Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया जाएगा जुलाई महीना होंगी ये गतिविधियां



पढ़ना और पढ़ाना, भावी पीढ़ी को संस्कारित बनाना _______________________ ______________________ ______________________ _______________________



एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया जाएगा जुलाई महीना
होंगी ये गतिविधियां 

बीकानेर, 2 जुलाई। डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी माह जुलाई को डेंगू रोकथाम माह के रुप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य मानसून एवं प्री-मानसून काल में फैलने वाले डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु गतिविधियां सम्पादित करवाना है ।

 मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष भी भारत सरकार के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र की निदेशक द्वारा जुलाई 2024 को डेंगू रोकथाम माह मनाने के निर्देश प्राप्त हुये हैं। शहर से लेकर गांव तक सभी क्षेत्रों में सघन एंटी लारवा व एंटी एडल्ट गतिविधियां करते हुए यह माह मनाया जाएगा ताकि बरसाती सीजन डेंगू के फैलाव का कारण ना बने।

 डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि पूरे माह घर-घर सर्वे, सोर्स रिडक्शन, जागरूकता, विद्यालयों में क्विज पोस्टर मेकिंग गतिविधियां आयोजित कर सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। एपिडेमियोलॉजिस्ट नीलम प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि डेंगू रोग मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह सफेद धब्बे वाला यानी की चितकबरा दिखने वाला मच्छर होता है जो रुके हुए स्वच्छ पानी में पनपता है तथा ज्यादातर दिन में काटता है। 

*एन्टी डेंगू माह में होंगी ये गतिविधियां* 

1. वेक्टर सर्विलैंसः संभावित प्रजनन स्थलों की मैपिंग व प्रजनन स्थलों की समाप्ति के लिए फील्ड वर्कर्स, डीबीसी का प्रभावी उपयोग तथा प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए समुदाय / हितधारकों को प्रोत्साहित करना।

2. सामुदायिक सहभागिताः मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिये आईईसी गतिविधियों व जनसमुदाय को सोर्स रिडक्शन गतिविधियों के लिए प्रेरित करना।

3. बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करनाः रोकथाम और नियंत्रण गतिविधियों में स्कूली बच्चों को शामिल करने के लिए विशेष गतिविधियाँ जैसे प्रश्नोत्तरी / निबंध / ड्राइंग / पोस्टर प्रतियोगिताएँ आदि आयोजित करवाना।

4. सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोगः प्रिंट / इलेक्ट्रॉनिक / सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश प्रसारित करना। दूरदर्शन/ स्थानीय टीवी चैनलों, ऑल इंडिया रेडियो / एफएम चैनलों पर बातचीत / साक्षात्कार आयोजित किया जाना ।

5. अन्तर्विभागीय समन्वयः ग्रामीण विकास, स्वायत्त शासन विभाग, स्कूल शिक्षा के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों / भागीदारों / स्थानीय एवं धार्मिक नेताओं आदि से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम व बचाव हेतु समन्वय स्थापित करना ।

Post a Comment

0 Comments