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संभागीय आयुक्त ने पेयजल और विद्युत आपूर्ति, मौसमी बीमारियों के प्रबंधन और चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की



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संभागीय आयुक्त ने पेयजल और विद्युत आपूर्ति, मौसमी बीमारियों के प्रबंधन और चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की

बीकानेर, 16 जुलाई। संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने संभाग में पेयजल और विद्युत आपूर्ति, मौसमी बीमारियों तथा चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा की।
सिंघवी ने कहा कि बरसात के कारण क्षतिग्रस्त विद्युत पोल को अविलंब दुरुस्त करें। ढीले तारों के कारण विद्युत आपूर्ति प्रभावित नहीं हो, यह सुनिश्चित करें। इस संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का शीघ्र निराकरण करवाया जाए। वर्षाकाल में करंट से बचाव हेतु फील्ड स्टाफ से विद्युत तंत्र का भौतिक सत्यापन करवाया जाए। किसी प्रकार की तकनीकी खामी को तुरंत दुरूस्त करवाएं। विद्युत करंट से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि बकाया कृषि एवं घरेलू विद्युत कनेक्शन नियमानुसार शीघ्र करवाने की कार्यवाही हो। संभाग में ट्रांसफार्मर्स की आवश्यकता का आकलन करें। उच्चाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर ट्रांसफार्मर्स की प्राप्त करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन जीएसएस पर अतिरिक्त अथवा अपग्रेडेड ट्रांसफार्मर की मांग पूर्व में निगम मुख्यालय से की गई है, इस संबंध में समन्वय स्थापित किया जाकर शीघ्र ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाएं। जिससे उस क्षेत्र के किसानों व आमजन की विद्युत संबंधी शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आईईसी गतिविधियां संचालित करें। एन्टी लार्वा गतिविधियों का निरंतर संचालन किया जाए। आवश्यकता अनुसार गंबूसिया मछलियां, टेमीफॉस व एमएलओ आदि का उपयोग किया जाए, जिससे मच्छरजनित रोगों से बचाव हो सके। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इसका समुचित पर्यवेक्षण करें। जल संग्रहण स्थलों को चिन्हित कर एंटी लार्वा गतिविधियां करें। चिकित्सा विभाग के समस्त राजकीय भवनों और कार्यालयों की छतों व छतों पर बनी नालियों की पूर्ण साफ-सफाई करें और सुनिश्चित करें कि कहीं भी पानी का ठहराव नहीं हो। अधिक से अधिक पेयजल नमूने लेकर इनकी जांच और आवशयक सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। संभागीय आयुक्त ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षा काल में जलजनित रोगों से बचाव के लिए जल शोधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। समुचित रूप से क्लोरीनेशन ही। दूषित पेयजल आपूर्ति की समस्या के निराकरण के लिए फील्ड स्टाफ को मुस्तैद रखें। वरिष्ठ अधिकारी इसका पर्यवेक्षण करें तथा लीकेज को तत्काल दुरूस्त करें। जिन क्षेत्रों में सीवरेज कार्य चल रहे है, वहां विशेष रूप से ध्यान रखें कि कहीं भी पेयजल पाईप लाईन क्षतिग्रस्त नहीं हो, अन्यथा दूषित पेयजल आपूर्ति की संभावना रह सकती है। इसके मद्देनजर सीवर लाईन निर्माण से जुड़े कार्मिकों को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाए जाएं। जिससे कहीं भी पेयजल लाइन में टूट-फूट होने की शीघ्र जानकारी मिल सके तथा समय पर समस्या का निराकरण हो। उन्होने कहा कि समस्त जल शोधन संयंत्रों की जांच करवाई जाए तथा खामी हो तो उसे शीघ्र दुरूस्त करवाए। किसी सूरत में नहरी पानी को बिना उचित शोधन के पेयजल के लिए वितरित नहीं किया जाए। ऐसा हो तो जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। 
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी, जलदाय विभाग के राजेश पुरोहित, विद्युत निगम के भूपेंद्र भारद्वाज, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त ओपी बिश्नोई और अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी चेतन आचार्य मौजूद रहे।

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