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कथा में जन्मे कौशल्यानंदन, रामलला की हुई आरती, बधाइयों से गूंजा पांडाल


















*कथा में जन्मे कौशल्यानंदन, रामलला की हुई आरती, बधाइयों से गूंजा पांडाल*
*अवतार होते हैं भगवान, निर्गुण और सगुण सबमें रहते व्याप्त : जगद्गुरु रामभद्राचार्यजी*


बीकानेर। गंगाशहर-भीनासर सुजानदेसर गौचर भूमि में बसे सियाराम नगर की सुबह अब राम मंत्रों और रामचरित मानस की चौपाइयों की गूंज से हो रही है।

 108 कुंडीय रामचरित मानस महायज्ञ में यजमानों द्वारा आहुति देकर विश्व कल्याण के भाव रखे जा रहे हैं। कुम्भ मेले सा दृश्य और मंत्रों की गूंज ने सियाराम नगर को धर्मनगरी का रूप दे दिया है। मंगलवार को इस वृहद आयोजन के तीसरे दिवस श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा, सैकड़ों लोगों द्वारा हवनशाला की परिक्रमा लगाने का दृश्य और विहंगम दिखा। 

रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि तीसरे दिवस जगद्गुरु पद्मविभूषित श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज के श्रीमुख से रामकथा वाचन में तीसरे दिवस की कथा में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ। संकीर्तन किया गया और सबको राम जन्म की बधाइयां दी गई। 

पांडाल को गुब्बारों से और रोशनी से सजाया गया। जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्यजी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम और श्रीहरि अनन्त और उनकी कथाएं भी हरि कथा अनंता है। हम सनातनधर्मी हैं और भगवान को अवतार मानते हैं। भगवान कभी वृद्ध नहीं होते वे युवा ही रहते हैं। जो प्रजाओं के पति हैं वे ही भगवान राम कौशल्या के गर्भ में विराजते हैं और देवकीजी के गर्भ में कृष्ण विराजते हैं। 

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