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बीकानेर में नहीं उड़ा सकेंगे पतंग, 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध साथ ही चाईनीज मांझे के उपयोग, बिक्री, एवं भण्डारण पर निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से लागू



















बीकानेर में नहीं उड़ा सकेंगे पतंग, 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध
साथ ही
चाईनीज मांझे के उपयोग, बिक्री, एवं भण्डारण पर निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से लागू 

जिला कलेक्टर ने जारी किए आदेश

प्रातः 6 बजे से 8 बजे एवं सायं 5 बजे से 7 बजे के मध्य पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध


बीकानेर, 5 जनवरी। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने धारा 144 दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाये रखने एवं पक्षियों के लिये बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके "धातु निर्मित मांझा" (धागे जो नायलोन / प्लास्टिक, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक / टोक्सिक मैटेरियल यथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर के बनें हो) की थोक व खुदरा बिक्री, भण्डारण, परिवहन तथा उपयोग बीकानेर की क्षेत्राधिकारिता में प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किए। 


जिला कलेक्टर ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के मांझो का भण्डारण, विक्रय, परिवहन तथा उपयोग करता पाया गया तो उसके विरूद्ध यथाप्रचलित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जावेगी। साथ ही पक्षियों के विचरण की गतिविधियां मुख्यतः प्रातः 6 बजे से 8 बजे एवं सायं 5 बजे से 7 बजे के मध्य होती है अतः इस समय पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध रहेगा।


जिला कलेक्टर ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा (सामान्य प्रचलित भाषा में चाईनीज मांझा) प्रयुक्त किया जाने लगा है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण के प्रयोग से तैयार किया जाता है, जो पतंग के पेच लड़ाने में अधिक कारगर होता है। इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाने लगा है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत सुचालक होता है।

 जिसके उपयोग के दौरान दुपहिया वाहन चालक तथा पक्षियों को अत्यधिक जानमाल का नुकसान होता है, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचाने के साथ विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न कर सकता है।


अतः सार्वजनिक हित में आदेश जारी कर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध करने वाले व्यक्ति एवं व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जावेगा। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होकर आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा।

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