अचो भाऊ सिन्धीअ में गाल्हाइयूं, सिन्धीयत खे वाधायूं

बीकानेर 10 जून 2018। मुक्ताप्रसाद कॉलोनी में बच्चों ने जब अचो भाऊ सिन्धीअ में गाल्हाइयूं, सिन्धीयत खे वाधायूं का उद्घोष गुंजाया तो मौजूद सिन्धी समाज के लोगों ने सिन्धी अबाणी बोली गीत से माहौल में सिन्धीयत की खुशबू भर दी। जबकि महिला मंडली प्रतिनिधि कमलेश खत्री, कांता खत्री ने संत लीला शाह के भजन सुनाए। यह अवसर रहा भारतीय सिन्धु सभा महानगर  के तत्वावधान में निशुल्क बाल सिन्धी संस्कार शिविर के समापन समारोह का। इस समारोह में  अतिथि वक्ताओं ने प्रतिभागी करीब 25 बच्चों को प्रमाण पत्र, शिक्षण सामग्री प्रदान कर सम्मानित किया। शिक्षक हरीश भम्भाणी, किशोर मोतियानी, अतिथि हासानंद मूलचंदानी, अनिल तुलसियानी, लालचंद तुलसियानी ने बच्चों के द्वारा सिन्धी लोक कथाओं की प्रस्तुति को सराहा। बच्चों ने सिन्ध के महापुरुषों, संतों की जीवनी को सिघी गीतों के माध्यम से चार-चार के समूह में प्रस्तुत किया। इनमें झूलेलाल के अवतरण, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन, साईं पुरसनाराम, संत कंवरराम की जीवनी शामिल है।
हासानंद मंघवानी, केशव खत्री, राजकुमार मोटवानी, सुरेश केशवानी ने शिक्षकों व प्रतिभावान बालिकाओं को सम्मानित किया। सिंधु सभा महानगर अध्यक्ष किशन सदारंगानी ने बताया कि अनिल तुलसियानी ने सभी बच्चों को स्वीट एंड चॉकलेट का गिफ्ट हैम्पर भेंट किया। शिविर में पवन मोटवानी, चन्द्रभान चंदानी, भागचंद सदारंगानी आदि ने व्यवस्थाएं संभाली एवं अपनी सेवाएं दी। सदारंगानी ने बताया कि महानगर में आज इस तीसरे निशुल्क बाल सिन्धी संस्कार शिविर का समापन किया गया। धोबीतलाई में चौथे शिविर का समापन सोमवार को होगा।

- मोहन थानवी

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