खबरों में बीकानेर
शास्त्रों का आदर नहीं करना चिंता का विषय- क्षमाराम जी महाराज
बीकानेर। धर्म का फल क्या है..?, कामना क्या है..?, सहित ऐसे ही अनेक जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि धर्म का अंतिम फल मोक्ष है। धर्म का और मोक्ष का संबंध होता है। धर्म के पास मोक्ष भी है और अर्थ भी है। इन्द्रियों के स्वाद के लिए जो किया जाता है, उसे कामना कहते हैं।सींथल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महन्त श्री क्षमाराम जी महाराज ने भूतेश्वर, गोपेश्वर महादेव मंदिर में पाक्षिक संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के दूसरे दिन अनेक प्रसंग सुनाए। साथ ही कहा कि भागवत के अन्दर कोई बात वेद विरुद्ध नहीं मिलेगी। सभी वेद -पुराण का सार भागवत है। महन्त जी ने भागवत के बारे में बताते हुए कहा कि सुखदेव जी महाराज को भगवान शिव के कोप से श्रीकृष्ण ने बचाया। उस वक्त श्री कृष्ण ने उनसे कहा कि तुम्हें यह कथा परिक्षित को सुनानी पड़ेगी। इस तरह से उन्होंने कथा के निरन्तर तारतम्य को आगे बढ़ाया। क्षमाराम जी महाराज ने कहा कि धर्म मोक्ष के लिए होना चाहिए ना कि अर्थ के लिए। धर्म के काम में पैसा लगाओ और धर्म को मोक्ष के साथ जोड़ो। लोग धर्म तो करते हैं लेकिन मोक्ष के लिए नहीं करते, यह सोचकर करते हैं कि आगे हमें अच्छा मिलेगा। यह सोचकर करते हैं वह गलत है। कामना के बारे में बताया कि काम का उपयोग केवल इतना ही हो, जिससे हमारा जीवन चले।
क्षमाराम जी महाराज ने उपस्थित माताओं - बहनों से कहा कि वे सौंदर्य प्रसाधन सामग्री के उपयोग से बचें, यह नैसर्गिक सौंदर्य नहीं कृत्रिम है। बाजारवाद ने हिन्दू धर्म पर सबसे बड़ा हमला किया है। पैसा कमाने की धुन में कंपनी वालों ने बिगाड़ा किया है। क्षमाराम जी ने वर्तमान समय में शास्त्रों के आदर ना करने पर इसे चिंता का विषय बताया।
भैरव तुम्बड़ी सम्मान समारोह आयोजित
पुजारी बाबा को दी तुम्बड़ी व अन्य 16 हुआ सम्मान
बीकानेर। शहर की सामाजिक- सांस्कृतिक संस्था 'रमक झमक' द्वारा हर वर्ष की भांति भैैरव भक्त स्व. पं. छोटूलाल ओझा की स्मृति में भैरव तुम्बड़ी सम्मान समारोह का आयोजन रविवार को नत्थूसर गेट स्थित मोती मानस भवन में किया गया। इस वर्ष 2022 का भैरव तुम्बड़ी सम्मान समाज सेवी और गायत्री उपासक पं. जुगलकिशोर ओझा 'पुजारी बाबा' को प्रदान किया गया,जिन्हें विशेष रूप से मेवे से भरी तुम्बड़ी भेंट की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लालेश्वर महादेव मंदिर के मंदिर के महन्त विमर्शानंद गिरि महाराज ने इस अवसर पर कहा कि भक्तों और सन्तों का सम्मान समाज को आदर्श मार्ग दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज के कलुषित समय में देश और समाज में अच्छे वातावरण के निर्माण की आवश्यकता है। समारोह में अपना सान्निध्य प्रदान कर रहे विशिष्ट अतिथि योगी भावनाथ महाराज ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को वर्तमान समय में गौमाता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव मात्र का अस्तित्व गाय के अस्तित्व पर निर्भर करता है। कार्यक्रम के आरम्भ में रमक झमक संस्थान के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा 'भैरूं' ने कहा कि मानवता के लिए अपना योगदान दे रहे व्यक्तित्वों का सम्मान करना हमारा दायित्व है। उन्होंने स्व. पं. छोटूलाल ओझा द्वारा रचित भजन 'बाबा तुम्बड़ी भर दो' प्रस्तुत किया जिसमें उपस्थित जन समुदाय ने अपने स्वर मिलाए। तुम्बड़ी सम्मान के उपरांत पुजारी बाबा ने कहा कि पं. छोटूलाल ओझा उर्फ तुम्बड़ी वाले बाबा एक गृहस्थ सन्त थे। उनके आदर्श व्यक्तित्व से आज की युवा पीढ़ी को प्रेरित होना चाहिए। कर्मचारी नेता महेश व्यास ने कहा बीकानेर की जनता सौभाग्यशाली है कि इसे हर कालखंड में श्रेष्ठ सन्तों का सानिध्य मिलता रहा है। कार्यक्रम में सियाणा भैरव के भक्त व सेवादारो में अग्रणीय हरीसिंह सांखला, हड़मानाराम ,गड़िया महाराज जोशी,जेठमल ओझा,जवाहर लाल व्यास,जयकिशन ओझा,गणेश दास ओझा,दामोदर दास ओझा,रामेश्वर रंगा,काला महाराज,पण्डित बुलाकिदास किराड़ू,राजू चाचा, हरिकिशन सोनी,महेंद्र जोशी,संजय आचार्य, बलदेव भादाणी, आशाम ओझा उर्फ फीनसा का सम्मान श्याम ओझा को प्रदान किया गया। गरिमामय सम्मान में शाल, श्रीफल, ओपरणा,अभिनन्दन पत्र भेंट किया गया। एडवोकेट ओमप्रकाश भादाणी ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। समारोह का संचालन कवि बाबूलाल छंगाणी ने किया। समारोह में पीबीएम हार्ट सर्जरी यूनिट हेड डॉ सर्वेश शर्मा, लेखाधिकारी प्रदीप शर्मा,सहायक लेखाधिकारी मोहन लाल खत्री,सेवा निवृत्त बैंक मैनेजर मोहनलाल प्रजापत,सुशील किराड़ू,प्रेम रतन छंगाणी व शेर महाराज सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल हुवे। कार्यक्रम में पण्डित आशीष व डॉ गोपाल ने भैरवनाथ का तैलाभिषेक कर सामूहिक आरती करवाई।
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