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20 देशों के लगभग 600 शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों ने पर्यावरण एवं मानवाधिकार संबंधित अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये



🖍️20 देशों के लगभग 600 शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों ने पर्यावरण एवं मानवाधिकार संबंधित अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये

पर्यावरण संरक्षण से होगी मानवाधिकारों की रक्षा : अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग


-एम एस काॅलेज में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न-










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- *पर्यावरण संरक्षण से होगी मानवाधिकारों की रक्षा : अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग*
*तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न*
बीकानेर, 20 जनवरी। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय एवं अलवर राजऋषि कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मानवाधिकार विषयक तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुक्रवार को सम्पन्न हुआ।  
समापन समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास थे।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जबकि आमजन इसके मूल को अपने जीवन में उतारेगा। उन्होनें कहा कि पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से मानवाधिकार की रक्षा हो सकेगी। राजूवास परिसर में अपने बचपन के दिनों का स्मरण करते हुए व्यास ने कहा कि राजूवास का भवन ऐतिहासिक है एवं इसके मूल रूप को बनाये रखना अत्यावश्यक है। उन्होनें कहा कि सरकारों द्वारा चलाये जा रहे समाजपयोगी योजनाओं की मॉनिटरिंग बेहद आवश्यक है। आम जनता को इसका अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिए। 
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए राजूवास के कुलपति डाॅ. एस. के. गर्ग ने कहा कि मानवाधिकार की रक्षा करना केवल सरकारों का ही कर्त्तव्य नहीं है। इसके लिये आमजन को भी सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के साथ साथ कर्त्तव्यों का पालन भी करना होगा। डाॅ. गर्ग ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से युवाओं को मानवाधिकार के बारे में नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा उद्यमी पवन महनोत एवं अविनाश मोदी मौजूद रहे।  
कॉलेज प्राचार्या डॉ. विजयश्री गुप्ता ने बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों के लगभग 600 शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों ने पर्यावरण एवं मानवाधिकार संबंधित व्याख्यान प्रस्तुत किए। एमएस काॅलेज द्वारा पहली बार आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मानवाधिकार एवं पर्यावरण संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
आयोजन सचिव डाॅ. शशि वर्मा ने बताया कि अंतिम दिन डाॅ. अरूणा भारद्वाज, डाॅ. विनोद भारद्वाज एवं डाॅ. अनिला पुरोहित ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। इन सत्रों में मलेशिया की शजीगाला ने मानवाधिकार, डूंगर काॅलेज के डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने मोबाइल फोन के प्रभाव तथा इंग्लैण्ड के डाॅ. बी.एम.लाम्बा ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। आरआर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. हुक्म सिंह ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में डूंगर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह, पूर्व प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा, डाॅ. अरूणा भारद्वाज, डाॅ. उज्जवल गोस्वामी, डाॅ. रजनी शर्मा, डाॅ. नीरू गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।-

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20 देशों के लगभग 600 शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों ने पर्यावरण एवं मानवाधिकार संबंधित अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये           

एम एस काॅलेज में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न
    (मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष रहे मुख्य अतिथि) 
  
बीकानेर 20 जनवरी। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय महारानी सुदर्शना कन्या महाविद्यालय एवं अलवर राजऋषि कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मानवाधिकार विषयक तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री गोपाल कृष्ण व्यास एवं विशिष्ट अतिथि राजूवास के कुलपति डाॅ. एस.के.गर्ग, श्री पवन रांका एवं श्री अविनाश मोदी रहे। प्राचार्य डाॅ. विजयश्री ने बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन में 20 देशों के लगभग 600 शिक्षाविदों एवं वैज्ञानिकों ने पर्यावरण एवं मानवाधिकार संबंधित अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राचार्य ने तीन दिवसीय सम्मेलन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होनें बताया कि एम एस काॅलेज द्वारा प्रथम बार आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मानवाधिकार एवं पर्यावरण संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि जस्टिस श्री व्यास ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलनों की सार्थकता तभी सिद्ध होगी जबकि आमजन इसके गूढ़ को अपने जीवन में उतारेगा। उन्होनें कहा कि पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से मानवाधिकार की रक्षा हो सकेगी। राजूवास में अपने बचपन के दिनों का स्मरण करते हुए श्री व्यास ने कहा कि राजूवास का भवन ऐतिहासिक है एवं इसके मूल रूप को बनाये रखना अत्यावश्यक है। उन्होनें कहा कि सरकारों द्वारा चलाये जा रहे समाजपयोगी योजनाओं की माॅनीटरिंग बेहद आवश्यक है। आम जनता को इसका अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिये। उन्होनें इस अवसर पर इन्दिरा रसोई का भी जिक्र किया। श्री व्यास ने इस अवसर पर सरकारी कार्मिकों को अपने स्वयं का आकलन करने की भी सीख दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजूवास के कुलपति डाॅ. एस.के.गर्ग ने कहा कि मानवाधिकार की रक्षा करना केवल सरकारों का ही कत्र्तव्य नहीं है वरन इसके लिये आमजन को भी सहयोग करना होगा। उन्होनें कहा कि अपने अधिकारों के साथ साथ कत्र्तव्य का पालन भी करना होगा। डाॅ. गर्ग ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से युवाओं को मानवाधिकार के बारे में नवीनतम जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
आयोजन सचिव डाॅ. शशि वर्मा ने बताया कि अंतिम दिवस के सत्रों में डाॅ. अरूणा भारद्वाज, डाॅ. विनोद भारद्वाज एवं डाॅ. अनिला पुरोहित ने सत्रों की अध्यक्षता की। विभिन्न सत्रों में मलेशिया की शजीगाला ने मानवाधिकार, डूंगर काॅलेज के डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने मोबाईल फोन के प्रभाव तथा इंग्लेण्ड से पधारे डाॅ. बी.एम.लाम्बा ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। डाॅ. शशि वर्मा ने आर आर काॅलेज अलवर की डाॅ. ममता शर्मा के सहयोग की सराहना की। उन्होनें भारतीय जीवन बीमा निगम, लोटस डेयरी एवं श्री महावीर रांकां के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में आर आर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. हुक्म सिंह ने भी सभी आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में डूंगर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. जी.पी.सिंह, पूर्व प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा, डाॅ. अरूणा भारद्वाज, डाॅ. उज्जवल गोस्वामी, डाॅ. रजनी शर्मा, डाॅ. नीरू गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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