खबरों में बीकानेर
🌞
👇
औरों से हटकर सबसे मिलकर
✍️
आगामी 5 दिन मौसम में बदलाव नहीं मगर सर्दी पड़ेगी... किसानों के लिए अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने जारी किया पूर्वानुमान
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने जारी किया पूर्वानुमान
मौसम पूर्वानुमान एवं कृषि सलाह
18 नवंबर 2022 से 22 नवंबर 2022 तक मौसमपूर्वानुमान
भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली एवं जयपुर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर बीकानेर जिले में आगामी 5 दिनों मौसम पूर्वानुमान इस प्रकार 👇रहने की सम्भावना है।
ग्रामीण कृषि मौसम सेवा कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर बीकानेर जिले के किसान भाइयों को आने वाले दिनों में दिन व रात के तापमान में बदलाव नहीं होने, कम आपेक्षिक आर्द्रता के साथ धीमी गति की हवाएँ चलने और स्वच्छ आकाश छाए रहने के साथ वर्षा नहीं होने की संभावना है।
● गेहूं, जौ, जीरा, ईसबगोल एवं मैथी की बुवाई के लिए खाद, बीज, बीज उपचार के लिए रसायन आदि की व्यवस्था करें। एक हेक्टयर क्षेत्र के लिए गेहूँ के लिए 100 किया बीज, जौ के लिए 80-100 किग्रा बीज, जीरा के लिए 12-20 किग्रा बीज, ईसबगोल के लिए 5 किग्रा बीज एवं देसी मैथी के लिए 24 किग्रा बीज एवं कसूरी मैथी की लिए 10 किग्रा बीज काम मे लेवें।
खेत तैयार करते समय या बुवाई के पहले गेहूँ के लिए 120 किग्रा नत्रजन, 40 किग्रा फास्फोरस व 20 किग्रा पोटाश, जौ के लिए 80 किग्रा नत्रजन, 40 किग्रा फास्फोरस व 24 किया पोटाश, जीरा के लिए 40 किया नत्रजन 30 किया फास्फोरस व 20 किया पोटाश ईसबगोल के लिए 32 किग्रा नत्रजन, 22 किया फास्फोरस व 10 किया पोटाश, एवं मैथी के लिए 25 किया नत्रजन व 40 किया फास्फोरस प्रति हेक्टयर की दर से प्रयोग करें।
• बुवाई के समय गेहूँ, जौ, जीरा, ईसबगोल एवं मौथी के बीज को काबॅण्डेजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। मौसम की ऐसी परिस्थितियां सरसों की फसल में आरा मक्खी और बागराड़ा कीट (पैटेड बग) के प्रकोप के अनुकूल है। किसान भाई आवश्यकता होने पर क्यूनॉलफॉस 1.5% या मालाथियान 5% का 25 किग्रा/ हेक्टेयर की दर से प्रातः या सायकाल में भुरकाव करे और आवश्यकतानुसार 15 दिन बाद दोहरायें।
बेर में फल मक्खी के नियंत्रण हेतु अधिकांश फल मटर के आकार के होने पर डाईमिथोएट 30 ई.सी 1 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। 15 से 20 दिन बाद दूसरा छिड़काव करें।
• सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है. अतः पशुओं को सर्दी से बचाने का उचित प्रबंध करें। पशुओं को मुँहपका खुरपका रोग से बचाव का टीका लगवाएँ और थनैला रोग से बचाव की व्यवस्था करें।
ये सलाह दी जाती है।
एच. . • गेहूँ की राज 1482 राज 3077, राज 3765, एच. डी. 2329, एच. डी. 2687, राज 3777, पी. बी. डब्ल्यू 373, डब्ल्यू. 147 राज 4083 राज 4120, जौ की बुवाई के लिए उन्नत किस्में आर. डी. 2052. आर. डी. 2035, आर. डी. 2508 व आर.डी. - 2715, जीरा dh जी सी 4 आरऐस 1, आरजैड 19, आरजैड 223 ईसबगोल dh आर आई 89 व जीआई 2 एवं मेथी की आर एमटी 1 व आर एम टी 305 आदि उन्नत किस्मै कृषि जलवायु खंड 1 सी के लिए उपयुक्त है
write views