ऊंट उत्सव शनिवार से
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ऊंट उत्सव शनिवार से
बीकानेर, 11 जनवरी। राजस्थान के राज्य पशु तथा रेगिस्तानी जहाज के रूप में जग प्रसिद्ध ऊंट का 26 वां उत्सव 12-13 जनवरी को डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों,ऊंट की उपयोगिता व महत्व को उजागर करने वाले कार्यक्रमों के साथ होगा। जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ऊंट उत्सव की तैयारियां परवान पर है। देशी-विदेशी पर्यटक उत्सव में भागीदारी के लिए होटलों में आरक्षण करवा रहे हैं।
जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि ऊंट उत्सव को पर्यटकों के लिए रोचक व यादगार बनाने के लिए आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन बीकानेर साहित्य,संस्कृति व कला, खान पान की वस्तुओं, कलात्मक हवेलियों और देशनोक के करणीमाता मंदिर, मुकाम के गुरु जम्भेश्वर मंदिर, महर्षि कपिल की तपोभूमि कोलायत तथा अग्नि नृत्य के प्रवर्तक जसनाथजी महाराज के तपोस्थल कतरियासर के लिए लोकप्रिय नगर में ऊंट उत्सव के दौरान आने वाले पर्यटकों को जिले के अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी दे तथा उनका स्वागत-सत्कार करें ।
उन्होंने बताया कि पुलिस, नगर निगम, शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, सार्वजनिक निर्माण विभाग, उरमूल डेयरी, पशुपालन सहित विभिन्न विभाग पर्यटन विभाग से समन्वय स्थापित कर अपने कार्य को निष्ठा से करें। उत्सव के दौरान पर्यटक नगर व उत्सव की अच्छी छवि लेकर जाएं।
कुमारपाल गौतम ने बताया कि उत्सव का आगाज 12 जनवरी को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे शोभायात्रा से होगा। शोभायात्रा में संजे संवरे ऊंट, ऊंट की उपयोगिता, विशिष्टता को दर्शाया जाएगा । वहीं कलाकार और बीकानेरी रोबीले पारम्परिक वेशभूषा में तथा सजे संवेरे ऊंट, घोड़े व बग्गी आदि शामिल होंगे। शोभायात्रा जूनागढ़ के आगे से रवाना होकर डाॅ.करणीसिंह स्टेडियम पहुंचेंगी। स्टेडियम में भी रेगिस्तान जहाज की विशेषताओं को को दर्शाया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्सव का आगाज दोपहर साढ़े बारह बजे से होगा। आर्मी का बैग पाइपर बैंड गीतों की स्वर लहरियां बिखेरेगा। उसके बाद ऊंट श्रृंगार, ऊंट बाल कतराई, ऊंट नृत्य, मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा की प्रतियोगिताएं दोपहर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे तक होगी। उत्सव के प्रथम दिन सुबह आठ बजे से दस बजे तक पर्यटकों के लिए रायसर के रेतीले टीलों पर निःशुल्क सफारी का आयोजन किया जाएगा व डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में शाम साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक लोककला, लोक संस्कृति से ओत प्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें राजस्थान एवं विभिन्न अंचलों के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि उत्सव के दूसरे दिन 13 जनवरी को उत्सव के कार्यक्रमों की शुरूआत सुबह दस बजे हैरिटेज वाक से होगा। हैरिटेज वाक रामपुरिया हवेली से राव बीकाजी की टेकरी (लक्ष्मीनाथ मंदिर) के पास पहुंचेगी। डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में दोपहर बारह बजे से शाम साढ़े चार बजे तक देशी-विदेशी पर्यटकों की पुरुष व महिला रस्साकशी, ग्रामीण कुश्ती, कबड्डी, विदेशी पर्यटकों की साफा बांधने की प्रतियोगिता होगी। इसी दिन ऊंट नृत्य, महिला मटका दौड़ व म्यूजिकल प्रतियोगिता होगी। शाम साढ़े छह बजे से आठ बजे तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, रात आठ बजे धधकते अंगारों पर अग्नि नृत्य व उसके बाद आतिशबाजी होगी। डाॅ.करणी सिंह स्टेडियम में ऊंट के फर, ऊंटनी के दूध के उत्पादों यथा चाय, कुल्फी आदि की स्टाॅल लगाई जाएगी।
A fascinating discussion is definitely worth comment.
ReplyDeleteI do believe that you ought to write more on this subject, it might not
be a taboo subject but generally people don't discuss these subjects.
To the next! Many thanks!!
At this time I am going away to do my breakfast, when having my
ReplyDeletebreakfast coming over again to read more news.
It's difficult to find educated people for this topic, however, you sound like
ReplyDeleteyou know what you're talking about! Thanks
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