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नीरव मोदी से दोगुना बड़ा घोटाला, एसबीआई सहित 28 बैंकों को एक साथ लगाया चूना,
एबीजी शिपयार्ड लि. के चेयरमैन-एमडी सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर
नई दिल्ली । अगर बैंकिंग घोटालों की बात की जाए तो अधिकतर लोगों के दिमाग में नीरव मोदी का पीएनबी घोटाला ही आता है। नीरव मोदी ने पीएनबी को करीब 12 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया था। खैर, अब नीरव मोदी से भी बड़ा बैंकिंग फ्रॉड सामने आया है।
सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह घोटाला नीरव मोदी के घोटाले से लगभग दोगुना बड़ा (22842 करोड़ रु. है।
एक दो नहीं, पूरे 28 बैंकों के साथ हुआ है फ्रॉड
सीबीआई के अनुसार यह धोखाधड़ी भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 28 बैंकों के एक समूह के साथ हुआ है। इनमें आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक जैसे बड़े-बड़े बैंक भी शामिल हैं। सीबीआई ने इस घोटाले में शनिवार को महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों के 13 स्थानों पर छापे मारे, जिसके बाद कई दस्तावेज बरामद किए।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह मुकदमा भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक संघ से कथित रूप से 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया। यह सीबीआई की ओर से दर्ज किया गया सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।
एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन
कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी,
निदेशकों - अश्विनी कुमार, सुशील कुमार
अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक
अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप
से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया।
कैसे पता चला घोटाले का?
सीबीआई के अनुसार बैंकों के इस समूह
की तरफ से एसबीआई की मुंबई शाखा के
डिप्टी जरनल मैनेजर बालाजी सिंह सामंता
25 अगस्त 2020 को इस फ्रॉड की
लिखित शिकायत की थी। इस शिकायत के
बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर के
जांच शुरू की, जिसके बाद इस घोटाले का
पर्दाफाश हुआ। बैंक घोटाले का समय
अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक
बताया जा रहा है। मामले की जांच की
आंच आने वाले दिनों में बैंकों के बड़े-बड़े
अधिकारियों तक पहुंच सकती है। मुमकिन है कि इसके कुछ राजनीतिक
कनेक्शन भी निकलें और कुछ नेताओं के नाम भी बाहर आएं।
क्या करती है कंपनी?
एबीजी शिपयार्ड कंपनी सूरत में है, जो पानी के जहाज बनाती है, उससे जुड़े सामान बेचती है और जहाजों को रिपेयर करती है। इस कंपनी ने
कई जहाज विदेशों में भी बेचे हुए हैं, यह कंपनी अनेक प्रकार के लोटिंग क्रेन इंटरसेप्टर बोट आदि भी बना चुकी है। इस कंपनी ने ना सिर्फ इन बैंकों के समूह से लोन लिया है, बल्कि कई तरह की क्रेडिट सुविधाएं भी ली हुई हैं। यह भी पता चला है कि कंपनी ने करीब 236 करोड़ रुपये सिंगापुर भेजे थे। पता चला है कि कंपनी ने जिस काम के लिए लोन लिया था, पैसे उसमें
लगाने के बजाए उससे कई जगह प्रॉपर्टीज खरीद लीं। इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करते हुए पैसे एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजने का मामला भी सामने आया है।
सूत्रों ने बताया कि इस कंपनी के कई अन्य घोटाले जांच के दौरान सामने आ सकते हैं। दूसरी ओर गुजरात के कॉरपोरेट सैक्टर में इस घोटाले के सामने आने के बाद खलबली मची हुई है।
C P MEDIA युगपक्ष हिस



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