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अनुभव का आकाश थे श्री सांखला:- केवलिया




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कीर्तिशेष साहित्यकार स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की दूसरी पुण्यतिथि पर संगोष्ठी-काव्य संध्या संपन्न
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अनुभव का आकाश थे श्री सांखला:- केवलिया
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बीकानेर 22 मार्च 2023 

नगर के हिंदी एवं राजस्थानी भाषा के लब्ध प्रतिष्ठित कीर्तिशेष साहित्यकार स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की स्मृति में स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित संगोष्ठी एवं काव्य संध्या,कवि सम्मेलन मुशायरा स्थानीय महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम, नागरी भण्डार, स्टेशन रोड, बीकानेर में आयोजित किया गया । संगोष्ठी एवं काव्य गोष्ठी में नगर के हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के रचनाकारों ने अपनी काव्य रचनाओं से स्वर्गीय सांखला को श्रद्धांजलि अर्पित की।


     संस्थान के सचिव युवा शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की स्मृति में उनकी शान में इन काव्य पंक्तियों के ज़रिए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की-
मित्रों का विश्वास थे श्री सांखला,
भाषाओं के मधुमास थे श्री सांखला।
विविध रंग उनकी जीवनी के संग रहे, अनुभव का आकाश थे श्री सांखला।


   संगोष्ठी के मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विज्ञान के प्रोफ़ेसर डॉ. अनिल छंगाणी ने कहा कि नरपत सिंह सांखला संस्कारों को पोषित करने वाले साहित्यकार थे और उनके परिवारजन भी उनके द्वारा दिए गए साहित्यिक संस्कारों का पोषण कर रहे हैं।


विशिष्ट अतिथि नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष हाजी मक़सूद अहमद ने कहा कि स्वर्गीय सांखला उनके गुरु थे जो बेहद शांत स्वभाव के थे उनका ग़ुस्से से दूर-दूर तक नाता नहीं था। इस अवसर पर हाजी मक़सूद अहमद ने अपनी शायरी से दर्शकों से भरपूर वाहवाही लूटी।


कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपना उद्बोधन देते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव कवयित्री डॉ. सीमा जैन ने कहा कि संस्थान ने स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की स्मृति में आज यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करवा कर उनके विचारों से जन-जन को अवगत करवाने का सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए संस्थान के पदाधिकारी साधुवाद के पात्र हैं।


 कार्यक्रम में स्वर्गीय सांखला के अनुज जगदीश सांखला ने स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला के साथ बिताए लम्हों को याद करते हुए उनके जीवन के अनेक अनछुए पहलू सामने रखे। 
कार्यक्रम समन्वयक संजय सांखला ने कहा कि हमें हमारे माता-पिता की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए एवं उनके जीते जी उनकी भरपूर सेवा करनी चाहिए।


संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ लेखक एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी ने स्वर्गीय सांखला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने पत्र का वाचन करते हुए कहा कि स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला साहित्य एवं समाज सेवा को के लिए समर्पित शख़्सियत थे। उनके अंदर इंसानियत की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।


संगोष्ठी के स्वागताध्यक्ष शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने अपने विचार पेश करते हुए कहा कि स्वर्गीय सांखला ने जीवन पर्यंत साहित्य सेवा करते हुए अपने उत्कृष्ट कार्यों से साहित्यिक समाज में अपनी एक अलग पहचान क़ायम की। आज उनके परिवारजन उनके बताए हुए मार्ग पर चलते हुए उन को सच्ची श्रद्धांजलि पेश कर रहे हैं।


स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की पुत्री रेखा चोबदार ने स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला की रचनाओं का वाचन करके उन्हें आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित की।
   

क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित काव्य संध्या में नगर के हिंदी उर्दू एवं राजस्थानी भाषा के तीन दर्जन रचनाकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक रचनाओं के प्रस्तुतीकरण से स्वर्गीय सांखला को श्रद्धांजलि पेश की। जिनमें शायर ज़ाकिर अदीब, बुनियाद ज़हीन,नेमचंद गहलोत, असद अली असद,वली ग़ौरी, डॉ. कृष्णा आचार्य जुगल पुरोहित इमदाद उल्लाह बासित, मुफ़्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी, मोइनुद्दीन मुईन,गुलफाम हुसैन आही,मुक्ता तेलंग,कपिला पालीवाल,किशननाथ खरपतवार,शमीम अहमद शमीम, सरोज भाटी,मधुरिमा सिंह,शिव दाधीच,माजिद ख़ान ग़ौरी,शिव प्रकाश शर्मा,इंद्रा व्यास,विप्लव व्यास ने अपनी बेहतरीन कविताएं और शायरी प्रस्तुत करके श्रोताओं से भरपूर तारीफ़ें पाई।


संगोष्ठी एवं काव्य संध्या में सरदार अली पड़िहार,गिरिराज पारीक, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सचिव शरद केवलिया,अनवर अजमेरी,गंगा विशन बिश्नोई ब्रह्मा,भगवती प्रसाद पारीक, मुकेश व्यास, देवीचंद पंवार,राजाराम स्वर्णकार, डॉ. अजय जोशी,सागर सिद्दीक़ी,नीतू जोशी, कैलाश टाक, बाबूलाल बमचकरी, अमित गोस्वामी, व्यास योगेश राजस्थानी, गोपाल पुरोहित, कैलाश खरखोदिया,एम रफ़ीक़ क़ादरी, एडवोकेट शमशाद अली, कल्पना शर्मा, श्याम शर्मा,मन्मथ केवलिया, धर्मेंद्र राठौड़, संजय कुमार हर्ष, घनश्याम सिंह,सुखराज, संजय जैन, जेठाराम भाटी, मोहम्मद शब्बीर, हरिकिशन व्यास,राजेंद्र कोचर मौजूद थे।


संगोष्ठी में मौजूद समस्त अतिथियों को स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला स्मृति संस्थान द्वारा सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया जबकि कविता पाठ करने वाले समस्त कवियों, शायरों एवं कवयित्रियों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।


संगोष्ठी का आरंभ समस्त अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके एवं स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया।
कार्यक्रम के अंत में समस्त आगंतुकों का आभार संस्कृतिकर्मी डॉ. मोहम्मद फ़ारुक़ चौहान ने ज्ञापित किया। संगोष्ठी एवं काव्य संध्या का संचालन वरिष्ठ कवयित्री कहानीकार मोनिका गौड़ ने किया।
      कार्यक्रम में नगर के विभिन्न कलानुशासन से जुड़े हुए प्रबुद्धजनों एवं कलाधर्मियों ने स्वर्गीय नरपत सिंह सांखला को अपनी आत्मिक श्रद्धांजलि अर्पित की।



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