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राजस्थान : दवाओं की खरीद, आपूर्ति एवं गुणवत्ता नियंत्रण में नहीं हो लापरवाही - प्रबंध निदेशक, आरएमएससीएल





















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दवाओं की खरीद, आपूर्ति एवं गुणवत्ता नियंत्रण में नहीं हो लापरवाही - प्रबंध निदेशक, आरएमएससीएल

जयपुर, 6 फरवरी। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपारेशन की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ पहली बैठक में निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में दवाओं, जांच किट एवं अन्य उपकरणों की आपूर्ति समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाए। चिकित्सा संस्थानों से प्राप्त मांग के आधार पर दवाओं की आपूर्ति अविलंब हो।

श्रीमती गिरि ने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना आमजन के स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण योजना है। इसे ध्यान में रखते हुए निगम के संबंधित अधिकारी एवं कार्मिक दवाओं की खरीद, आपूर्ति एवं गुणवत्ता नियंत्रण के कार्य को पूरी संवेदनशीलता के साथ सम्पादित करें। उन्होंने दवाओं की गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं हो। गुणवत्ता जांच में मानकों पर सही पाए जाने पर ही दवाओं की आपूर्ति की जाए।

 

दवाओं का पैकिंग मैटेरियल हो ईको-फ्रेण्डली

प्रबंध निदेशक ने कार्यकारी निदेशक, उपापन को निर्देश दिए कि विभिन्न रेगुलेटरी प्राधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित दवाओं, डिबार किए गए आपूर्तिकर्ताओं एवं कम्पनियों की अद्यतन जानकारी रखते हुए उपापन की कार्यवाही की जाए। साथ ही, दवाओं का पैकिंग मैटेरियल यथासम्भव ईको फ्रेण्डली एवं बायोडिग्रेडेबल हो। उन्होंने कहा कि निगम के माध्यम से चिकित्सा संस्थानों को आपूर्ति किए गए उपकरणों का नियमित फीडबैक लिया जाए। उपकरणों को लेकर कोई भी शिकायत प्राप्त हो तो उस पर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने उपकरणों के उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने को भी कहा।

कार्यों में तेजी और पारदर्शिता के लिए तकनीक के उपयोग पर जोर—

श्रीमती नेहा गिरि ने कहा कि निगम के कार्यों में तेजी लाने और पारदर्शिता की दृष्टि से तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया जाए। उन्होंने निगम में ई-फाइलिंग सिस्टम से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्रों, सम्पर्क पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों एवं उच्च स्तर से प्राप्त अन्य दिशा-निर्देशों पर त्वरित कार्यवाही की जाए। कार्यालय में फाइलों तथा दस्तावेजों का उचित ढंग से संधारण करने के साथ ही साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने जयपुर, अजमेर एवं कोटा के मेडिकल कॉलेज ड्रग वेयर हाउस की भौतिक प्रगति की भी समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।




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