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निराला है जहां के हर चमन से गुलिस्ताँ अपना है अपनी जान से प्यारा हमें हिंदुस्ताँ अपना - मंसूर






खबरों में बीकानेर 


निराला है जहां के हर चमन से गुलिस्ताँ अपना है अपनी जान से प्यारा हमें हिंदुस्ताँ अपना - मंसूर

मुशायरा व कवि सम्मेलन

     

 सांप्रदायिक सौहार्द के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर और मंसूर अकादमी चूरू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑल राजस्थान मुशायरे व कवि सम्मेलन मे प्रदेश भर से आए शायरों और कवियों ने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए अपना कलाम पेश करते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुशायरे और कवि सम्मेलन का आगाज डॉ शमशाद अली ने मंसूर चुरुवी का परिचय देते हुए कहा कि राजस्थान के मशहूर उर्दू शायर अहमद अली खाँ मंसूर ने अपनी शायरी के दम पर न सिर्फ चूरू का राजस्थान मे बल्कि हिंदुस्तान मे नाम रोशन किया है और उनका नाम आज भी अदबी फिजाओं में गूंज रहा है। मुशायरा और कवि सम्मेलन में जयपुर, बीकानेर, नागौर, सीकर, झुंझुनू सहित राज्य भर के शायरों ने अपनी शायरी के जरिए मंसूर को खिराज ए अक़ीदत पेश की। शहर इमाम पीर मोहम्मद अनवार नदीमुल कादरी के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न मुशायरे में कलाम पेश करते हुए हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब की पुरजोर वकालत की । मुशायरा और कवि सम्मेलन में शिरकत करने वालों में मशहूर शायर पीर गुलाम जिलानी नजमी फतेहपुरी, राही फतेहपुरी, गाज़ी फतेहपुरी, आदिल फतेहपुरी, मंजर फतेहपुरी, बुनियाद हुसैन ज़हीन बीकानेरी, सागर बीकानेरी,हसीन बानो हसीन, भागीरथ सिंह भाग्य, राजेश विद्रोही, प्रकाश जांगिड़, याचना जयपुरी, शफीक अहमद वारसी जयपुरी, सुरेंद्र पारीक रोहित, मुख्तार नफीस, मखदूम बिसाउवी, मुबारिक अली भाटी, बाबू खान नूर, दीपक कामिल,तंजीम और मोइन अहमद मोइन ने अपनी शायरी से सांप्रदायिक सौहार्द का समा बांधा। 

चूरू के नामवर शायर बनवारीलाल खामोश ने

"बोने लोगों का यहाँ बचा रहा सम्मान, 

कमर झुका चलता रहा कद्दावर इंसान" , इदरीस राज़ ने "चूरू का जिससे नूर था नूर जा चुका, 

मंसूर तुझसे दूर बहुत दूर जा चुका", 

ज़ाकिर अदीब ने

"ये दौर भी देता है हमें दार की दावत,

अब भी तेरे अशआर में बाकी है असर और" और

युवा शायर मज़हर चुरुवी ने "चुरू ये मेरा शहर जमाने से जुदा है,हर दौरे मुसीबत में सदा साथ रहा है" के जरिये मंसूर को श्रद्धांजलि पेश की। इस अवसर पर बीकानेर के शायर जाकिर आदीब की पुस्तक"रगे अहसास " का विमोचन भी किया गया। 

मुशायरे और कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण ने कहा कि न सिर्फ चूरू बल्कि पूरे राजस्थान में साहित्य का माहौल तैयार करने में अकादमी अपना महत्वपूर्ण किरदार अदा करती रहेगी

राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण और सचिव डॉ बसंत सिंह सोलंकी का मंसूर अकादमी चूरू की तरफ से आभार व्यक्त किया गया। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के अध्यक्ष दुलाराम सहारण और राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2020 में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर डॉ शमशाद अली और उनके पिता लाल मोहम्मद चेजारा का राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर और मंसूर अकादमी चूरू की जानिब से अभिनंदन और सम्मान किया गया। मुशायरा व कवि सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि मोहम्मद रफीक मर्चेंट फतेहपुर थे। ऑल राजस्थान मुशायरा और कवि सम्मेलन का संचालन इदरीस राज चुरूवी और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शमशाद अली ने किया

इस अवसर पर प्रोफेसर कमल सिंह कोठारी,कुमार अजय, लाल मोहम्मद चेजारा, श्याम सुंदर शर्मा प्रोफेसर एल एन आर्य, हाजी यूसुफ खां चौहान,कमल शर्मा, हाजी फजले हक, हसन रियाज चिश्ती,मुकुल भाटी, अमर सिंह कस्वां,भँवर लाल कस्वां, रमजान खान दोलतखानी, मोहम्मद याकूब चेजारा, अलाउद्दीन खान, मोहम्मद अली चेजारा,फारुख चेजारा, एडवोकेट सद्दाम हुसैन, महमूद चेजारा,इलियास जाफर चेजारा, इलियास, अब्दुर रहमान। 








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