ना बेट्री और महिला कवयित्री ने अपनी रचनाओं के माध्यम से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में रह-रह कर ठहाकों की गूंज सुनाई दी वहीं देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं ने भारत मां की जय, वन्दे मातरम के नारों से कोचरों के चौक को गूंजायमान कर दिया। मशहूर शायर एवं गीतकार राहत इन्दौरी ने अपनी रचना 'अंगुलियां यूं ना सब पर उठाया करो, खर्च करने से पहले कमाया करो, जिंदगी क्या है खुद ही समझ जाओगे, बारिशों में पतंगे उड़ाया करोÓ  तथा तूफानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो, मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर कर दरिया पार करोÓ सुनाकर युवाओं को कुछ करने तथा किसी के भरोसे ना रहकर मेहनत व लगन से मुकाम हासिल करने की सीख दी।Óमंच पर मध्यप्रदेश के पूर्व खादी मंत्री एवं वरिष्ठ कवि सत्यनारायण सत्तन ने देशभक्ति कविता 'ऊबाल अपने रक्त में ऊबालते चले चलो, स्वार्थियों को देश से निकालते चले चलो,सुनाकर श्रोताओं में देशभक्ति का जोश भर दिया। वहीं द ग्रेट इण्डियन लाफ्टर शो के चैम्पियन रह चुके और वर्तमान में न्यूज 18 पर प्रसारित होने वाले नाटक नेताजी लपेटे में है के प्रमुख कलाकार कवि प्रताप फौजदार ने भक्ति एवं वीर रस से परिपूर्ण कविता 'मैने पूछा झूम झूम फांसी कैसे चढ़ जाते थे, नंगे पैर दहकते अंगारों पर भी बढ़ जाते थे, सहमे तक नहीं तुम कभी हिम मुक्त जवानी देने में, क्यों तुमको डर नहीं लगा अपनी कुर्बानी देने में, बोले देशभक्ति लौ पर बलिदान पतंगा होता है, मृत्यु का भय नहीं लगता जब हाथ तिरंगा होता हैÓ सुनाकर उपस्थित जन समूह को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। फौजदार ने अपनी कविता 'आगे-आगे एक नंगा आदमी भगा जा रहा था, उसके पीछे एक कच्छा पहनकर चला आ रहा था, मेरे मित्र ने कहा प्रतापसिंह यह क्या क्लेश है, यह कैसा भेष है, मैने कहा भाई आगे विकसित और पीछे वाला विकासशील देश हैÓ सुनाकर वर्तमान हालात पर कटाक्ष किए। कवि सुदीप भोला ने कविता 'किसी ने आंख मारी थी भरी संसद में, बस यूं ही गलतफहमी में सुप्रीम कोर्ट ने धारा ही हटवा दीÓ और 'गौरेया ने अब बागों में आना छोड़ दिया, कोयलिया ने भी दहशत में गाना छोड़ दिया, वहशी बनकर घूम रहे हैं आज चमन में भंवरे, डर के मारे कलियों ने मुस्कुराना छोड़ दियाÓ सुनाकर वर्तमान में फैली हिंसा और उससे होने वाले समाज पर दुष्प्रभाव पर करारा व्यंग्य किया। कवि सम्मेलन में वीर रस का रंग भरा योगेन्द्र शर्मा की कविता ' धन्य है आक्रोश भी जब हेतु से परमार्थ हो, पाप भी तब पुण्य है जब धर्म के रक्षार्थ हो, वक्त की है बात वर्ना, शक्ति भी किस काम की, भीष्म बाणों पर, जटायु गोद में श्रीराम कीÓ। मुन्ना बेट्री ने 'तपता सुर्य जिसके ललाट पर चमकता था, शौर्य का लावा जिसकी भुजाओं में ऊबलता था, खौफ का दृश्य कुछ ऐसा था बलशाली का, के रण में भरते हुंकार पूरा रण क्षेत्र दहलता था, महाकाल के रूप में जिसकी फैली इतनी ख्याती थी, तलवारें जिसे छू ना सकी वह महाराणा प्रताप की छाती थीÓ सुनाकर उपस्थित जन समूह में जोश का संचार किया। महिला कवयित्री भुवन मोहिनी ने वर्तमान में बेटियों पर हो रहे अत्याचार, बढ़ते  दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पंक्तियों के माध्यम से बेटियों पर संदेश देते हुए 'कि तना हो सर पर छप्पर तो सावन क्या बिगाड़ेगा, दुप्पटा हो बदन पे जो दुस्सासन क्या बिगाड़ेगा,तुम्हे सौगंध मर्यादा कि जो लक्ष्मण ने खिंची थी, वो रेखा पार ना करना तो रावण क्या बिगाड़ेगाÓ। सुनाकर उन्हें हद में रहने और विशेष तौर से आवागमन और रहन-सहन में सावधानी रखने की सीख दी। कवि सम्मेलन के आज के मुख्य अतिथि इक्विटि हैड, आईसीआईसी आई सिक्युरिटीज विशाल गुलेच्छा थे। मंच संचालन जितेन्द्र कोचर ने किया । 
रविवार को निकलेगी शोभायात्रा:::
 कोचर मण्डल के सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि तीन दिवसीय हीरक जयंती महोत्सव के अंतिम दिन सुबह 9.15 बजे कोचरों के चौक से सकल कोचर परिवार द्वारा भव्य (वरघोड़ा)शोभायात्रा निकाली जाएगी। रात 8 बजे से भक्ति एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा जिसमें अद्भुत वाद्ययंत्रों पुरातन काल से बजाये जा रहे खड़ताल, मृदंग, बांसुरी, सितार, गिटार, तबला, सारंगी, रावण हत्था आदि का वादन कलाकारों द्वारा किया जाएगा। साथ ही स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त रात में अनुराग कला केन्द्र का प्रसिद्ध नाटक चारकोट का मंचन भी होगा।






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