राजस्थान : करोड़ों के फर्जी भुगतान हुए, सीएजी ने जांच बैठाई
जयपुर । वित्त विभाग में फर्जी भुगतानों को लेकर सीएजी ने जांच शुरू कर दी है। जिस ऑटोमाइजेशन के नाम पर वित्त विभाग ने केंद्र सरकार की कंपनी एनआईसी को दरकिनार कर प्राइवेट कंपनियों को अरबों रुपये के टेंडर जारी किए।
उसका हम्र यह हुआ कि वेतन पेंशन से लेकर वर्क्स कट्रिक्ट में करोड़ों रुपये के गलत भुगतान हो गए। एक तरफ जीवित पेंशनर्स के तीन हजार करोड़ रुपये के बिल महीनों से सरकार में पेंडिंग चल रहे हैं। वहीं,
दूसरी तरफ जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके खातों में बराबर वेतन, पेंशन और एरियर तक जमा होते रहे। यही नहीं, किसी कर्मचारी ने जिस ऑफिस में कभी काम ही नहीं किया, उसका वेतन वहां आहरित कर दिया गया। सीएजी ने सरकार को भेजे पत्र में लिखा है कि उसकी नमूना जांच के दौरान पाया गया है कि एक कर्मचारी को जुलाई 2018 का वेतन उनके पदस्थापित कार्यालय के साथ दूसरे जिले के एक सरकारी स्कूल में भी कर दिया गया। जबकि उक्त कार्यालय में कभी कार्यरत ही नहीं रहे।
इस संबंध में जांच दल द्वारा निम्न बिंदुओं के संबंध में सूचना चाही है-
किसी कार्मिक के वेतन भुगतान उस कार्यालय में किस प्रकार से कर दिया गया, जिसमें वह कभी पदस्थापित रहा ही नहीं? इस प्रकार के प्रकरणों को रोकने के लिए क्या कार्रवाई की गई?
गत पांच (2018-19 से 2022- 23 तक वर्ष वार) इस प्रकार कितने प्रकरण पाए गए एवं उनमें कितनी राशि वसूल की गई?
इस संबंध में वांछित सूचना इस कार्यालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करवाएं?
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