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कोरोना इन राजस्थान : 3 जनवरी से होगी सख्ती, सभी उपाय सुनिश्चित कर स्प्रेडिंग रोकें — मुख्यमंत्री

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कोरोना इन राजस्थान : 3 जनवरी से होगी सख्ती, 
सभी उपाय सुनिश्चित कर स्प्रेडिंग रोकें — मुख्यमंत्री 
 


कोविड समीक्षा बैठक-
सभी उपाय सुनिश्चित कर स्प्रेडिंग रोकें — मुख्यमंत्री 
कोविड प्रोटोकॉल की पालना नहीं करने पर 3 जनवरी से होगी सख्ती

जयपुर, 31 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने विगत दिनों से जयपुर में बढ़े कोविड संक्रमण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभावी उपाय सुनिश्चित कर राजधानी सहित सम्पूर्ण प्रदेश में कोरोना की स्प्रेडिंग को रोका जाए। उन्होंने कहा कि कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना नहीं हुई तो सरकार 3 जनवरी से सख्त एवं एहतियाती कदम उठाने को मजबूर होगी। श्री गहलोत ने कहा कि पहली लहर के समय जिस मुस्तैदी से रामगंज एवं भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण रोका गया था, उसी गंभीरता से हमें अब भी संक्रमण को रोकना है। संक्रमण की घातकता से बचाने में वैक्सीन सबसे कारगर है। ऎसे में 31 जनवरी तक सभी पात्र लोगों को दूसरी डोज अनिवार्य रूप से लगाई जाए। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। 

श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से जयपुर में कोविड केसेज की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों में यह भ्रांति है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कम घातक है, जबकि वास्तविकता में यह बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि जिन वायरस की प्रसार क्षमता (आर वैल्यू) अधिक होती है, उनमें बदलाव (म्यूटेशन) भी शीघ्र होता है। जैसा कि दूसरी लहर के समय देखने में आया था। अल्फा वैरिएंट से म्यूटेट होकर कब डेल्टा वैरिएंट सामने आ गया, पता ही नहीं चला और इस खतरनाक वायरस ने पूरे विश्व में भयंकर तबाही मचा दी। ऎसे में यह नहीं कहा जा सकता कि ओमिक्रॉन वायरस कब घातक रूप ले ले और हमारे सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो जाए। ऎसे में पूरी सजगता और सतर्कता बरतना जरूरी है। कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना ही हमें तीसरी लहर से बचाएगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमण का समय पर पता लगाकर इसका प्रसार रोकने के लिए टेस्टिंग बढ़ाएं और सघन कॉन्टेक्ट टे्रसिंग की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन इलाकों में अधिक केस आ रहे हैं, वहां कन्टेनमेंट जोन की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर सहित सम्पूर्ण प्रदेश में अभियान चलाकर शत-प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे 31 जनवरी तक सम्पूर्ण वैक्सीनेशन आवश्यक रूप से कराएं।श्री गहलोत ने कहा कि कोविड की पहली एवं दूसरी लहर में कोविड से बचाव के लिए जिस तरह जागरूकता अभियान चलाया गया था, उसी तरह प्रदेशभर में संक्रमण से बचाव के लिए लाउड स्पीकर, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, एफएम आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी की सजगता और सतर्कता से ही कोविड के प्रसार को रोका जाना संभव हो सकेगा।

चिकित्सा मंत्री श्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 8 राज्यों में सख्त उपाय बरतने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान भी इनमें शामिल है। चिकित्सा विभाग प्रदेशभर में टेस्टिंग सहित तमाम व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहा है।
कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास, गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव, विधायक श्री अमीन कागजी, श्री रफीक खान, महापौर जयपुर हैरिटेज श्रीमती मुनेश गुर्जर, महापौर जयपुर ग्रेटर श्रीमती शील धाबाई ने भी विचार व्यक्त किए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं जयपुर जिला प्रभारी सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा कि विगत दिनों में जयपुर में कोविड से बढ़े केसों को ध्यान में रखते हुए एन्फोर्समेंट को बढ़ाना जरूरी है, ताकि कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना हो सके।

प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार ने बताया कि जयपुर में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन, नाइट कफ्र्यू, होम क्वारंटीन आदि व्यवस्थाओं को पहले की तरह प्रभावी बनाना होगा। साथ ही, अंतिम संस्कार, शादी समारोह, धार्मिक स्थल सहित अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों की संख्या को और सीमित किया जा सकता है।

जिला कलेक्टर श्री अन्तर सिंह नेहरा ने जयपुर में कोविड केसेज की स्थिति, वैक्सीनेशन, कन्टेनमेंट जोन सहित संक्रमण रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 दिसम्बर को जिले में एक्टिव केसों की संख्या 83 थी, जो 30 दिसम्बर को बढ़कर 521 हो गई है। गुरूवार को एक ही दिन में 185 पॉजिटिव केस मिले हैं। प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए शहर को 23 जोन में बांटकर आरएएस अधिकारियों को इन्सीडेंट कमांडर के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।

बैठक में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह, आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि दुनिया के अन्य देशों तथा देश के अन्य राज्यों की तरह जयपुर में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। यह वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कई गुना तेजी से फैलता है। इससे बचने के लिए हमें लगातार सावधानी बरतने की जरूरत है। जमीनी स्तर पर कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना के लिए निरंतर सख्त उपाय अपनाने चाहिए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, जयपुर पुलिस आयुक्त श्री आनंद श्रीवास्तव, शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, जेडीसी श्री गौरव गोयल, नगर निगम आयुक्त जयपुर ग्रेटर श्री यज्ञमित्र सिंह, नगर निगम आयुक्त जयपुर हैरिटेज श्री अवधेश मीणा, सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा एवं डॉ. हंसराज बधालिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और चिकित्सा विशेषज्ञ उपस्थित थे।






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