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बीकानेर ने खुशी मनाई - इबारत एक महफ़िल का विमोचन वर्ष के अंत की यादगार घटना
मुख्यमंत्री ने किया का विमोचन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर दरगाह कमेटी अजमेर के पूर्व अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल मरहूम मोहम्मद उस्मान आरिफ़ के सुपुत्र मोहम्मद जमान आरिफ़ द्वारा लिखित पुस्तक ' इबारत एक महफ़िल 'का विमोचन करते हुए कहा की अपने समय के महत्वपूर्ण शायरों और कवियों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित ज़मान साहब का रचनात्मक अवदान साहित्यक धरोहर है ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस के सचिव ज़िया उर रहमान आरिफ़ और नूरूल हसन मदनी को उल्लेखनीय कृति को अवाम को सौंपने के लिए बधाई देते हुए कहा की बेहतरीन साहित्य देश और समाज को रचनात्मक दिशा प्रदान करता है ।
अशोक गहलोत ने कहा की देश की आजादी में भी जनजागरण की दृष्टि से साहित्य का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इस अवसर पर ज़िया उर रहमान आरिफ़ ने कहा की उनके पिता गहरी साहित्यक अभिरुचि के व्यक्ति थे तथा दैनिक युगपक्ष के लिए नियमित स्तंभ लिखा करते थे ।
किताब का प्रकाशन सोशल प्रोग्रेसिव सोसाइटी बीकानेर द्वारा किया गया है। सोसाइटी के अध्यक्ष नदीम अहमद नदीम ने बताया की किताब में उपलब्ध दुर्लभ साहित्यिक जानकारियां साहित्य के शोध विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी । नूरूल हसन मदनी ने बताया की पूर्व राज्यपाल और मशहूर शायर मोहम्मद उस्मान आरिफ़ के लेखन पर डॉक्टर मदन केवलिया द्वारा समालोचनात्मक दृष्टिकोण से लिखी पुस्तक 'ज़िन्दगी की धड़कनें ' का विमोचन भी शीघ्र होगा ।
इबारत एक महफ़िल के विमोचन पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मोहम्मद इरफ़ान आरिफ़,उमेश सक्सेना, केन्द्रीय साहित्य अकादेमी के राजस्थानी परामर्शक मंडल सदस्य राजेंद्र जोशी, शरद केवलिया, रवि पुरोहित, डॉक्टर नोमान आरिफ़,इसरार हसन कादरी , अशफ़ाक कादरी , संजय पुरोहित, संजय जनागल, आत्माराम भाटी डॉक्टर सीमा भाटी रंगकर्मी प्रदीप भटनागर, जीत सिंह, विजय शर्मा, डॉक्टर मोहम्मद फारूक, डॉक्टर ज़िया उल हसन कादरी, मोनिका गौड़ ,मनीषा आर्य सोनी ,डॉक्टर रेणुका व्यास नीलम, मुफ्ती सद्दाम हुसैन कासमी, डॉक्टर नमामी शंकर आचार्य, अब्दुल रऊफ राठोड़, जब्बार जज़्बी, मोहम्मद फारूक रजा, कासिम बीकानेरी,गौरी शंकर आचार्य , नंद किशोर पुरोहित, इमरोज़ नदीम, अरमान नदीम ने कहा की इबारत एक महफ़िल का विमोचन वर्ष के अंत की यादगार घटना है।
-✍️ मोहन थानवी
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