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प्रदेश के कथाकार जुटे : किया कथा लेखन चुनोतियाँ व दायित्व विषय पर मंथन




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प्रदेश के कथाकार जुटे : किया कथा लेखन चुनोतियाँ व दायित्व विषय पर मंथन

जयपुर / बीकानेर 19 दिसम्बर । अखिल भारतीय साहित्य परिषद का राज्य स्तरीय कथाकार सम्मेलन : कथा लेखन चुनोतियाँ व दायित्व विषय पर जयपुर में होटल अर्जुन पैलेस, न्यू सांगानेर मार्ग में आयोजित हुआ जिसकी सहयोगी संस्था 'नारी कभी ना हारी थी'
इस समारोह में राज्यभर से जुटे कहानीकारों व कथाकारों ने भाग लिया । 


 बीकानेर का प्रतिनिधित्व कथाकार मोनिका गौड़, सुधा आचार्य, मनीषा आर्य सोनी, राजाराम स्वर्णकार और इंजी.आशा शर्मा ने किया। प्रातः 10 बजे प्रारम्भ हुए इस कार्यक्रम में 4 सत्र थे ।


    उद्घाटन सत्र का प्रारम्भ सरस्वती वंदना से शिवराज भारतीय ने किया।स्वागत उद्बोधन में प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अन्नाराम शर्मा ने इस आयोजन की रूपरेखा, उद्देश्य व महत्ता को विस्तार से बताया । इस सत्र की अध्यक्ष डॉ. कमला गोकलानी थी अजमेर व मुख्य अतिथि प्रबोधकुमार गोविल जयपुर थे। विशिष्ट वक्ता प्रख्यात शिक्षाविद श्रीमती डॉ.कैलाश कौशल जोधपुर थी। संचालन केशव शर्मा जयपुर ने किया ।


          प्रथम तकनीकी सत्र 'कथा लेखन सम्भावनाएं व चुनोतियां' का संचालन विष्णु शर्मा 'हरिहर' कोटा ने किया अध्यक्षता हनुमासिंह राठौड़ अजमेर, तथा वक्ता-शारदा शर्मा जयपुर और मनीषा आर्य सोनी बीकानेर थे 


          द्वितीय तकनीकी सत्र 'आज की कहानी' पर केंद्रित था जिसका संयोजन मोनिका गौड़ बीकानेर ने किया । अध्यक्षता गोविंद भारद्वाज अजमेर ने की । परिचर्चा में सहभागी रहे किरणबाला जीनगर उदयपुर, गौरिकान्त शर्मा उदयपुर, वीर निम्बाहेड़ा । जिज्ञासा समाधान में प्रश्नों के उत्तर हनुमानसिंह राठौड़ ने दिए । समारोप सत्र की अध्यक्षता प्रो.नन्दकिशोर पांडेय जयपुर, मुख्य अतिथि विजय जोशी कोटा, विशिष्ठ वक्ता इंजीनियर आशा शर्मा, डॉ. सुधा आचार्य और कथाकार राजाराम स्वर्णकार बीकानेर, जयसिंह आशावत बूंदी और कृष्णबिहारी भारतीय कोटा थे संचालन आशा शर्मा जयपुर ने किया ने । 


वक्ताओं ने कहानी के कथ्य, शिल्प, कसावट और पाठक को बांधे रखने वाली भाव प्रधानता, सामाजिक आदर्श, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा, मानवीय संवेदना व सनातन विश्वासों के पुनः सृजन वाली कहानियों के सृजन पर बल दिया ।इंद्रकुमार भंसाली व वीणा चौहान जयपुर ने सभी आगन्तुकों का आभार ज्ञापित किया। 


इस अवसर पर जयपुर के साथ राज्य भर से आए गणमान्य नागरिकों, राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर' चुरू सहित अनेक विद्ववानों की अविस्मरणीय उपस्थिति रही।
          





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