Type Here to Get Search Results !

जिसमें आसक्ति होती है, उसमें दोष नहीं दिखते - महंत क्षमाराम जी


खबरों में बीकानेर




औरों से हटकर सबसे मिलकर

जिसमें आसक्ति होती है, उसमें दोष नहीं दिखते - महंत क्षमाराम जी


सत्य ना बोले तो ना सही लेकिन असत्य नहीं बोलना चाहिए - महंत क्षमाराम जी
जिसमें आसक्ति होती है, उसमें दोष नहीं दिखते - महंत क्षमाराम जी
बीकानेर। संतो ने कहा है, सत्य से व्यवहार में नुकसान होता हो तो नहीं  बोलना चाहिए, लेकिन असत्य तो बोलना ही नहीं चाहिए। झूठ नहीं बोलना है, इस पर जोर देना चाहिए। 

अच्छा करना है, इस पर कहीं-कहीं चूक हो सकती है। लेकिन बुरा नहीं करना है, इस पर चूक हो ही नहीं सकती। जिसमें आसक्ति होती है, उसके दोष दिखते नहीं हैं, जिससे वैर होता है, उसके गुण दिखते नहीं है। 

 ऐसे सद्ज्ञान भरे वचन सींथल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महंत क्षमाराम जी महाराज ने सोमवार को गोपेश्वर बस्ती स्थित गोपेश्वर- भूतेश्वर महादेव मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीरामचरितमानस का पाठ करते हुए कहे। 

महंत क्षमाराम जी महाराज ने प्रथम दिन  भगवान शंकर के और सती के सीता का रूप  बनाकर प्रकट होने, बाद में सती का दक्ष के यज्ञ में जाने और वहां पर यज्ञ में स्वयं को जला लेने, इसके बाद फिर पार्वती के रूप में जन्म लेने, भगवान शंकर और पार्वती जी के विवाह  सहित कई प्रसंग सुनाए। महंत जी ने चौपाइयों और दोहों का पाठ कर उनका विस्तारपूर्वक वर्णन सुनाया।


महंत जी ने कहा रामकथा बड़ी श्रेष्ठ है, कोई भी कथा सुनें तो रुचि पूर्वक सुननी चाहिए। बगैर रुचि के  कथा सुनना, कथा का अनादर होता है। महंत जी ने निर्गुण और सगुण में  पानी और बर्फ का उदाहरण देकर भेद बताया। 




नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयां 🌹- मोहन थानवी 







Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies