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खेती में लाएं विविधता, पशुपालन भी करें किसान - कुलपति प्रो. शर्मा


खेती में लाएं विविधता, पशुपालन भी करें किसान - कुलपति प्रो. शर्मा
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खेती में लाएं विविधता, पशुपालन भी करें किसान-कुलपति प्रो. शर्मा
केवीके बीछवाल में रबी सम्मेलन आयोजित

बीकानेर, 4 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के बीछवाल स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में शुक्रवार को रबी सम्मेलन आयोजित किया गया।
    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा थे। उन्होंने कहा कि किसान ऐसे आयोजनों का लाभ उठाएं। कृषि वैज्ञानिकों से ज्ञान अर्जित करते हुए खेतों में इसका उपयोग करें। किसान, वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में रहें तथा खेती के दौरान आने वाली व्यावहारिक कठिनाईयों से संबंधित फीडबैक भी दें। प्रो. शर्मा ने कहा कि किसान खेती और पशुपालन की परम्परागत विधियां कृषि वैज्ञानिकों से शेयर करें। वैज्ञानिक पद्धति से इनका अनुसंधान किया जाएगा तथा उपयोगी परम्परागत विधियों की जानकारी अन्य किसानों को भी दी जाएगी, जिससे उन्हें लाभ हो सके। 
    प्रो. शर्मा ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना आज सबसे बड़ी आवष्यकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर सतत प्रयास हो रहे हैं। किसानों को भी जागरुक होकर नवाचार करने होंगे। उन्होंने कहा कि किसान खेती में विविधता लाएं। कृषि के साथ पशुपालन भी करें। उन्होंने कृषि एवं पशुपालन को एक-दूसरे का पूरक बताया तथा कहा कि पशुपालन करने वाले किसान पशु-पोषण के प्रति भी जागरुक रहें। उन्होंने कहा कि फसलों के कईं भाग, जो मनुष्य नहीं खा सकते, वे पशुओं के लिए अत्यंत पौष्टिक होते हैं। किसान इनकी भी समझ रखें, जिससे उन्हें दोहरा लाभ हो सके।
    विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने कहा कि खेती का लागत मूल्य कम हो तथा उत्पादन बढ़े, इसके लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच करवाएं तथा परीक्षण के दौरान पाई जाने वाली कमियों को दूर करें। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि किसान खेती के साथ बकरी, मुर्गी एवं मधुमक्खी पालन तथा फल एवं सब्जी उत्पादन की ओर भी रुख करें।
    उपनिदेशक कृषि (विस्तार) डाॅ. उदयभान ने कहा कि किसानों के मार्गदर्शन एवं उनके सामने आने वाली व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के लिए सरकार तथा विश्वविद्यालय स्तर पर समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम होते हैं। ऐसे मंच पर किसानों को लाभ तभी होगा जबकि द्विपक्षीय संवाद हो। किसान अपनी परेशानी बताएं तथा कृषि वैज्ञानिक इनके निराकरण का तरीका सुझाए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रति बीघा उत्पादन वृद्धि अत्यंत आवश्यक है। 
    निदेशक, भूदृश्यता एवं राजस्व सृजन डाॅ. सुभाष चंद्र ने कहा कि काश्तकार कम लागत की तकनीक को पहले अपनाएं। आज परम्परागत और आधुनिक तकनीक के समावेश की जरूरत है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने पशुपालन को रेगिस्तानी क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय बताया तथा कहा कि उन्नत किस्म के बीजों को हर साल बदलने की जरूरत नहीं होती। किसान इन बीजों को सुरक्षित रखकर दूसरे साल उपयोग ले सकते हैं।
    कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. दुर्गासिंह राठौड़ ने केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. आई. पी. सिंह, कृषि अनुसंधान केन्द्र के डाॅ. पी. एस. शेखावत, मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डाॅ. आर.एस. यादव, सहायक निदेशक (उद्यानिकी) डाॅ. जयदीप दोगने, एटिक प्रभारी डाॅ. रामधन जाट सहित कृषि वैज्ञानिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसान मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सुशील कुमार ने किया। 
‘प्रमुख रबी फसलों की उन्नत कृषि विधियां’ का विमोचन
    कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा एवं अन्य अतिथियों ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘प्रमुख रबी फसलों की उन्नत कृषि विधियां’ का विमोचन किया। इस पुस्तक में डाॅ. दुर्गासिंह, डाॅ. मदनलाल रैगर, डाॅ. उपेन्द्र कुमार, डाॅ. सुशील कुमार तथा डाॅ. बी. एस. मिठारवाल द्वारा गेहूं, चना, सरसों और जीरा जैसी रबी फसलों से संबंधित उपयोगी जानकारी संकलित की गई है। 
कुलपति ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन
    इस अवसर पर कुलपति प्रो. शर्मा ने केवीके द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में कृषि विज्ञान केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों, प्रखण्ड वार भूजल स्तर की श्रेणियों, पाॅली हाउस में जीरे की खेती, वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों, लहसून की खेती में सिंचाई पद्धति का प्रभाव, चना, सरसों व मसालों की उन्नत किस्मों, लो-टनल तकनीक, राजस्थान के औषधीय पौधे तथा कृषि यंत्र व मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र से संबंधित जानकारी प्रदर्शित की गई।

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2 Comments
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  2. I don't even know how I finished up here, however I believed this submit was once good.
    I don't recognise who you're but definitely you are going to
    a well-known blogger in the event you aren't already.
    Cheers!

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